फिटनेस

शीर्षासन से हैं फायदे
योग में कुछ आसान ऐसे होते हैं जो क्रियात्मक के साथ-साथ आध्यात्मिक भी होते हैं। इसी में से एक है शीर्षासन। इसमें सिर के बल उल्टा खड़े होते हैं, जिसके आध्यात्मिक फायदे तो हैं ही साथ ही हमारे शरीर के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है, कान बेहतर तरीके से काम करते हैं और बाल भी ठीक रहते हैं।
ऐसे करें आसन
सबसे पहले खड़े हो जाएं। इसके बाद हाथों को आगे जमीन पर रख लें और शरीर से एक त्रिकोण बनाएं।
अब सिर को जमीन में रखें और पैरों को ऊपर उठा कर उल्टे खड़े हो जाएं।
आयंगर पद्धति से
प्रकार एक
इसके लिए आपको एक उपकरण बनवाना होगा। इसमें लकड़ी के पटल में एक लकड़ी का डंडा जैसा लगवा लें। इसके बाद उस पटरी पर सिर रखकर उल्टे हो जाएं और उस पिलर से बॉडी को सटाकर सपोर्ट दें।
प्रकार दो
इसमें दो स्टूल लें और उस पर फोम के दो ब्रिक रखें। अब दोनों स्टूलों के बीच सिर रख लें जबकि पैरों को दीवार से सहारा दें।
प्रकार तीन
इसमें दीवार में दो रस्सी बांध लें और बीच में एक-एक गठान लगा दें। अब उन को पकड़कर उल्टे लटक जाएं।
आसन के फायदे
इस आसन से शरीर में आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है।
मांसपेशियों के साथ पंच इंद्रियों का तनाव कम होता है।
बाल स्वस्थ होते हैं और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
कान में सुनने की क्षमता में वृद्धि होती है।
साथ ही मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह भी बेहतर होता है।

पैदल चलें और रहें फिट
पैदल सैर करने से बहुत से फायदे हैं इससे न सिर्फ शरीर में ऊर्जा बनी रहती है बल्कि यह फिटनेस के साथ रोगों से छुटकारा पाने या रोगों को दूर रखने का सबसे आसान तरीका भी है। हर दिन पैदल चलने से आपको क्या-क्या फायदें होंगे यह जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे।
कुछ कदम पैदल चलने से कई तरह की बीमारियों से बचाव के अलावा मानसिक मजबूती भी मिलती है। बावजूद इसके, लोग थोड़ा-सा भी पैदल चलने से कतराते हैं। यहां तक कि ऑफिस, कॉलेज या शॉपिंग मॉल में सीढ़ियों की बजाय लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना 20 मिनट भी पैदल चला जाए, तो इससे बिगड़े हुए ग्लूकोज के स्तर को ठीक किया जा सकता है, साथ ही दिल की बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
कदम बढ़ाएं, दर्द भगाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दिन में पैदल चला जाए, तो घुटने, कूल्हे में दर्द से राहत के साथ ही टखनों या पैरों में आई जकड़न को दूर किया सकता है। इसके साथ ही हफ्ते में 80 मिनट तेज चलना चाहिए, क्योंकि इससे कई तरह की बीमारियां दूर की जा सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, रोजाना दो हजार कदम चलने वाले लोगों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत जोखिम कम पाया गया है।
“पैदल चलने से ब्रेन में सेरोटोनिन नामक केमिकल रिलीज होता है। इससे लोग मानसिक रूप से बेहतर होते हैं।”
जब रोजाना पैदल चलने की आदत बन जाती है, तो एंडोर्फिन नाम हार्मोन का रिसाव होता है, जिसे फील गुड हार्मोन कहा जाता है। इसके रिलीज होने से व्यक्ति के मूड में सुधार होता है और वह अच्छा महसूस करता है। साथ ही पेड़-पौधों के बीच चलने से ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है।
उम्र बढ़ती है
डॉक्टर कहते हैं कि व्यक्ति जितना ज्यादा पैदल चलता है, उसकी उम्र में इजाफा होता है। पैदल चलने से उम्र के ढलान पर पहुंचने के बावजूद इंसान शारीरिक रूप से मजबूत रहता है। इससे उनमें उम्र के साथ दिखने वाली समस्याओं का असर बेहद कम दिखता है। रोजाना पैदल चलने से सेहत बेहतर रहता है और उम्र बढ़ती है।
“चलने से न केवल शरीर को मिलने वाले ऑक्सिजन की मात्रा में बढ़ोतरी होती है, बल्कि इसमें ढेर सारी कैलरी भी लगती है, जिससे मोटापा नियंत्रण में मदद मिलती है।”
पैदल चलेंगे, तो मोटापा भागेगा
वैसे तो मोटापा अपने आप में एक बीमारी है, लेकिन कई बीमारियों की वजह भी मोटापा है। बदलती जीवनशैली और फास्ट फूड पर बढ़ती निर्भरता के कारण तेजी से यह समस्या लोगों को अपनी जद में ले रही है। डॉक्टरों के अनुसार, मोटापा डायबीटीज, दिल के रोग, जोड़ों के दर्द की सबसे बड़ी वजह है। इसके अलावा, इसके कारण बढ़ती उम्र में अल्जाइमर तक की दिक्कत हो सकती है। डॉक्टर बताते हैं कि पैदल चलने से मोटापा दूर होता है।
घटता है स्ट्रोक का खतरा
जो लोग रोजाना पैदल चलते हैं, उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बेहद कम हो जाता है, क्योंकि जो भी हम खाते हैं, पैदल चलने की वजह से वह पच जाता है और कैलरीज बर्न हो जाती है। स्ट्रोक उन लोगों को ज्यादा होता है, जो पैदल नहीं चलते या कोई व्यायाम नहीं करते। ऐसे में वह जो भी खाते हैं, कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होने लगता है, जिसकी वजह से स्ट्रोक हो सकता है। “पैदल चलने से इंसान सेहतमंद रहता है। सुबह के वक्त पैदल चला जाए, तो इससे शरीर को विटामिन डी भी मिलता है।

दलिया से कोलेस्ट्रॉल रहे कंट्रोल
यदि आप रोज सुबह 50 ग्राम दलिये खाते हैं तो यह आपके शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होगा। दलिया विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें लो कैलोरी और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दलिया एक ऐसा आहार है जो आपके शरीर में सभी पोषक तत्वों की मात्रा को पूरा करता है। सुबह में दलिया खाने से दिनभर के लिए जरूरी सभी तत्व पूरे हो जाते हैं। आजकल कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या आम है। दलिया में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही फाइबर पाए जाते हैं। शरीर में उच्च मात्रा में फाइबर होने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है। जिससे व्यक्ति को हृदय रोग होने की संभावना न के बराबर रहती है। एक शोध से भी साफ हो चुका है जो लोग प्रतिदिन दलिये का सेवन करते हैं, उन्हें हृदय रोग होने की आशंका न के बराबर होती है। भागदौड़ भरी जिंदगी और आधुनिक जीवनशैली के बीच युवाओं में वजन बढ़ने की आम समस्या है। कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा वाले दलिये को सुबह के समय नाश्ते में खाने से शरीर में पूर्ण आहार पहुंचता है। जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है। थोड़ी सी मात्रा में ही दलिये का सेवन करने से आप पेट को भरा हुआ महसूस करते हैं। आजकल हड्डियों में कमजोरी आम समस्या है। मैग्नीशियम और कैल्शियम का खजाना होने के कारण दलिये का नियमित सेवन हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। दलिया का नियमित सेवन करने वालों को उम्र दराज होने पर जोड़ों के दर्द की शिकायत नहीं होती। इसके अलावा दलिया खाने से पित्त की थैली में पथरी की समस्या भी दूर होती है। आजकल यह महिलाओं में होने वाली सबसे बड़ी समस्या बन गई है। साबुत अनाज चाहे वह दलिया हो या कुछ और उसमें फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका कम होती है। शोध से यह साफ हो चुका है कि फाइबरयुक्त अनाज से लंग, ब्रेस्ट, ओवेरियन कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से निजात पाया जा सकता है। दलिया और साबुत अनाज में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है। मैग्नीशियम लगभग 300 प्रकार के एंजाइम बनाता है, खासतौर पर ऐसे एंजाइम जो इंसुलिन के बनने में मददगार होते हैं। साथ ही ये ग्लूकोज की जरूरी मात्रा को भी ब्लड तक पहुंचाते हैं। रोजाना दलिया का सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। दलिये का सेवन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाता है।

सेहत के लिए समय पर खाना फायदेमंद
अधिकतर लोग यह जानने उत्सुक रहते हैं कि कितनी बार खाना खाने से सेहत ठीक रहती है। हम में ज्यादातर लोग दिन में केवल 3 बार खाना खाने पर जोर देते हैं। वो 3 समय हैं ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिनभर में 4-5 बार थोड़े-थोड़े समय पर कुछ ना कुछ खाना पसंद करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि दिन में तीन बार खाने से सेहत अच्छी रहती है क्योंकि इस तरह खाने से खाना सही तरीके से हजम हो जाता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि दिन में 5 से 6 बार थोड़े- थोड़े समय पर खाने शरीर हेल्दी रहता है।
विशेषज्ञों के अनुसार दिनभर में समय-समय पर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इस तरह खाने से हमारे शरीर में फैट बर्न होने की क्षमता तेज हो जाती है। साथ ही इस तरह से खाने से हमारी मेटाबॉलिज्म पॉवर मजबूत होती है।
समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा खाने से ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है। शरीर में एनर्जी बनी रहती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो दिन में तीन बार हेवी खाने के बजाए गेप करके थोड़ा-थोड़ा खाएं। खाना खाने का यह तरीका सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इस तरह खाने से शरीर में मेटाबॉलिज्म स्थिर रहता है जिस कारण आसानी से वजन कम किया जा सकता है।
डायबिटीज के मरीजों को दिन में कम से कम 5 बार थोड़े-थोड़े समय पर खाना चाहिए क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। साथ ही इससे केलोरीज बर्न होती हैं और शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलता है।
हालांकि, हर व्यक्ति का शरीर अलग तरह से काम करता है। इसलिए अपने शरीर के ध्यान में रखकर ही हमें खाना चाहिए। आप चाहें दिन में 3 बार खाना खाएं या 6 बार, जरूरी है कि आपका मेटाबॉलिज्म सही तरीके से काम कर सके।
अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं हैं कि आपके शरीर के लिए दिन में कितनी बार खाना फायदेमंद होगा तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

