सबरीमाला तीर्थयात्रा शुरू, श्रद्धालुओं को बोतलों में दिया जा रहा औषधीय पेयजल

सबरीमाला, कोरोना महामारी के कारण बरती जा रही सतर्कता के बीच शीर्ष मंदिर निकाय त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर अहम कदम उठाया है। प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को ट्रेकिंग के दौरान वितरित किया जाने वाला औषधीय पेयजल अब बोतलों में दिया जाएगा। नई प्रणाली के तहत तीर्थायत्रियों को स्टील की बोतल में यह पेयजल वितरित किया जाएगा। तीर्थयात्रियों को इसके लिए 200 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसमें वो आधार शिविर पंबा में अंजनेया सभागार से औषधीय पेयजल प्राप्त कर सकते हैं। यहा राशि रिफंडेबल होगी, यानि कि जब दर्शन के बाद स्टील की बोतल को काउंटर पर लौटाया जाएगा, तो जमा राशि वापस कर दी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, ट्रेकिंग मार्ग में पंबा, चारलामेडु, ज्योतिनगर और मलिकप्पुरम जैसे विभिन्न बिंदुओं पर भी डिस्पोजेबल पेपर ग्लास में यह पानी वितरित किया जाता है। प्रत्येक तीर्थयात्रा के मौसम के दौरान भगवान अयप्पा के भक्तों के बीच वितरित किए जाने वाले औषधीय पेयजल को ‘चुंक’ (सूखे अदरक), ‘रामचम’ (वीटिवर) और ‘पैथिमहेम’ (सपनवुड) जैसी हर्बल को उबालकर तैयार किया जाता है। औषधीय पेयजल वितरण केंद्रों पर ही तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी इसे वितरित करते हैं, वे मास्क, फेस शील्ड और दस्ताने पहनते हैं औक कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हैं। वर्तमान में, सबरीमाला में चार औषधीय जल वितरण केंद्रों में शिफ्ट में तीन से चार कर्मचारी काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि कुल 55 अस्थायी कर्मचारी दिन में आठ घंटे काम कर रहे थे। धनु एस कृष्णन औषधीय पेयजल कार्यक्रम के लिए विशेष अधिकारी हैं। कोविड-19 निर्देशों के बीच सबरीमाला में दो महीने चलने वाला वार्षिक मंडला-मकरविलक्कू का सीजन 16 नवंबर से शुरू हुआ था। यह कोरोनो वायरस प्रकोप के बाद पहाड़ी मंदिर में पहला वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन है।

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