स्वच्छ सर्वेक्षण में मप्र को तीसरा स्थान, इंदौर देश का लगातार चौथी बार बना स्वच्छतम शहर

भोपाल, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल स्वच्छता महोत्सव में स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के पुरस्कार वितरित किए। इंदौर देश के 4242 शहरों को पीछे छोड़ते हुए लगातार चौथी बार देश का स्वच्छतम शहर बना है। भोपाल टॉप-10 में शामिल होने के साथ ही (बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल) श्रेष्ठ स्व-समर्थ राजधानी के रूप में चयनित हुआ है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 100 से अधिक नगरीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश को तीसरा स्थान मिला है। विभिन्न श्रेणी में मध्यप्रदेश को कुल 10 पुरस्कार मिले।
इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर की मेयर रही मालिनी जी के साथ विधायक, सांसद, पार्षद, कलेक्टर कमिश्नर, इंदौर और पूरी टीम बधाई की पात्र है। देश के 4242 शहरों में सर्वोच्च क्रम पर आना विशेष महत्व की बात है। स्वच्छता इंदौर का स्वभाव है। इंदौर ने गंदगी को भगा दिया है। स्वच्छता इंदौर की सभ्यता बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा इंदौर स्वच्छता में अभी चौथी बार देश में सर्वोच्च स्थान पर है इससे भी अधिक कीर्तिमान अर्जित करेगा और इंदौर छक्का भी लगाएगा।
मध्यप्रदेश की उपलब्धि उल्लेखनीय
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए भी विशेष प्रसन्नता का दिन है। जहां इंदौर ने देश में चौथी बार सबसे साफ स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता है वहीं बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबिल कैपिटल अर्थात श्रेष्ठ स्व-समर्थ राजधानी के रूप में भोपाल का चयन हर्ष का विषय है। यहां इसके लिए पूर्व मेयर आलोक शर्मा, नगर निगम की टीम और सभी नागरिक बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश के महू, शाहगंज, कांटाफोड़ जैसे छोटे शहरों ने भी पुरस्कार प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा संकल्प लें कि हम प्रथम ही रहेंगे। हम आने वाले वर्ष में पैटर्न बदल कर आएं और परिणाम प्रथम स्थान के रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर ने दुनिया में नया स्थान बनाया है। अब लोग इंदौर स्वच्छता का पाठ सीखने आएंगे।
स्वच्छ महोत्सव वर्चुअल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने देश के स्वच्छतम शहर के रूप में इंदौर के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री चौहान को बधाई दी।
– स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में म.प्र. की उपलब्धियाँ
इंदौर चौथी बार बना नंबर वन।
भोपाल टॉप-10 में शामिल एवं देश की स्व-समर्थ स्वच्छता की राजधानी घोषित।
उज्जैन को किन्नर समुदाय की भागीदारी से “बधाई से सफाई” नवाचार के लिये विशेष पुरस्कार।
10 लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में प्रदेश के चार प्रमुख शहर शामिल।
एक लाख से 10 लाख की जनसंख्या श्रेणी में प्रदेश के सर्वाधिक 6 शहर।
मध्यप्रदेश के 16 में से 14 नगर निगम देश के टॉप शहरों में शामिल।
10 नगर निगमों ने टॉप-25 में बनाई जगह।
प्रदेश के 35 अमृत शहरों में 24 ने टॉप में बनाई जगह।
पश्चिम जोन 25 से 50 हजार की जनसंख्या श्रेणी में टॉप 100 में से 19 शहर शामिल।
पश्चिमी जोन 50 हजार से 1 लाख की जनसंख्या श्रेणी में टॉप-100 में प्रदेश के 25 शहर शामिल।
प्रदेश को विभिन्न श्रेणियों में मिले 10 पुरस्कार।
इधर,स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के घटकों में मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने अपना बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें शहरों में स्वच्छता, साफ-सफाई, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण तथा उनका प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन और शहरों की स्वच्छता बनाये रखने में नागरिकों का सहयोग प्राप्त करने के प्रयास प्रमुखता से किये गये। इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरूप खुले में शौच से मुक्त राज्य का गौरव प्राप्त किया और प्रदेश के 234 शहर ओडीएफ+ और 107 शहर ओडीएफ++ के परीक्षण में सफल हुए । इसी क्रम में कचरा मुक्त शहर के मूल्यांकन में राज्य के 18 निकाय स्टार रेटिंग प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक शहरों के मामलों में द्वितीय स्थान है। उल्लेखनीय है कि गत तीन सर्वेक्षण में भी मध्यप्रदेश के 20 शहर देश के सर्वश्रेष्ठ 100 शहरों में रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में यह पुरस्कार नगरपालिक निगम इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगरपालिका परिषद सिहोरा जिला जबलपुर, नगरपालिक निगम भोपाल, नगर परिषद शाहगंज जिला सीहोर, नगर परिषद कांटाफोड़ जिला देवास और महू कैंट जिला इंदौर को मिला।

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