केसर से ठीक रहे सेहत
केसर सबसे महंगे मसालों में से एक है। औषधीय गुणों से भरपूर केसर का इस्तेमाल खूबसूरती बढ़ाने के लिए कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है। केसर का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है लेकिन केसर के सेवन से सेहत को भी कई फायदे होते हैं।
कैंसर से बचाव- केसर में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये शरीर में मौजूद नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करके शरीर को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। कई टेस्ट ट्यूब स्टडी में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि केसर में मौजूद कंपाउंड शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं या उनकी ग्रोथ को रोक देते हैं।
वजन कम करने में मददगार- स्टडी के मुताबिक, केसर के सेवन से भूख कम लगती है। 8 हफ्तों तक चली एक स्टडी के दौरान जिन महिलाओं ने केसर का सेवन किया उनको भूख कम लगी, जिस कारण उन्होंने स्नैक्स कम खाए। इससे सामने आया कि केसर खाने वाली महिलाओं का दूसरी महिलाओं के मुकाबले वजन ज्यादा कम हुआ हालांकि, इस बात की पुष्टि करने के लिए अभी और रिसर्च होनी बाकी है।
याददाश्त बढ़ाए- रिपोर्ट में सामने आया है कि केसर के सेवन से याददाश्त तेज होती है। जापान में केसर को कैप्सूल की फॉर्म में याददाश्त बढ़ाने और शरीर की सूजन को कम करने के लिए खाया जाता है।
जुखाम में फायदेमंद- सर्दी जुकाम में केसर बहुत फायदा पहुंचाता है। केसर को दूध में मिलाकर माथे पर लगाने से जुखाम जल्दी ठीक हो जाता है।
दिल की बीमारी में फायदेमंद- अध्ययन के मुताबिक, केसर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ब्लड कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करते हैं, जिससे ब्लड वेसेल्स आर्टरीज में ब्लॉकेज नहीं होता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में लाभकारी- केसर आंखों की परेशानी को दूर करने में भी मददगार होता है। एक अध्ययन में इस बात को साबित किया गया है कि केसर के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

बाजरे के हैं फायदे
गेहूं, मक्का और ज्वार की तरह ही बाजरा भी एक स्वादिष्ट और पौष्ट‍िक अनाज है। सर्दी के दिनों में अगर आप विशेष तौर पर बाजरा का सेवन करते हैं, तो आप पा सकते हैं सेहत के यह पांच फायदे। सर्दी के दिनों में बाजरा का सेवन शरीर में अंदरूनी गर्माहट बनाए रखने के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यही कारण है कि ज्यातर लोग ठंड के मौसम में बाजरे की रोटी या अन्य व्यंजन खाना पसंद करते हैं। यह कैल्शियम से भरपूर होता है, और आप किसी भी कैल्शियम विकल्प की जगह इसका सेवन कर सकते हैं। इन दिनों में होने वाली जोड़ों की समस्या वऑस्ट‍ियोपोरासिस में यह बेहद लाभकारी है।
सर्दी में भूख अधिक लगती है और आप इन दिनों में कई तरह के व्यंजन बनाकर ज्यादा खाते भी हैं, तो वजन बढ़ना लाजमी है लेकिन बाजरा का प्रयोग वजन कम करने में आपकी मदद करता है। इसमें भरपूर मात्रा में डायट्री फाइबर होते हैं जो पाचन में लाभकारी होते हैं और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर मोटापा घटाने में मददगार साबित होते हैं।
बाजरा में ट्रायप्टोफेन अमीनो एसिड पाया जाता है, जो भूख को कम करता है। इसका सेवन सुबह के नाश्ते में करने से लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगती और पेट भरा रहता है।

पेट और गले को ठीक रखता है अदरक
आमतौर पर हर घर की रसोई में मिलने वाला अदरक गले और पेट के लिए अदरक बेहद फायदेमंद होता है। अदरक का सेवन हाजमे को ठीक रखता है पर अदरक के टुकड़े के साथ थोड़ा सा नमक मिलाने से इसका फायदा दोगुना हो जाता है और कफ या बलगम की समस्या से तत्काल राहत मिलती है।
अदरक, श्वास नली के संकुचन में हो परेशानी से निजात दिलाता है है, जिससे सूखी खांसी से निपटने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट गले और सांस लेने वाली नली में जमा टॉक्‍सिन को साफ करता है और कफ को बाहर निकालता है। यही नहीं अदरक में ऐसे गुण भी पाए जाते हैं, जो अस्‍थमा और ब्रोंकाइटिस को दूर करने में लाभदायक होते हैं। यदि अदरक में नमक मिला दिया जाए तो इसकी ताकत दोगुनी बढ़ जाती है क्‍योंकि नमक गले में फसे म्‍यूकस को निकालने में तेजी से मदद भी करता है और बैक्‍टीरियल ग्रोथ को भी रोकता है।
अदरक और नमक
अदरक को छील कर धो लें और छोटे टुकड़ों में काटें। फिर उस पर थोड़ा सा नमक छिड़के। अब इसे चबाएं और इसका रस निगल लें। उसके बाद शहद चाटना ना भूलें जिससे इसका स्‍वाद गायब हो जाए। अदरक और नमक को एक साथ चबाने से बहुत ज्‍यादा असर होता है। इसका स्वाद बहुत कसैला होता है इसलिए बहुत से लोग इस तरह इसे नहीं खा पाते इसलिये आप चाहें तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
अदरक का काढा
इसे बनाने के लिये एक गिलास खौलते हुए पानी में थोड़े से अदरक के टुकड़े डालें और नमक मिलाएं। फिर पानी को आधा हो जाने तक खौलाएं और गैस बंद कर दें। फिर इसे छान कर रख लें और जब यह पीने लायक ठंडा हो जाए तब इसे पी लें। इससे आपका कफ, बलगम, खांसी और जुकाम आदि से तो राहत मिलेगी ही और पेट भी साफ रहेगा जिससे आप से सभी तरह की बीमारियां कोसों दूर रहेंगी।
गंजेपन से होता है बचाव
खाने पीने मे लापरवाही और बदलते मौसम के चलते कम उम्र में ही बाल झड़ने की समस्या आजकल आम बात है। युवाओं के लिए यह परेशानी एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं।
अगर आप भी ऐसी ही किसी परेशानी से ग्रस्त हैं तो अदरक का ये नुस्खा आपकी मदद कर सकता है।
अगर आप बाल घने करने के लिए कई तेल और दवा खाकर देख चुके हैं तो इसे भी आजमा कर देखिए।
अदरक एक एंटी बैक्टीरियल औषधि माना जाता है। अदरक एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने की वजह से इसके प्राकृतिक गुण बालों को झड़ने से भी रोकते हैं। गंजेपन की समस्या से निजात पाने के लिए आप अदरक के रस को नींबू के रस में मिलाकर बालों में लगाएं। ऐसा करने से बालों से डैंड्रफ की समस्या भी दूर होगी और बाल झड़ने बंद हो जाएंगे।
बालों में अदरक लगाते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि इसके रस का एसिडिक नेचर होने की वजह से ये आपके बालों में रुखापन कर सकता है इसलिए अदरक का रस लगाने के बाद हमेशा अपने बालों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।

जिम जाएँ इन बातों का रखें ख्याल
आजकल फिटनेस बनाये रखने जिम जाने का चलन बढ़ता जा रहा है। अगर आप भी जिम जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें। जिम में वर्कआउट करते समय आमतौर पर लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है। शरीर में बदलाव लाने के लिए जरूरी है कि जिम में या जिम के बाद कुछ ऐसी गलतियों को नहीं करना चाहिए।
सप्लीमेंट
शरीर में जल्दी बदलाव लाने के लिए वर्कआउट करने के बाद सप्लीमेंट लेना आम बात हो गई है लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। सप्लीमेंट सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सप्लीमेंट की बजाय दूसरी स्वस्थवर्धक चीजों को लेना चाहिए।
कार्बोहाइड्रेट
जिम में वर्कआउट करने के बाद प्रोटीन का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है पर जिम में वर्कआउट करने के बाद कार्बोहायड्रेट मिली चीजों का सेवन न करें।
कार्डियो एक्सरसाइज
जिम में एक्सरसाइज की शुरुआत कार्डियो एक्सरसाइज से करनी चाहिए लेकिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वर्कआउट करने के बाद कार्डियो एक्सरसाइज ना करें। शुरुआत में कार्डियो एक्सरसाइज करने के बाद नियमित व्यायाम करना चाहिये।
स्ट्रेचिंग
कई बार एक्सरसाइज खत्म करने के बाद शरीर में दर्द रहता है. इससे निजात पाने के लिए स्ट्रेचिंग करना काफी फायदेमंद साबित होता है। वर्कआउट करने के बाद या कार्डियो एक्सरसाइज करने के बाद स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। इससे वर्कआउट खत्म करने के बाद शरीर में दर्द की शिकायत नहीं होती है।
स्पोर्ट्स ड्रिंक
एक्सरसाइज खत्म करने के बाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करने के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक का काफी लोग इस्तेमाल करते हैं पर ये शरीर के लिए सही नहीं है। स्पोर्ट्स ड्रिंक शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी तो कर देता है लेकिन इसमें शुगर होने के कारण शरीर में अतिरिक्त कैलोरी आ जाती है। स्पोर्ट्स ड्रिंक की जगह नारियल पानी का सेवन करें।
कैलोरी बर्न
कई लोग वर्कआउट करने के बाद कितनी कैलोरी बर्न की है, उस हिसाब से जंक फूड या दूसरी चीजें खाते हैं जो और भी नुकसान देह होता है। इससे फैट में बढ़ोतरी होती है।

सूखे मेवे का नाश्ता
सुबह उठते ही कुछ लोग गुस्से में दिखते हैं या उदास नजर आते हैं। ऐसे में हमें समझ नहीं आता कि क्या किया जाये। अगर आप के साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो अपने खान-पान पर ध्यान दें। खान पान का असर सेहत के साथ ही दिमाग पर भी पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो सेहत के साथ-साथ मूड को भी ठीक रखते हैं। आइए जानते हैं इसमें से कौन से एक चीज खाने से किस तरह आप पूरा दिन खुश रहेंगे।
सूखे मेवे
नाश्ते में सूखे मेवों का सेवन जरूर करें। इसमें आप बादाम, काजू, पिस्ता, किश्मिश आदि किसी भी तरह का मेवा खा सकते हैं। इसमें मौजूद सेलेनियम नामक खनिज पदार्थ चिंता,थकावट, उदासी आदि कम करने में मददगार है। इससे आप अच्छा और तरोताजा महसूस करेंगे।
चॉकलेट
हर समय खुद को दुखी महसूस करते हैं तो चॉकलेट का सेवन करें। चॉकलेट में मौजूद तत्व मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को बनाए रखने में मददगार है। इससे आप तनाव मुक्त महसूस करने लगेगे और मन भी शांत बना रहेगा।
पास्ता
साबुत अनाज से बना पास्ता हैल्दी फूड की लिस्ट में शामिल है। इसमें पाई जाने वाली मैग्निशियम की मात्रा तनाव के स्तर को कम करती है।
पालक
पालक में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें आयरन, विटामिन ए और सी जैसे तत्व भी शामिल होते हैं। उर्जाबान बने रहने के लिए पालक का सेवन जरूर करें।
ओट्स ब्रेड
नाश्ते में व्हाइट ब्रेड की जगह पर साबुत अनाज से बनी डबल रोटी मैग्नीशियम की कमी को पूरा करती है। सारा दिन तनाव मुक्त रहने के लिए नाश्ते में इस ब्रेड से बना टोस्ट या फिर सैंडविच खाना फायदेमंद रहेगा।

