छिंदवाड़ा के लिए दावे हवाई निकले, छोटे शहरों में 16 वे स्थान पर रहा

छिंदवाड़ा, स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शहर को नम्बर वन बनाने किए गए दावों का दम निकल गया है। गुरूवार को केंद्रीय नगरीय विकास एवं आवास मंत्रायल द्वारा जारी किए परिणाम खर्च और प्रयासों के मुकाबले छिंदवाड़ा के लिए सुखद नहीं है। 1 से 10 लाख वाले शहरों में छिंदवाड़ा को देश में 16 वी रेंक मिली है। जबकि प्रदेश में छिंदवाड़ा शहर ने 5 वा स्थान हासिल किया है। 6 हजार अंकों की स्पर्धा में नगर निगम को कुल 4691 अंक मिले है। लेकिन र्स्वेक्षण में शामिल किसी भी बिंदु में निगम खिताब हासिल नहीं कर सका है। ध्यान रहें कि नगर निगम ने 2020 की रेंकिंग में खुद को स्वच्छ शहर साबित करने के लिए रात दिन एक कर दिए थे। शहर साफ सुथरा और सुंदर दिख सके इसके लिए 10 करोड के करीब केवल कचरा प्रबंधन पर ही खर्च कर डाले थे। विडम्बना इस बात की है कि ग्रह शहर होने से पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने नगर निगम की हर तरह से मदद की थी। लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी निगम कसौटी पर खरा नहीं उतर सका है।
रेंकिंग में 10 अंकों का सुधार
स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए होने वाली परीक्षा में हालांकि नगर निगम ने पिछले वर्ष के मुकाबले रेंकिंग में 10 पायदान की बढ़त हालिस की है। देश भर के1से 10 लाख वाले शहरों में आगे चल रहे शहरों को पीछे छोड 26 से सीधा 16वा स्थान हासिल किया है इसी तरह प्रदेश में 5 वी रेंक हासिल की है। बतादें कि वर्ष 2019 में छिंदवाड़ा प्रदेश में 9 वे स्थान पर था।
निगम ने यह किया था खर्च
शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में नम्बर वन बनाने के लिए नगर निगम द्वारा डस्टबीन खरीदी,नालियों को ढ़कने के लिए चीप, दीवारों पर स्वच्छा के नारे और वाल पेंटिंग, प्रचार प्रसार, खाद बनाने के लिए मशीनरी, कचरा छटाई के लिए मशीन की खरीदी, नालों की पुलियां को कवर्ड, यहां तक की एक चंढीगढ की एक निजी कम्पनी को हायर किया था जिस पर करोडों रूपए खर्च किया गया था।
फिर भी कर्जदार
स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर करोडों रूपए का खर्च करने वाला नगर निगम बडी राशि खर्च करने के बाद भी शहर को उम्मीदों के अनुसार रेंक तो नहीं दिला पाया है। उल्टा कर्जदार जरूर बन गया है। बताया जा रहा है कि चंढीगढ की जिस कंपनी को हायर किया गया था उसी का करीब 5 करोड रूपए बकया है इसके अलावा जिस फर्म से चीप की खरीदी की गई थी उसका भी भुगतान बांकी है।
कर्मचारियों की महनत को सलाम
अधिकारियों ने राजनैतिक आकाओं को खुश करने और कमीशन से जेब गर्म करने करोडों रूपए बबार्द किए लेकिन स्वच्छ के जिन सिपाहियों शहर की रेंकिंग सुधारने रात दिन महनत की उनकी महनत को पूरा शहर सलाम कर रहा है। नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष असगर अली वासु ने कर्मचारियों को बधाई दी है।
फैक्ट फाइल
1 लाख से 10 लाख वाले शहरों में निगम
2017 देश में 53 वी रेंक
2017 प्रदेश में 13 वी रेंक
2018 देश में 42 वी रेंक
2018 प्रदेश में 9 वी रेंक
2019 देश में 26 वी रेंक
2019 प्रदेश में 9 वी रेंक
2020 देश में 16 वी रेंक
2020 प्रदेश में 5 वी रेंक

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