कांग्रेस मप्र में सरकार बचाने को लेकर आश्वस्त, आधा दर्जन नेता डैमेज कंट्रोल पर लगे

भोपाल, मप्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद भी कांग्रेस में हताशा और निराशा का माहौल नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भरोसा है कि वे सरकार बचा लेंगे। कांग्रेस ने 15 साल बाद बनी सरकार को बचाने के लिए आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं को काम पर लगा दिया है। बैंगलुरु में बैठे 19 विधायकों को वापस लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दक्षिण भारत के कद्दावर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को सौंपी है। सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार ने 10 विधायकों को निकालकर अपने फार्म हाउस पर पहुंचा दिया है।
सिंधिया द्वारा बगावत किए जाने के बावजूद विश्वास मत को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को लेकर हमें कोई चिंता नहीं है। विधानसभा में हम आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसा कि सत्ता के लिए जिस तरह की बेचैनी उनमें नजर आ रही है उस तरह की बेचैनी मैंने किसी अन्य नेता में नहीं देखी है। भाजपा के कई नेता हमारे सम्पर्क में हैं और हम बागियों को भी मना लेंगे।
भाजपा में जाने को तैयार नहीं बागी विधायक
प्रदेश में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के तहत कांग्रेस से बगावत कर गए सिंधिया गुट के 22 विधायकों में से अधिकांश विधायक सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के निर्णय से ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। विधायकों का मानना था कि सिंधिया पार्टी से अलग होकर मध्यप्रदेश में नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे, लेकिन उन्होंने भाजपा में जाने का निर्णय ले लिया। कांग्रेस छोड़कर कई विधायक भाजपा में जाने को तैयार नहीं हैं।
पहरे में विधायक
सियासी घमासान के बीच भाजपा-कांग्रेस में अब अपने-अपने विधायकों को पाले में रखने के लिए मशकत करनी पड़ रही है। मंगलवार शाम को विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली और गुरुग्राम भेज दिया, वहीं कांग्रेस ने बुधवार को अपने विधायकों को जयपुर भेजा है। इसके पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सभी विधायकों को सीएम हाउस बुलाकर उनके साथ बैठक की। भाजपा के खेमे में अब 105 विधायकों को 8-8 के ग्रुप में बांट दिया। हर ग्रुप पर नजर रखने के लिए एक ग्रुप लीडर बनाया गया है। दिल्ली पहुंचने पर विधायकों को अलग-अलग बसों से दिल्ली, मानेसर या गुरुग्राम में रखा जाएगा। वहीं कांग्रेस के 88 और 4 निर्दलीय विधायकों को विशेष विमान से जयपुर भेजा है, जहां वे एक रिसोर्ट में रखे गए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां विधायकों को रखने का पूरा इंतजाम किया है।
बैंगलुरु रिसोर्ट के बाहर 500 जवान तैनात
उधर बैंगलुरु में सिंधिया गुट के जिन 20 विधायकों को रिसोर्ट में रखा गया है वहां की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। रिसोर्ट के बाहर लगभग 500 जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया है। साथ ही विधायकों के फोन भी जब्त कर लिए गए हैं व मीडिया को भी उनसे दूर रखा गया है।
जो भी होगा फ्लोर टेस्ट में होगा : स्पीकर
मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए सभी की निगाहें स्पीकर नर्मदाप्रसाद प्रजापति पर टिकी हुई हैं। भाजपा ने बजट सत्र के पहले दिन 16 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है। स्पीकर ने कहा कि अब जो भी फैसला होगा। विधानसभा के नियमानुसार होगा। फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा और जो बहुमत हासिल करेगा वह सत्ता में रहेगा।
हम फ्लोर टेस्ट में चौंका देंगे : दिग्गी
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कहा कि आने वाले फ्लोर टेस्ट में हम सबको चौंका देंगे। उन्होंने सिंधिया के पार्टी छोडऩे पर हैरानी जताई और उन पर तंज करते हुए कहा कि सिंधिया को अमित शाह या निर्मला सीतारमण की जगह लेना चाहिए, क्योंकि वे इन दोनों से बेहतर काम कर सकते हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं, वे मोदी और शाह के संरक्षण में आगे बढ़ें।
यह है गणित
मप्र विधानसभा में वर्तमान में विधायकों की संख्या 228 है। इनमें कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, निर्दलीय 4, बसपा 2 और सपा 1 विधायक हैं। भाजपा ने 101 विधायकों को दिल्ली शिफ्ट कर दिया है। वहीं 6 विधायक रणनीतिक मोर्चा संभाले हुए हैं। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद इनकी संख्या 92 रह गई है। चार निर्दलीय, एक बसपा (रामबाई)मिलाकर कांग्रेस के साथ 97 विधायक खुलकर हैं। भाजपा के 2 विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल लंबे समय से कमलनाथ के साथ दिखाई देते हैं। कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि जिन 22 विधायकों के इस्तीफे हुए हैं उनमें से आधे से ज्यादा वापस लौटेंगे। यदि ऐसा होता है तो फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस सरकार बचा भी सकती है।
अब भाजपा के हुए सिंधिया
मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई। वे शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने पर कहा मैंने हमेशा माना है कि जिंदगी में हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए। राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं। वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है, कांग्रेस आज पहले जैसी नहीं रही।
मध्य प्रदेश के हालात पर बराबर नजर: टंडन
कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादल के बीच मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने बुधवार को कहा है कि वह स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं और राजभवन पहुंचने के बाद ही कोई फैसला करेंगे। लालजी टंडन होली मनाने लखनऊ गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह मध्य प्रदेश में जारी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। टंडन ने कहा कि वर्तमान हालात में उन्हें जो फैसला करना होगा वह राजभवन पहुंचकर करेंगे। टंडन ने कहा, अभी मैं यहां दर्शक हूं, जब तक कि मैं वहां जाता नहीं हूं। जो पत्र आए हैं, लोगों ने शिकायतें की होंगी तो वे सारी चीजें देखने के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकता हूं।

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