गर्मी में रहना है फिट तो खायें दही
गर्मी के मौसम में दही खाना बेहद फायदेमंद रहता है। दही में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन के अलावा विटमिन बी6 और विटमिन बी12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। दही में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया सेहत ठीक रखता है। इसके साथ ही दही और लस्सी और छाछ के सेवन से ठंडक का अहसास होता है।
मुंह के छाले
दही को मुंह के छालों पर 2-3 बार लगाने से छाले दूर हो जाते हैं। दही और शहद को समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से भी छाले दूर हो जाते हैं।
बालों की रुसी होगी खत्म
नहाने से पहले बालों में दही से अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए। कुछ समय बाद बालों को धो लेने से बालों की खुश्की या रूसी खत्म हो जाती है।
टैनिंग ठीक होगी
गर्मियों में अक्सर शरीर पर तेज धूप पड़ने से त्वचा जल जाती है। ऐसे में टैनिंग (त्वचा की जलन) कम करने के लिए दही एक बेहतर विकल्प है। इतना ही नहीं, दही में बेसन मिलाकर लगाने से भी चेहरे पर चमक आती है।
हड्डियों की मजबूती
दही में कैल्शियम ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। यह हड्डियों के विकास में सहायक है। साथ ही दही, दांत और नाखून को भी मजबूत बनाता है। इससे मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है।
जोड़ों का दर्द करे दूर
हींग का छौंक लगाकर दही खाने से जोड़ों के दर्द में फायदा मिलता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी है।
अपच करे दूर
कई लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद ही ऐसिडिटी होने लगती है। अगर आपको भी यह समस्या है, तो खाने के तुरंत बाद या खाने के साथ एक कटोरी दही खाएं। ये आपके शरीर का पीएच बैलेंस बनाए रखेगा। साथ ही पेट में खाने से पैदा हुई गर्मी को कम करेगा जिससे ऐसिडिटी नहीं होगी। खाने के बाद दही खाने से खाना आसानी से पच जाता है।

नारियल पानी के हैं कई लाभ
नारियल पानी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं। विशेषकर गर्मियों में इसका सेवन और भी अच्छा रहता है। नारियल का पानी ना केवल रक्त संचार ठीक रखता है बल्कि कई अन्य बीमारियां होने का खतरा भी कम हो जाता है। नारियल का पानी पीने से आप ना केवल फिट रहते हैं बल्कि खूबसूरत और आकर्षक भी दिखेंगे। नारियल पानी के लाभ
वजन घटाने में मदद करता है
इसमें मौजूद मिनरल्स, पोटैशियम, मैग्नीशियम की वजह से पेट और किडनी से होने वाली बीमारियों में राहत मिलती है। यह यूरीन के उत्पादन और प्रवाह को ठीक रखता है।
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो नारियल पानी पीयें। कम फैट वाला नारियल पानी पीने से भूख कम लगती है और इससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
प्रतिरक्षा तंत्र करता है मजबूत
नारियल के पानी में कई सारे पोषक तत्व व विटामिन्स जैसे राइबोफ्लेविन, थायमीन, पायरॉक्सीन और फोलेट मौजूद होते हैं। नारियल पानी में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है व फ्लू जैसी बीमारियों से बचाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक
डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे कब्ज, हार्ट बर्न, और धीमे पाचन से मुक्ति मिलती है। वहीं त्वचा में होने वाले पिंपल,दाग-धब्बे या त्वचा संबंधी परेशानियां है तो नारियल के पानी से मदद मिल सकती है। अपने चेहरे पर नारियल का पानी लगाएं। हाथ औऱ नाखून पर भी इसे लगाने से फायदा होता है। कोलेस्ट्रॉल और फैट-फ्री होने की वजह से ये दिल के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके साथ ही इसका एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी रक्त संचार पर सकारात्मक प्रभाव डालता है

मूंगफली रखे दिल और दिमाग को फिट
आजकल बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए पर्याप्त पोषण के लिए आप मूंगफलियां का सेवन कर सकते हैं। स्वाद और गुणों से भरपूर यह मूंगफली दिमाग की ताकत बढ़ाने के साथ ही दिल को भी ठीक रखती है। वहीं पोटेशियम, कॉपर, केल्शियम, आयरन और सेलेनियम जैसे गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगोकर खाने से उसकी पौष्टिकता और भी बढ़ जाती है। भीगी हुई मूंगफली कैसे होती है लाभप्रद।
गैस और एसिडिटी करे ठीक
भारी भरकम खाना पेट को फुला देता है। इस वजह से आप भरपेट नाश्ता और लंच नहीं कर पाते। इसे ठीक करने के लिए रोज़ रात एक मुठ्ठी मूंगफली के दाने भिगोएं और सुबह उठकर खा लें।
मसल्स बनाये
अगर आप अपने शरीर को सुगठित बनाना चाहते हैं तो हरदिन भीगी हुई मूंगफली खाएं। इससे धीरे-धीरे आपकी मसल्स ठीक होंगी।
जोड़ो और कमर दर्द में दे आराम
कमर और जोड़ों का दर्द बहुत दिक्कत देता है। ऐसे में मूंगफली इस रोग से आपको आराम दिला सकती है। बस भीगी हुई मूंगफली को थोड़े दिनों गुड़ के साथ खाएं।
कैंसर सेल्स बढ़ने से रोके
एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, फॉलेट, कैल्शियम और जिंक शरीर को कैंसर सेल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसीलिए रोज़ाना मुठ्ठीभर भीगी हुई मूंगफली खाएं।
दिल के दौरे का खतरा होत है कम
मूंगफली शरीर में गर्माहट लाती है, जिस वजह से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना होता है और इससे दिल स्वस्थ्य बना रहता है। हार्ट अटैक या दिल संबधियों बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
खांसी करे ठीक
मूंगफली खाने से शरीर में गर्मी और एनर्जी आती है। इसका नियमित सेवन खांसी में राहत दिलाता है।

सर्दी में न करें इनका सेवन
सर्दी को सेहत बनाने वाला मौसम माना जाता है और ऐसे में लोग खानपान पर जोर देते हैं। अधिकतर लोगों को लगता है कि सर्दी में कुछ भी खाने से सेहत को ज्यादा नुकसान नहीं होता है। इसी कारण लोग जमकर खाते-पीते हैं लेकिन ऐसा बिलकुल भी सही नहीं है। सर्दी में भी कुछ चीजों का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
कफ वाले न पीयें दूध
दूध में वो सभी गुण पाए जाते हैं जो सेहतमंद रहने के लिए जरूरी होते हैं लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सर्दी के मौसम में दूध का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, दूध की तासीर ठंडी होती है। जिस कारण दूध का सेवन शरीर में कफ बनाने का काम करता है। जिन लोगों को पहले से कफ कि शिकायत होती है उनमें दूध पीने से यह परेशानी ज्यादा हो जाती है। जिस कारण गले की तकलीफ बढ़कर सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
कॉफी, चाय का अधिक सेवन ठीक नहीं
कॉफी, चाय, हॉट चॉकलेट ज्यादातर लोगों को पसंद होते हैं। सर्दी के मौसम में लोग जमकर इन सभी चीजों का सेवन करते हैं क्योंकि यह चीजें सर्दी में गर्माहट का एहसास कराती हैं लेकिन बता दें कि, इन सभी चीजों में मौजूद फैट और कैफीन शरीर को डी- हाइड्रेट कर देता है जिस कारण हमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
रेड मीट
रेड मीट और अंडे में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है लेकिन सर्दी के मौसम में ज्यादा प्रोटीन के सेवन से आपके गले में बलगम बन सकता है। मीट के बजाए आप मछली का सेवन कर सकते हैं हालांकि मछली में भी प्रोटीन होता है, लेकिन इसके सेवन से सेहत को किसी तरह की परेशानी नहीं होती है।
बेमौसम के फल
कभी भी बेमौसम के फल ना खाएं क्योंकि ताजा ना होने की वजह से ऐसे फल सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अधिक मीठा न खायें
ज्यादा मीठा खाने से प्रतिरोधी शक्ति कम हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, ज्यादा मीठा खाने वाले लोगों में बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियों से मुकाबले की क्षमता क्षमता कम हो जाती है।
पानी पीयें अल्कोहल नहीं
सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग पानी कम पीते हैं जिस वजह से शरीर डी- हाइड्रेट हो जाता है। सर्दी में अक्सर लोग खुद को गर्म रखने के लिए अल्कोहल का सेवन जमकर करते हैं। लेकिन इसका सेवन शरीर को काफी ज्यादा डी- हाइड्रेट कर देता है, जो आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है.

सेहतमंद रहने खायें ये स्नैक्स
भूख लगने पर हमें फास्ट और जंक फूड की जगह स्वास्थवर्धक खाने का सेवन करना चाहिये। तरबूज, खरबूज के बीज या फिर मूंगफली के दाने आप हमेश अपने पास रखें। एक तो ये चीजें जल्दी खराब नहीं होतीं, दूसरे ये प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं।
सूखे फल : सूखे फल जैसे किशमिश, खुबानी, खजूर या सूखे सेब जैसी चीजें भी आप अपने पास रख सकते हैं। ये फाइबर के स्रोत हैं और पोषक तत्वों से भरे हुए हैं पर आप इनके साथ शकर न लें।
क्रैकर्स : क्रैकर्स भी स्नैक्स टाइम में खाने लायक चीजें हैं। भारतीय खाने में मठरी, खाखरे, रोस्टेड पापड़ आदि आप अपने साथ रखें। रोस्टेड धान जैसे ज्वार, गेहूं आदि भी आप इसमें शामिल कर सकते हैं। बस, इन्हें ज्यादा मात्रा में न खाएं।
पॉपकॉर्न : पॉपकॉर्न भी आप अपने साथ रख सकते हैं। पॉपकॉर्न बनाते हुए इसमें थोड़ा नमक, काली मिर्च, हल्दी, जीरा आदि डाल लें। इससे यह आपके नमकीन खाने की इच्छा को भी संतुष्ट करेगा।
डार्क चॉकलेट : यदि आपको पसंद है तो आप अपने स्नैक्स टाइम में एक-दो क्यूब्स डार्क चॉकलेट भी ले सकते हैं। कोको मैग्निशियम का बड़ा सोर्स है और मैग्निशियम एक स्वाभाविक स्ट्रैस रिलीवर है।
भुना चना : आप चाहे जो अपनी डेस्क के ड्रॉवर में रखें लेकिन जो बात भुने हुए चने में है, वह किसी और में नहीं होगी। ये प्रोटीन का पंच हुआ करते हैं।
मसाला परमल : ये विशुद्ध देसी स्नैक है, जिसे आप अपने साथ रख सकते हैं। सूखा व हल्का होने से यह रखने में आसान है। मसाला परमल आपकी हर तरह के स्वाद की इच्छा को पूरा करने की क्षमता रखता है। इसमें तेल नहीं होने से यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
नट्स: नट्स आप अपनी डेस्क की ड्रॉवर में रख सकते हैं। ये सूखे रहते हैं और एनर्जी सोर्स होने के साथ ही जल्दी भूख मिटाने वाले भी होते हैं। आप बादाम, काजू, अखरोट और चिलगोजे अपने साथ रख सकते हैं। स्नैक्स टाइम में या फिर जब भी भूख लगे, आप इन्हें खा सकते हैं। ये भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

ऐसे दूर होगा कमर दर्द
सर्दियों के मौसम में अधिकतर महिलाओं को कमर दर्द और नसें खिंचने की शिकायतें आम होती हैं। ऐसे में कुछ सावधानियां और उपाय आपको इन समस्याओं से बचाए रख सकता है। अगर आप भी अक्सर कमर के दर्द से परेशान रहती हैं और करवटें बदल बदलकर अपनी रात गुजारती हैं तो तो जीवनशैली में यह बदलाव करें। कमर दर्द की वजह से सुबह उठते ही आपको तनाव हो जाता है तो आज से मखमली गद्दों पर नहीं जमीन पर सोना शुरू कर दीजिए। शास्त्रों में जमीन पर सोने के कई लाभ बताए गए हैं। जमीन पर सोने से न सिर्फ तनाव से मुक्ति मिलती हैं बल्कि कई शानदार फायदे होते हैं।
जमीन पर सोने से व्यक्ति के कंधों के साथ शरीर का निचला हिस्सा भी सीधा बना रहता है। जिसकी वजह से शरीर में खून का बहाव सही ठंग से होता रहता है। जिसकी वजह से अगले दिन आप फ्रेश महसूस करते हैं।जमीन पर सोने से कमर दर्द, कंधों में दर्द और नसों में खिंचाव की वजह से मांसपेशियों में दर्द जैसी दिक्कतें नहीं होती। इसके अलावा व्यक्ति को हिप्स में दर्द की समस्या भी नहीं झेलनी पड़ेगी। ऑफिस में देर तक सीट पर बैठने की वजह से होने वाले कुल्हों का दर्द भी झट से गायब होता है।

नींबू से ठीक हो जोड़ों का दर्द
सर्दियों के मौसम में अधिकतर महिलाएं जोड़ों के दर्द से परेशान रहती हैं। इससे उन्हें उठने-बैठने के अलावा करवट लेने में भी तकलीफ होती है। कई बार तो तापमान कम होने के साथ ही यह जोड़ों का दर्द असहनीय भी जाता है ऐसे में कुछ घरेलु उपाय अपनाकर आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकती है। जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए व्यायाम तो एक कारगर तरीका है ही दर्द को दूर करने के लिए घरेलु नुस्खा भी काफी कारगर हो सकता है। इसमें किसी प्रकार का खर्च भी नहीं लगता।
नींबू के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द से निजात पाई जा सकती है। नींबू के छिलके को घुटने पर लगाने से दर्द में काफी आराम मिलता है। नींबू में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। नींबू में मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम विटामिन ए, सी, बी1 और बी6 पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व ही दर्द से आराम दिलाते हैं।
जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए सबसे पहले 2 नीबूं के छिलके और तकरीबन 100एमएल ऑलिव ऑयल लेना होगा। इसके बाद नींबू को किसी जॉर में डालें और फिर इसमें ऑलिव ऑयल डालिए। ऐसा करने के बाद करीब दो हफ्तों तक जॉर को बंद करके रख दें। 2 हफ्तों के बाद इस मिश्रण को रेशमी कपड़े में लेकर रात को दर्द की जगह लगाकर उसे बैंडेज से ढंककर छोड़ दें। ऐसा करने से धीरे-धीरे पुराने से पुराना दर्द भी दूर हो जाएगा।

योग से याद्दास्त हो दुरुस्त
यह तो सभी जानते हैं कि योग करके लंबे समय तक इंसान निरोगी बना रह सकता है और स्वस्थ शरीर में एक अच्छे मस्तिषक का होना आम बात है, लेकिन यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि लंबे समय तक योग करके मस्तिष्क की संरचना में बदलाव भी लाया जा सकता है। खास बात यह है कि योग के द्वारा बुढ़ापे में याद्दाश्त कम होने के जोखिम को भी खत्म किया जा सकता है। इस संबंध में किए गए अध्ययन के दौरान जब शोधकर्ताओं ने काफी लंबे समय से योग कर रहीं बुजुर्ग महिलाओं के मस्तिष्क का आकलन किया तो उन्होंने यह नतीजा निकाला कि योग मस्तिष्क की संरचना को भी बदल सकता है। दरअसल शोधकर्ताओं ने ऐसी महिलाओं के मस्तिष्क के बाएं प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में कॉर्टिकल की अधिक मोटाई पाई, जो ध्यान और स्मृति जैसे संज्ञानात्मक चेतनाओं से जुड़ा होता है। उम्र के साथ मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता में बदलाव होना आम बात है और इससे अक्सर ध्यान, स्मृति में कमी आने की शिकायत होती है। इस दौरान मस्तिष्क में एक ऐसा बदलाव होता है, जिसमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स पतला हो जाता है, जो वैज्ञानिकों के अनुसार संज्ञानात्मक गिरावट से संबंधित है। इन परिवर्तनों को बदलने और प्रक्रिया को धीमा करने के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि जिस प्रकार नियमित व्यायाम व योग से मांसपेशियों का विकास होता है, ठीक वैसे ही मस्तिष्क के साथ भी हो सकता है। आपको बतला दें कि योग और मस्तिष्क से संबंधित इस शोध को ‘फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस’ पत्रिका में प्रमुखता से स्थान दिया गया है। इस प्रकार योग सिर्फ आपको स्वस्थ ही नहीं रखता बल्कि अनेक बीमारियों को भी रोकता है, जिसमें मस्तिष्क संबंधी बीमारियां भी शामिल हैं।

मांसपेशियों का दर्द ऐसे होगा ठीक
मांसपेशियों का दर्द हमें कभी न कभी होता ही है। यह एक आम समस्या है पर इसमें लापरवाही कई बार भारी पड़ जाती है। इसमें शरीर में पानी की कमी ना होने दें। शरीर में पानी की कमी से भी पैर की उंगलियों सहित कई अंगों की मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। खासतौर पर व्यायाम के समय जब पसीना बहुत ज्यादा बहता है, तब खूब पानी पिएं। जब शरीर में पानी की कमी होती है तो अत्यधिक इलेक्ट्रोलाइट्स के कारण मांसपेशियों में ऐंठन होती है। वहीं दूसरी और यदि शरीर ज्यादा हाइड्रेट हो जाए तो भी इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। इसलिए हाइड्रेशन को संतुलित रखें। इसके लिए छोटे व्यायाम सत्र में थोड़ा-थोड़ा कर पानी पियें और लंबे व्यायाम सत्र के दौरान डायलूट स्पोर्टस ड्रिक उपयुक्त होता है। आपको दिन में भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहने की आदत डालनी चाहिये, खासतौर पर सोने से पहले क्योंकि सोते समय शरीर काफी तरल खोता है।
मिनरल्स की कमी ना होने दें
शरीर में मिनरल्स की कमी बिल्कुल न होने दें। मांसपेशियों में ऐंठन या अचानक दर्द मिनरल्स जिसे कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम की वजह से होता है। इसलिए हमें रोज जरुरत के हिसाब से कैल्शियम के 1000 मिलीग्राम और पोटेशियम की 4.7 ग्राम मात्रा लेनी चाहिए। विशेषकर मैग्नीशियम 400-420 मिलीग्राम पुरुषों के लिए और 310-320 मिलीग्राम महिलाओं के लिए आवश्यक होता है। केलों में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, साथ ही कच्चे एवकाडो, भुने आलू, पालक और वसा मुक्त या स्किम्ड दूध भी इसके अच्छे श्रोत होते हैं। आप इन्हें भी अपनी डाइट में शामिल कर सकतें हैं। साथ ही पोटेशियम और कैल्शियम का भी सेवन करें। दोनों मिनरल्स शरीर में तरल पदार्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इसके लिए पोटेशियम से भरपूर भोजन, जैसे केला, अंडा, और मछली और कैल्शियम के लिए फैट फ्री दूध या दही का सेवन करें।
मालिश करें
पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन होने पर उन्हें गर्म पानी में भिगोयें। मालिश करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। ये मांसपेशियों में ऐंठन से बचने के एककारगर और आसान तरीका है। इससे शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन की संभावना कम हो जाती है। मालिश के लिए आप कोई भी तेल प्रयोग कर सकते हैं।
रोज़ व्यायाम और स्ट्रेच करें
रोज़ थोड़ा व्यायाम करें। दिन में रोज़ पैरों और शरीर की स्ट्रेचिंग करें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन होने की संभावना भी कम होती है। अगर पैर में ऐंठन रात के समय हो तो पैरों को धीरे से स्ट्रेच करें। इससे आपके पैरों का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और मांसपेशियों में ऐंठन नहीं होती।

सेहत का खजाना सेब
हर दिन एक सेब खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कुछ लोग सेब को छिलकर खाना पंसद करते है लेकिन इससे सेब के सारे जरूरी तत्व निकल जाते है। सेब को छिलकर खाने की बजाएं छिलके समेत खाने से आपकी कई बीमारियां दूर हो सकती है और यह खाने में भी स्वादिष्ट लगता है। सेब को छिलके समेत खाने से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं।
मधुमेह से पीड़ित होने पर लोगों को छिलके समेत सेब खाना चाहिए। इसे ऐसे खाने से शुगर कंट्रोल में रहती है।
सेब को बिना छिले खाने से आपके ब्रेन सेल डैमेज नहीं होते है। इसके अलावा इसे ऐसे खाने से दिमाग भी तेज होता है।
सेब का छिलका आपको आंखों में होने वाली कैटरेक्ट की बीमारी से बचाता है। नियमित सेब खाने से आपको यह बीमारी नहीं होती है। सेब शरीर में (हीमोग्लोबीन) रक्त की कमी को ठीक करता है।
फाइबर के गुणों से भरपूर सेब का छिलका पित्त की थैली में जमा कॉलेस्ट्रोल को कम करके आपको स्टोन प्रॉब्लम से बचाता है।
सेब का छिलका दातों में कैविटी को होने से रोकता है। इसके अलावा गर्भावस्था में इसका सेवन करने से खून की कमी पूरी होती है। इसके साथ ही कैल्शियम, इंजाइम, एंटी ऑक्सीडेंट और प्लेविनाइड के गुणों से भरपूर सेब का छिलका मोटापे को दूर करने के साथ-साथ लीवर, ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर से बचाता है।

आधा घंटे का व्यायाम रखेगा बीमारियों से दूर
शरीर स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना जरुरी है। अगर आप हर दिन 30 से 40 मिनट व्यायाम करते हैं तो आप बहुत सी बीमारियों से दूर रहते हैं। एक सर्वेक्षण में कहा गया है अगर कोई आदमी 70 साल का है और वह हर रोज एक्सरसाइज करता है तो उसकी उम्र बढ़ जाती है और बीमारियों से भी दूर रहता है। यह स्वस्थ रहने के लिए यह सबसे बड़ा नुस्खा है।
स्वस्थ रहने के लिए अच्छा भोजन या कहें बैलेंस डाइट की बहुत जरूरत होती है क्योंकि आप जानते हैं ज्यादातर बीमारी गलत डाइट से होती है इसलिए बैलेंस डाइट को अपनाएं। आपके भोजन में उपयुक्त 3 से 5 लीटर पानी पिए हैं। फल और सब्जी खाएं, खाना को चबाकर खाएं, रात में कम खाना कम खाएं, किसी भी एक चीज का ज्यादा मात्रा में सेवन ना करें।
यह आपके जिंदगी का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है! लोग इस पर ध्यान कम देते हैं ! दुख देने वाले से दूर रहें, सोते समय ना सोचे, कमाई से अधिक खर्च ना करें, किसी से झूठा वादा ना करें, जिसको आप पूरा ना कर सके, बिना मतलब का कुछ ना सोचें हैं, अच्छे लोगों से मिले हैं और उसे दोस्त करें खूब हंसे और दूसरे को हंसाने की कोशिश करें। दिमाग का सीधा रिश्ता दिल से होता है अगर आप तनाव में रहते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिस से बहुत सारी बीमारियां होती हैं जैसे हार्ट अटैक आदि। अपने लाइफ स्टाइल को ठीक करें जल्दी सोए और जल्दी जगे। चिंता, क्रोध, शोक, शक और दूसरों से
वैज्ञानिक मानते हैं कि नींद सबसे बड़ी दवा है। अगर आप गहरी नींद से सोते हैं तो सुबह अपने आप को आप तरोताजा पाते हैं। इसीलिए कहा जाता है अच्छी नींद का होना बहुत जरुरी है। कम नींद होना या ज्यादा नींद का होना इसका सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पड़ता है। वैज्ञानिक अध्ययन से पाया गया है कि 8 घंटा से ज्यादा और 6 घंटे से कम नहीं सोना चाहिए। सोते समय सोचना नहीं चाहिए जिससे आपकी नींद खराब होती है और आप सही सोच भी नहीं पाते हैं क्योंकि आप थके हुए होते हैं!
लोग अपनी बीमारियों को टालने की कोशिश करते हैं या फिर अपनी बीमारियों को नहीं मानते जो नुकसानदेह है। किसी भी तखलीफ में डॉक्टरी सलाह अवश्य लें समय रहते अगर आप डॉक्टर से मिलते हैं तो आप का इलाज कम खर्च में जल्दी हो जाता है।
विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार आप हर रोज पांच अलग रंग के फल खाएं। साफ पानी तीन से 5 लीटर पीयें। दूध का सेवन करें। इसके अलावा खुश रहने के बहाने खोजें।
सिर्फ अपने आपको कामनाएं वयस्त रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आप काम के साथ ही खुश रहने के लिए अलग-अलग तरीकों को अपनाएं जैसे खेल कूद में भाग लेना, फिल्म देखना, अपने मनपसंद दोस्त से मिलना, घूमने जाना, मजाकिया आदत रखना, और मनपसंद खाना खाना आदि।
स्वस्थ रहने के लिए साफ सफाई का होना बहुत जरूरी है सिर्फ अपने आप को साफ करना बहुत बड़ी बात नहीं है। आप जो समान इस्तेमाल करते हैं उसका भी साफ होना उतना ही जरुरी है और जहां पर आपका खाना पकता है उसका भी साफ होना जरूरी है।

ऐसे पाएं मुंहासों से राहत
मुंहासे की समस्या आम है पर इससे संदरता प्रभावित होती है। ऐसे में युवतियां इन्हें ठीक करने कोई भी घरेलू प्रयोग करने लगती हैं जो कई बार इन्हें ठीक करने की जगह और भी बढ़ा देता है। नीबू आदि लगाने से यह बढ़ भी सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मुंहासा प्रभावित हिस्से को हाथ भी नहीं चाहिए। कई बार आंतरिक असंतुलन खासकर हार्मोन की वजह से मुंहासे निकलते हैं। आंतरिक समस्या से मुंहासे होने पर रक्त की जांच व अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है। मुंहासों से बचने के लिए संतुलित व स्वास्थ्यपरक आहार जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें। अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे।
बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए चेहरे पर कुछ क्रीम आदि लगाते समय अपने हाथ जरूर धो लें। प्रभावित हिस्से को लगातार हाथ लगाने से बैक्टीरिया के फैलने की संभावना होती है, जिससे और मुंहासे निकल सकते हैं।
टी (चाय) ट्री तेल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल होता है और यह तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होता है। मुंहासों से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कई लोगों का मानना होता है कि मुंहासे त्वचा के अधिक तैलीय होने के कारण निकलते हैं और ऐसे में वे कठोर साबुन या स्क्रब का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं जो नुकसानदेह हो सकता है क्योंकि ज्यादा ड्राई स्किन मुंहासों को और बढ़ा सकती है।
स्क्रब से मुंहासों में सूजन व लालिमापन आने की संभावन बढ़ जाती है और चेहरे में जलन महसूस हो सकती है।
मुंहासों के उपचार में तीन से लेकर छह महीने तक का समय लग सकता है। ऐसे में संयम बनायें रखें। तत्काल उपाय के प्रयास में और भी घाटा हो सकता है।
चेहरे को रोजाना दो-तीन बार धोएं, अगर त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मॉइश्चराइजर है तो फिर यह अपना ऑयल बाहर नहीं निकालता है, ऐसे में मुंहासे होने की संभावना नहीं होती है।

ऐसे बढ़ेगी ऑक्सीजन
ऑक्सीजन हमारी जिंदगी का आधार है। शरीर के सभी अंगों को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। शरीर में यह ऑक्सीजन खून के माध्यम से सभी अंगों तक पहुंचता है। इसलिए खून में अगर ऑक्सीजन की कमी होती है तो इससे शरीर के विभिन्न अंगों के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने आहार में ऐसे फलों को शामिल करें जो खून में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं।
आम, नींबू, तरबूज और पपीता ऐसे फल हैं जो हमारी किडनी को साफ रखने में मदद करते हैं। विटामिन से भरपूर ये फल हमारे खून में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में भी सहयक होते हैं। तरबूज में भारी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें लाइकोपेन, बीटा केरोटिन और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन शरीर में जल की मात्रा को भी संतुलित रखता है।
अंकुरित अनाज भी हैं विकल्प
अंकुरित अनाज फाइबर के भरपूर स्रोत होते हैं। ये रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाने के बेहतर विकल्पों के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ ही साथ एवोकैडो. किशमिश, खजूर अदरक और गाजर भी शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सबसे उपयुक्त उपचार हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
ऑर्गेनिक जिलैटिन में कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। यह शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने का सबसे बेहतरीन उपाय होता है। शतावरी, जलकुम्भी और समुद्री शैवाल भी खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में काफी मददगार होता है।
इन खाद्यों का सेवन शरीर में रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति निश्चित करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 90 प्रतिशत से कम होने पर यह अंगों पर बुरा प्रभाव डालना शुरू कर देता है। इसकी पूर्ति के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन बेहद जरूरी है।

यूँ दूर रखें तनाव
आज के आपाधापी के जीवन में हर कोई ब्‍लडप्रेशर से पीड़ित है। तनावपूर्ण और तेज रफ्तार जिंदगी ने लोगों में ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) की यह समस्याएं पैदा की हैं। विशेषज्ञों की मानें तो जितना घातक हाई ब्लड प्रेशर होता है उतना ही नुकसानदेह लो ब्लड प्रेशर भी होता है। लो ब्लड प्रेशर की स्थिति वह होती है कि जिसमें रक्तवाहिनियों में खून का दबाव काफी कम हो जाता है। सामान्य रूप से 90/60 एमएम एचजी को लो ब्लड प्रेशर की स्थिति माना जाता है। अगर आप भी ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आपके लिए कुछ आहार हैं जिससे आप इस पर काबू पा सकते हैं।
जटामानसी
जटामानसी नामक एक आयुर्वेदिक औषधि भी लो ब्लड प्रेशर का निदान करने में मददगार है। जटामानसी का कपूर और दालचीनी के साथ मिश्रण बनाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा जटामानसी के अर्क (पानी के साथ उबालकर) को पीने से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। एप्सम नमक (मैग्नीशियम सल्फेट) से स्नान लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने का सबसे सरलतम इलाज है। इसके लिए पानी में करीब आधा किलो एप्सम नमक मिलाएं और करीब आधा घंटा पानी में बैठें। बेहतर होगा कि सोने के पहले यह स्नान करें।
सूखे मेवे
50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात में 100 ग्राम पानी में किसी भी कांच के बर्तन में रख दें। सुबह चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं और पानी पी लें। यदि देशी चने न मिल पाएं तो सिर्फ किशमिश ही लें। इस विधि से कुछ ही सप्ताह में ब्लेड प्रेशर सामान्य हो सकता है। रात को बादाम की 3-4 गिरी पानी में भिगों दें और सुबह उनका छिलका उतारकर कर 15 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर बादाम-गिरी को खाने से लो ब्लड प्रेशर नष्ट होता है। प्रतिदिन आंवले या सेब के मुरब्बे का सेवन लो ब्लेड प्रेशर में बहुत उपयोगी होता है।
भोजन में बढ़ाएं पोषक तत्वों की मात्रा
प्रोटीन, विटामिन बी और सी लो ब्लड प्रेशर को ठीक रखने में मददगार साबित होते हैं। ये पोषक तत्व एड्रीनल ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोनों के स्राव में वृद्धि कर लो ब्लड प्रेशर को तेजी से सामान्य करते हैं।लो ब्लड प्रेशर को दूर करने के लिए ताजे फलों का सेवन करें। दिन में करीब तीन से चार बार फलों का सेवन करना फायदेमंद रहेगा। जितना संभव हो सके, लो ब्लड प्रेशर के मरीज दूध का सेवन करें। लो ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में बीट रुट का रस काफी कारगर होता है। जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें रोजाना दो बार बीट रुट का रस पीना चाहिए। हफ्ते भर में आप अपने ब्लड प्रेशर में सुधार पाएंगे। लो ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए पैदल चलना, साइकिल चलाना और तैरना जैसी कसरतें फायदेमंद साबित होती हैं। इन सबके अलावा सबसे जरूरी यह है कि व्यक्ति तनाव और काम की अधिकता से बचें।

प्रोटीन का करें पर्याप्त सेवन
शरीर के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन का भरपूर मात्रा में सेवन करें। प्रोटीन की कमी से शरीर में कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर के अच्छे विकास के लिए प्रोटीन के सेवन पर जरूर ध्यान देना चाहिए पर इसकी अधिकता भी नुकसान देह है, इसलिए सही मात्रा लेना जरुरी है।
प्रोटीन युक्त आहार का कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए, इसे जानने के कई तरीके हैं। आजकल फिटनेस एप्लिकेशन मौजूद हैं, जो आपको प्रोटीन के सेवन की मात्रा संबंधी जानकारी दे सकते हैं।
प्रोटीन का सेवन करने का संबंध स्वस्थ व संतुलित आहार के सेवन से हैं। आहार विशेषज्ञ का कहना है कि प्रोटीन एक बेहद जरूरी अवयव है, जिसका सेवन सभी के लिए जरूरी है, क्योंकि यह शरीर के उत्तकों की मरम्मत करने और उनका पुनर्निमाण करने में सहायक होता है, जबकि प्रोटीन का बहुत ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है।
प्रोटीन के सेवन के साथ ही अन्य पोषक तत्वों के सेवन पर भी ध्यान दें, जो आमतौर पर शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं।
प्रोटीन युक्त आहार का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने से वजन बढ़ने की संभावना होती है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
बहुत ज्यादा प्रोटीन युक्त आहार लेने से पाचन में दिक्कत हो सकती है, जिससे कब्ज और डायरिया जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

अंकुरित चनों से शरीर रहे फिट
स्वस्थ शरीर के लिए अच्छी डाइट का होना बहुत जरूरी है लेकिन मिलावटी खानों की वजह से लोगों के शरीर को पूरी तरह से पोषक तत्व नहीं मिल पाते। ऐसे में मुट्ठी भर अंकुरित काले चनों का सेवन करें जिसमें विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शरीर हैल्दी तो रहेगा ही साथ में कई बीमारियां भी दूर होंगी।
अंकुरित करने के लिए
सुबह एक मुट्ठी काले चनों को अच्छी तरह साफ करें और पानी में भिगो कर रख दें। रात को सोने से पहले इनमें से पानी निकाल दें और एक साफ सूती गीले कपड़े में लपेटकर हवा में रख दें। अगले दिन चने अंकुरित हो जाएंगे। इसमें नमक, प्याज, टमाटर काटकर स्लाद के तौर पर भी खा सकते हैं या ऐसे ही नमक और नींबू डालकर खाएं। रोजाना इसका सेवन करने से शरीर कई बीमारियों से दूर रहता है।
फायदे
रोजाना अंकुरित काले चने खाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और ताकत मिलती है।
जिन महिलाओं को मां बनने में मुश्किल होती है, उनके लिए अंकुरित चने बहुत फायदेमंद रहते हैं। रोजाना शहद के साथ इनका सेवन करने से फर्टिलिटी बढ़ती है।
वहीं हर रोज रोज अंकुरित चनों में 1 चम्मच शक्कर मिलाकर खाने से पुरूषों में शुक्राणुओं की कमी दूर होती है।
जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उन्हें भी अंकुरित चने खाने चाहिए। इनमें काफी मात्रा में फाइबर्स होते हैं जो पेट को साफ करते हैं और कब्ज दूर होती है।
यूरिन से जुड़ी किसी भी तरह की प्रॉब्लम होने पर अंकुरित चने फायदा पहुंचाते हैं। इसके लिए रोजाना चनों के साथ गुड़ खाने से यूरिन इंफैक्शन दूर होती है। इसके अलावा बवासीर होने पर भी अंकुरित चने खा सकते हैं।
त्वचा में निखार लाने के लिए बिना नमक डाले अंकुरित चनों का सेवन करें। इससे मुंहासे और एलर्जी भी दूर होती है।
अंकुरित चनों का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से शरीर दूर रहता है।

दांत इस प्रकार रहेंगे फिट
चेहरे पर मुस्‍कान हो, तो आपका व्‍यक्तित्‍व निखरकर सामने आता है लेकिन, आपके दांत अगर साफ न हों, तो मुस्‍कुराहट शर्मिंदगी का कारण बन सकती है। जरा सी मेहनत और देखभाल आपके चेहरे पर ला सकती है एक मुस्‍कान।
मुंह की सफाई
कुछ भी खाने पीने के कुछ देर बाद दांतों को अच्‍छी तरह से साफ करना न भूलें। ऐसा करने से दांतों में फंसी खाद्य वस्‍तुएं निकल जाएंगी। साथ ही कैफीन उत्‍पाद, जैसे कॉफी और चाय आदि का सेवन कम करें क्‍योंकि इससे दांत पीले हो जाते हैं।
दांतों की मालिश
अगर आपको सफेद और मजबूत दांत चाहिए, तो इसके लिए अपने दांतों की दिन में दो बार नींबू के रस की म‍ालिश करें। इसके लिए थोड़े से सरसों के तेल और नमक में नींबू का रस मिलाकर 3-5 मिनट तक दांतो को साफ करें। इसके बाद ब्रश कर लें। दांत तथा मसूड़ें, दोनों मजबूत हो जाएंगे।

किशमिश से मिले ऊर्जा
सूखे मेवों में किशमिश काफी फायदेमंद और यह उर्जा से भरपूर कम वसा वाला आहार है। वहीं किशमिश के पानी में भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते है। इसके पानी का सेवन करने से स्वास्थ्स की कई प्रकार की समस्याएं दूर होती है। हम आपको बताएंगे कि किशमिश के पानी को सुबह खाली पेट पीने से कौन-कौन सी बीमारियां दूर होती है।
किशमिश का पानी बनाने का तरीका
कप पानी उबले पानी में मुट्ठी भर किशमिश डालकर रातभर के लिए रख दें। फिर इस पानी को सुबह हल्का गर्म करके खाली पेट पिएं।
कब्ज दूर
जब किशमिश पानी में फूलता है तो नैचुरल लेक्सेटिव का काम करते है। सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से पेट साफ रहता है और कब्ज की समस्य दूर होती है।
एसिडिटी से राहत
किशमिश के पानी में मौजूद सॉल्युबल फाइबर्स पेट की सफाई करके एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाते है।
किडनी रहेगी ठीक
किशमिश में पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते है। किशमिश का पानी बॉडी के टॉक्सिन्स विषैलें तत्वों को निकालकर किडनी को स्वस्थ रखते है।
खून की कमी दूर
इस पानी आयरन की काफी मात्रा होती है। रोज सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
कैंसर से बचाव
इस पानी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर के सेल्स को स्वस्थ बनाकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को दूर रखता है। अगर आप भी इन बीमारियों से बचे रहना चाहते है तो सुबह खाली पेट किशमिश का पानी पिएं।
सर्दी-जुकाम में रहात
किशमिश के पानी में पॉलीफेनिक फायटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते है। इसमें मौजूद बैक्टीरियल सर्दी-जुकाम और बुखार से राहत दिलाते है।
तेज होती है आंखों की रोशनी
किशमिश के पानी में विटामिन ए, बीटा केरोटीन मौजूद होते है जो आंखों के रोशनी कोे बढ़ाने का काम करते है।
आंतों को ठीक रखने वाले फल
प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अंडे, बीज, फलियां, मांस, दही, चीज और यहां तक कि चॉकलेट खाने से भी आंत के रोग से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है। ये बातें एक वैज्ञानिकों की एक रिसर्च में सामने आई है।

हाजमा ठीक करता है अदरक
अदरक गले से जुड़ी किसी भी समस्या में बहुत फायेदमंद होता है। अदरक हर रसोई में आपको हर रसोई में बड़ी आसानी से मिल जाएगा। यह डाइजेशन को ठीक रखता है और पेट की बीमारियों में भी फायदेमंद है पर क्‍या आप जानते हैं कि अदरक के टुकड़े के साथ जरा सा नमक खाने से इसका फायदा दोगुना हो जाता है और कफ या बलगम की समस्या से तुरंत राहत मिलती है.
कैसे काम करता है अदरक
अदरक, श्वास नली के संकुचन में हो परेशानी से निजात दिलाता है है, जिससे सूखी खांसी से निपटने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट गले और सांस लेने वाली नली में जमा टॉक्‍सिन को साफ करता है और कफ को बाहर निकालता है.यही नहीं अदरक में ऐसे गुण भी पाए जाते हैं, जो अस्‍थमा और ब्रोंकाइटिस को दूर करने में लाभदायक होते हैं। यदि अदरक में नमक मिला दिया जाए तो इसकी ताकत दोगुनी बढ़ जाती है क्‍योंकि नमक गले में फसे म्‍यूकस को निकालने में तेजी से मदद भी करता है और बैक्‍टीरियल ग्रोथ को भी रोकता है।
अदरक और नमक
अदरक को छील कर धो लें और छोटे पीस में काटें. फिर उस पर थोड़ा सा नमक छिड़के. अब इसे चबाएं और इसका रस निगल लें. उसके बाद शहद चाटना ना भूलें जिससे इसका स्‍वाद गायब हो जाए। अदरक और नमक को एक साथ चबाने से बहुत ज्‍यादा असर होता है. इसका स्वाद बहुत कसैला होता है इसलिए बहुत से लोग इस तरह इसे नहीं खा पाते इसलिये आप चाहें तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
काढा बनाकर पीयें
काढ़ा बनाकर भी पीने से उतना ही फायदो होगा तो अगर आप इसे ऐसे ही चबाने में असमर्थ है तो परेशान न हों. इसे बनाने के लिये एक गिलास खौलते हुए पानी में थोड़े से अदरक के टुकड़े डालें और चुटकीभर नमक मिलाएं. फिर पानी को आधा हो जाने तक खौलाएं और गैस बंद कर दें। फिर इसे छान कर रख लें और जब यह पीने लायक ठंडा हो जाए तब इसे पी लें। इससे आपका कफ, बलगम, खांसी और जुकाम आदि से तो राहत मिलेगी ही और पेट भी साफ रहेगा जिससे आप सभी तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे।

कुछ खास है सुरजमुखी तेल
क्या आपको पता है,आम तौर पर चर्म रोगों में स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाने वाला नारियल तेल का खाने के तौर पर सेवन उतना ही अस्वास्थ्यकर है जितना कि मक्खन और पशु वसा। पशु वसा को आम तौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता, जबकि जैतून और सूरजमुखी जैसे वनस्पति तेल स्वास्थ्य के लिए अच्छे विकल्प माने जाते हैं। कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि नारियल तेल अन्य संतृप्त वसा से बेहतर हो सकता है हालांकि, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई विश्वसनीय अध्ययन नहीं है। संतृप्त वसा की अधिकता वाला आहार खाने से रक्त में लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन यानी बुरे कॉलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इससे हृदय संबंधी रोगों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। एक रिर्पोट के अनुसार नारियल तेल में वसा का 82 प्रतिशत हिस्सा संतृप्त होता है। यह मात्रा मक्खन (63 प्रतिशत) बीफ (50 प्रतिशत) और सुअर वसा (39 प्रतिशत) से अधिक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने एक परामर्श में कहा है कि लोगों को संतृप्त वसा के सेवन की मात्रा सीमित करनी चाहिए और इसकी जगह जैतून तथा सूरजमुखी जैसे गैर संतृप्त तेल का सेवन करना चाहिए।

 

दालचीनी से घटाएं वजन
अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो घरेलू उपायों से इसे कम किया जा सकता है। अगर आपको व्यायाम, जिम ट्रेनिंग व अन्य उपाय करने के बाद भी कोई खास फायदा नहीं हो रहा तो यह तरीका आपके लिए कारगर हो सकता है। इसके लिए आपको कहीं बाहर जाना नहीं पड़ेगा और न ही कोई खर्च करना होगा। ज्यादातर घरों के किचन में आमतौर पर पाया जाने वाला मसाला दालचीनी अप्रत्याशित रूप से आपके सेहत के लिए लाभदायक है। हर दिन करीब 3 ग्राम दालचीनी पाउडर का सेवन करने से न सिर्फ आपका मोटापा कम होगा बल्कि मेटाबॉलिज़म से जुड़ी बीमारियां भी नियंत्रित रहेंगी।
फॉर्टिस डायबीटीज ओबिसिटी कलेस्ट्रॉल फाउंडेशन की ओर से किए गए क्लिनिकल ट्रायल में यह बात सामने आयी कि भारतीयों के खानपान में अगर दालचीनी को शामिल कर दिया जाए तो मल्टिपल मेटाबॉलिक प्रॉब्लम जिससे बेहद कम उम्र में डायबीटीज होने का खतरा रहता है उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
क्लिनिकल ट्रायल में 116 लोग हुए शामिल
इस ट्रायल में 116 महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया गया था जो मोटापा खासतौर पर पेट के आसपास की चर्बी, ग्लूकोज सहनशीलता के बिगड़ते स्तर, ट्राइग्लिसराइड के बढ़े हुए स्तर और हाइपरटेंशन से पीड़ित थे।
हर दिन 3 ग्राम दालचीनी का करें सेवन
जिन लोगों ने 16 हफ्ते तक हर दिन 3 ग्राम दालचीनी पाउडर का सेवन किया उनके औसत वजन में 4 किलोग्राम की कमी 89 से 85 किलोग्राम हो गया। तो वहीं जिन लोगों को दालचीनी नहीं दिया गया उनके वजन में सिर्फ 1 किलोग्राम की कमी 82 से 81 हुआ। डायट में बदलाव करने के साथ ही ट्रायल में शामिल लोगों को हर दिन 45 मिनट के लिए ब्रिस्क वॉक भी करवाया गया।
कई बीमारियों से बचाता है
शोधकर्ताओं का कहना है कि डायट में दालचीनी पाउडर शामिल करने के साथ ही शारीरिक व्यायाम करने से ब्लड ग्लूकोज, ग्लाइकोस्लेटेड हीमॉग्लोबिन, कमर का दायरा और बॉडी मास इंडेक्स में कमी आती है।
इस रिसर्च के जरिए आशाजनक नतीजे मिले हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि बेहद सामान्य भोज्य पदार्थ से भी हमारी सेहत को काफी फायदा हो सकता है। दालचीनी एक सामान्य मसाला है जो भारतीय खानपान में आमतौर पर काफी इस्तेमाल किया जाता है। लिहाजा इसे बड़ी आसानी से अपनी डायट में शामिल कर मेटाबॉलिजम को नियंत्रित कर सकते हैं।

मोटापा दूर करता है आम
रसीले आमों का स्वाद किसे पसंद नहीं होता गर्मियों के मौसम का इंतजार ही हम आम असली स्वाद पाने के लिए करते है। बाजार में भले ही कितनी ही पेय पदार्थ आ जाएं जो ये दावा करें वे असली आम का स्वाद देते हैं पर जो मजा आम को छिलके के साथ अपने हाथ में लेकर खाने में है वो रसायनिक ड्रिंक्स में कहां। आम के स्वाद के साथ ही कई अन्य लाभ भी हैं। इसी लिए इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। ऐसे में यदि हम आपसे कहें कि आप खाने से न सिर्फ स्वाद मिलता है, बल्कि यह सेहत का भी खजाना है तो यह कहना गलत नहीं होगा।
अगर आप अपने बढ़े वजन से परेशान हैं, तो आप आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। यह स्वाद के साथ आपको मोटापा से निजाद भी दिलाता है। मोटापा कम करने के लिए आम बहुत अच्छा है आम की गुठली के रेशे अतिरिक्त चर्बी को कम करते हैं। आम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में लाभकारी माना गया है। इससे ल्यूकेमिया में भी फायदा होता है। आम में पाया जाने वाला ग्लूटामिन एसिड याददाश्त को तेज करता है। आम खाने से आपका पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इसमें कई तरह के एंजाइम्स होते हैं। ये प्रोटीन को तोड़ने में मददगार होते हैं। जो भोजन को जल्दी पचाने में सहायक साबित होता है। आम में विटामिन ही नहीं फाइबर भी होता है। फाइबर उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा होता है जिन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल को संतुलन में लाने में भी मदद होती है। आम एक ऐसा फल है, जिसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन ए आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है। अगर आप लगातार कम्प्यूटर पर बैठे रहते हैं या ऐसे काम करते हैं, जिनसे आंखों को दर्द होता है, तो यह उससे राहत देता है। इसके अलावा आम में विटामिन सी भी होता है। आम में मौजूद टरटैरिक एसिड और साइर्टिक एसिड शरीर के क्षारीय तत्वों को संतुलित बनाता है।

खूबसूरती भी निखारता है नीम
अगर आप खूबसूरती निखारने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो आपके लिए नीम से बेहतर कुछ भी नहीं है। नीम में ऐसे तत्व होते हैं जो दाग, धब्बों के साथ ही किसी भी प्रकार के संक्रमण को ठीक करते हैं।
नीम की पत्तियों के पेस्ट को दही में मिलाकर पिंपल्स पर लगाएं। इसके ऐंटी -बैक्टीरियल गुण पिंपल्स दूर कर देंगे। पत्तियों के पेस्ट को रोज स्किन पर लगाएं। ब्लैक हेड्स की समस्या दूर होने के साथ ही त्वचा दमकने लगती है।
वहीं इसकी पत्तियों को उबाल कर बालों को धोने से वह स्वस्थ और खिलेखिले रहते हैं। बुखार होने पर नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिएं। इसमें मौजूद ऐंटी-वायरल गुण इम्युनिटी बढ़ाएगा और बुखार से निजात दिलाएगा।
नीम अपने आप में औषधि का भंडार है। इसके हर अंग काम आते हैं। अगर सही जानकारी हो तो नीम मे इंसान को १०० वर्ष तक स्वस्थ रखने के गुण छिपे हुए हैं.
झुर्रियों से बचाए
उम्र बढ़ने के साथ झुर्रियों का आना शुरू हो जाता है। ऐसे में सप्ताह में ३ या ४ बार नीम की पत्तियों को उबालकर पेस्ट बनाकर स्किन पर लगाएं। इससे झुर्रियां कम हो जाएंगी। पत्तियों में ऐंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। इसे पीसकर घाव पर लगाने से आराम मिलता है।
दांत रखे ठीक रोज नीम की पत्तियों को ५ मिनट तक दांतों पर रगड़ें। इससे दांतों के बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे और मुंह की बदबू दूर होगी। रोज नीम की पत्तियों का जूस पिएं। इससे इंसुलिन लेवल बैलेंस होगा

गर्मियों में इस प्रकार खिली रहेगी त्वचा
तेज गर्मी के मौसम में पसीना, घमोरियां और बहुत सी त्वचा की परेशानियां होती हैं। इस मौसम में जहां सबको टेनिंग की चिंता होती है, वहीं त्वचा अपनी प्राकृतिक नमी भी खो देती है। गर्मियों में पसीने और धूल मिट्टी से चेहरे पर पिंपल्स भी होने लगते हैं। ऐसे में कुछ उपाय कर आप अपनी त्वचा को बेहतर रख सकती हैं। झुर्रियों से बचने और कोमल त्वचा के लिए शुद्ध अरंडी के तेल का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा पर चमक आएगी। त्वचा को चमकदार बनाने के लिए कच्चे आलू को चेहरे पर रगड़ें। चेहरे को साफ करने के लिए किसी साबुन या सादे पानी की जगह क्लींजर का इस्तेमाल करें।
दिन में अच्छे मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें और सोने से पहले अपने इसे धो कर नाइट क्रीम लगाएं।
चेहरा सादे पानी से धोयें
अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो सप्ताह में एक बार तरबूज के रस से चेहरे को साफ करें।
तैलीय त्वचा वाले लोगों को अपना चेहरा मेडिकल साबुन या सादे पानी से धोना चाहिए।
तैलीय त्वचा से परेशान हैं, तो अजवायन के जूस में शहद और नीबू या अदरक का रस मिला कर चेहरा साफ करें।
ककड़ी, अजवायन, बंदगोभी, टमाटर और नीबू तैलीय त्वचा के लिए अच्छे होते हैं।
संतरे का रस करें इस्तेमाल
संतरे का जूस अंदरूनी निखार के लिए बहुत अच्छा होता है। अपने चेहरे, गर्दन, कोहनियों और माथे को इससे साफ करें।
मेथी के पत्ते कील- मुंहासे, त्वचा का रूखापन और झुर्रियों को कम करने में मददगार होते हैं।
अगर आपकी आंखें थकी हैं, तो आलू काट कर 20 मिनट तक आंखों पर रख लें। इससे आराम मिलेगा।
रूखी त्वचा पर शेविंग करने से बचें. पहले अपनी त्वचा को गीला कर लें, उसके बाद ही शेविंग करें।
वैक्सिंग के बाद प्यूमिक स्टोन से भी बालों के स्थान को रगड़ें, यह त्वचा की परत पर बालों को बढ़ने से बचाए रखेगी।

इनका सेवन रखे तंदूरूस्त
आज की तेज रफ्तार जिंदगी और भागदौड़ के बीच रहन-सहन एैसा होता जा रहा है कि,अपने खाने-पीने का भी ख्याल रख पाना काफी कठिन हो जाता है। एैसे घर से बाहर रहने पर सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर घर से बाहर हैं,तो काफी सोच समझ कर इन 7 से आठ चीजों को अपने खाने में शामिल करेंगे तो जरूर लाभ होगा। आइए जानते हैं, आखिरकार अच्छी तंदूरूस्ती का राज क्या है।
तरबूज
वैसे भी अब गर्मियों का समय आ गया है,तो यह आसानी से मिल भी जाएगा। यह एक कम केलोरी वाला फल है,जिसमें अधिक मात्रा में फायबर पाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि लायकोपिन का स्रोत होने की वजह से कैंसर के रोग में भी यह फायदा करता है।
सिट्रलाइन के पाए जाने से यह दिल की बीमारी से भी बचाव करता है।
टमाटर
इसमें पाए जाने वाला विटामिन सी त्वचा और दिल के लिए अच्छा माना जाता है। इसमें भी लायकोपिन बड़ी तादाद में पाया जाता है,यह एक आक्सीडेंट का भी काम करता है। इसे सब्जियों,सलाद और सॉस में इस्तेमाल किया जा सकता है।
वीन्स
यह प्राय: हर मौसम में किसी न किसी रूप में आती ही है। इसमें फायबर ज्यादा होता है,,जिसकी वजह से आपका पाचन तंत्र सही रहता है। इसे दिल की बीमारी के नियंत्रण में भी काफी अच्छा माना जाता है। क्योंकि यह कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढऩे नहीं देता है।
खडा अनाज
खडे अनाज का भोजन आपके पेट में बैठता नहीं है। यह वजन भी नियंत्रित करता है। ओट्स को खडे अनाज का बेहतर स्वरूप माना जाता है,इसे नाश्ते में लेने से आप दिन भर फिट रह सकते हैं।
क्रंची मूसली
यह विविध ड्राय फ्रूट्स और खडे अनाज से मिलकर बनता है। इसे सुबह के नाश्ते के साथ लिया जा सकता है। इससे आपका वजन नियंत्रित रहता है। इसमें विटामिन ई,फायबर और प्रोटीन पाए जाते हैं। जिनमें आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
दही
खाने के साथ घर पर या बाहर जहां भी हों आप दही रोज लें,इससे आपके दातों और मसूडों को विशेष फायदा होता है। यह प्रोटीन का भी स्रोत है। इसे खाने से फायबर,एंटी आक्सीडेंट्स और विटामिन्स को भी आसानी से पचाया जा सकता है।
पनीर
खाने में दिन में कम से कम एक बार पनीर जरूर लें। इससे आपके शरीर को प्रोटीन की आपूर्ति सहज ढंग से हो जाती है। पनीर के सेवन से मांसपेशियों को भी रिकवर होने में मदद मिलती है।

कसरत करें स्वस्थ्य रहें
आपको फिट रहने के कुछ तरीकों को जरूर अपनानां चाहिए जब भी आप कसरत करें तो बीच -बीच में आप पानी ज़रूर थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल में पिए क्योकि यह आपको ऊर्जावान रहने में मदद करता हे और इससे आप ज़्यादा देर तक बिना थके कसरत कर सकते है. कई विशेषज्ञों का माना हे जो लोग कसरत करते समय पानी पीते हे वे पानी ना पिने वाले के मुकाबले काफी ज्यादा कसरत कर सकेंगे.आप अपना वेट लॉस करना लक्ष्य करते हैं तो इससे आपको मदद मिल सकती है। आप यह तीन चीज़े ज़रूर ले इससे आपको वेट काम करने में मदद मिलेगी balsamic vinegar यह आपके खाने में क्लेरिस काम करने में मदद करेगा नट्स यह आपकी शरीर में फाइबर व् प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता हे फैट फ्री दही यह मीठा अच्छा स्वाद के साथ काम फैट वाली डाइट है आप कसरत यह जॉगिंग करते समय म्यूजिक का सहारा ले यह आपको और ज़्यादा कसरत करने के लिए प्रेरित करता हे मगर यह ध्यान रखे की वह इतना तेज़ न हो की आप करो को भी न सुन सके आप कोई सा भी म्यूजिक सुन सकते है मगर वह आपको प्रेरित कर ता हो। आप हर हफ्ते अपना वजन काम करने में मदद करता है और आपकी प्रगति का भी पता चलता है। आप अपनी पूरी प्लेट फैट से युक्त खाने से भरते हे तो आधी प्लेट में सब्ज़िया रखे या फल रखे अगर आप ज़्यादा कैलरी से युक्त खाई तो फिर आप ज़्यादा कसरत भी करे आप सुबह के नाश्ते में ज़्यादा कार्बोहैड्रेट से युक्त चीजें खाए यह आपको पुरे दिन काम करने के लिए शक्ति देता है।

 

फाइबर से ठीक हो पाचन

अच्छी सेहत और दिन भर तरोताजा दिखाई देने का राज आपकी पाचन क्रिया के स्वस्थ्य होने से जुड़ा हुआ है. पाचन क्रिया ठीक हो इसके लिए जरूरी है कि जो भी भोजन लें वह पेट में अंदर जाकर ठीक ढंग से पचे. आपकी जठराग्रि अच्छी होगी तो त्वचा पर चमक अलग ही दिखेगी.
इसके लिए जरूरी हो जाता है कि शुरु से ही खाने-पीने पर विशेष रूप से घ्यान दें. खाने में जिन चीजों में अधिक फाइबर पाया जाता है ,उन्हें शामिल करें. अब शोधों से ये पता चल चुका है कि लंबे समय तक फाइबर प्रधान खाने के सेवन से बढ़ती उम्र के साथ स्वस्थ रहने में मदद मिलती है.
ये कैसे संभव
उम्र तो बढ़ेगी ही पर इसके साथ शरीर के अलग-अलग अंगों के कमजोर होने का प्रभाव दिखाई देने लगता है. इसके लक्ष्णों में सफेद बाल,गालों पर झुर्रियां सबसे पहले दिखाई देने लगते हैं,ये उम्र बढऩे का एहसास कराने लगती है,एैसे में बढ़ती उम्र के लक्षणों को भांप कर समय के साथ होने वाली जटिलताओं को सधे हुए भोजन के द्वारा कम किया जा सकता है.
भोजन में एैसी बहुत सी चीजें होती हैं,जो या तो खाने के साथ पाचन तंत्र को सपोर्ट करती हैं. या फिर कुछ एैसी भी चीजें होती हैं जिनसे कि पाचन ठीक ढंग से नहीं हो पाता है. इसके लिए ये जरूरी हो जाता है कि आप समझें कि आपको भोजन के साथ क्या लेना है और क्या नहीं.
फाइबर घुलनशील और अघुलनशील दो प्रकार के होते हैं. घुलनशील होने पर ये पानी को सोखकर एक जैल जैसा पदार्थ बनाते हैं. जो पाचन क्रिया को धीमा करता हैं. इनसे कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता जिससे ह्रदयाघात की संभावना कम हो जाती है.
किनमें है अधिक फाइबर
संतरा,ब्रोकली,ओट,नट्स,सीड्स,,बीन्स,मटर के दाने,दालें ,पांच प्रकार का अनाज और विविध प्रकार के फल
घुलनशील फाइबर्स की वजह से पेट जल्दी भर जाता हैं, जिससे अधिक मात्रा में भोजन लेने से बचा जा सकता है.इससे पाचन तंत्र भी ठीक रहता है,और वजन भी नहीं बढ़ता है. ये गेहूं के आटे का चोकर, साबूत अनाज और सब्जियों में ज्यादा तादाद में पाए जाते हैं. भोजन में इनका शामिल होना महत्वपूर्ण है. इसीलिए आहार विशेषज्ञ बचपन से ही इस तरह के खाने का परामर्श देते हैं. इससे कब्ज जैसी समस्या से भी निपटा जा सकता है. पेट का अच्छी तरह से साफ रहना सीधे-सीधे इसी से जुड़ा है.

 

प्रोटीन से बनता है,सुडौल शरीर
अगर शरीर को आकर्षक और सुडौल बनाना चाहते हैं,तो आपको अपने खान-पान में प्रोटीन जरूर लेना चाहिए. ये दूध,दही और पनीर में भलीभांति मिल जाता है. जबकि जबकि सामान्य कसरत के बाद इसके पाऊडऱ को दूध या फिर पानी के साथ कम मात्रा मे अवश्य लेना चाहिए.
प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने से क्षतिग्रस्त ऊत्तकों की मरम्मत में मदद मिलती है. प्रोटीन से मांस पेशियां बनती हैंं. कसरत के बाद 30 मिनट की अवधि को मूल्यवान माना जाता हैं और इस दौरान अतिरिक्त खुराक अवश्य लेनी चाहिए. पोषण आहार विशेषज्ञों के अनुसार इसे विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार करना चाहिए।
जब अंडे या दूध जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन लेते हैं तो इसे अवशोषित होने में 45 से 90 मिनट का समय लग सकता है. हालांकि प्रोटीन की प्रकृति के आधार पर अवशोषण का समय बढक़र दो घंटे भी हो सकता है.
क्योंकि प्रोटीन के पूरक आहार कुछ हद तक पची हुई अवस्था में होते हैं, जिसकी वजह से शरीर इन्हें आराम से अवशोषित कर लेता है.
यदि आप वजन उठाने की कसरत कर रहे हैं और प्रोटीन का पूरक आहार नहीं लेंगे तो शरीर पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है. क्योंकि मांस पेशियों की मरम्मत नहीं हो सकेगी और शरीर ढीला हो जाएगा.