मप्र में एक साल में 5 लाख से अधिक युवाओं तक पहुँचा नशा मुक्ति अभियान

भोपाल, गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि राज्य सरकार ने सत्ता सम्हालते ही सबसे पहले गुंडों और आदतन अपराधियों, अवैध शस्त्र रखने वालों, मादक पदार्थों, महिला अपराधों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्यवाही शु्रू की, जिसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। एक वर्ष में हत्याओं में 3.5 प्रतिशत, हत्या के प्रयासों में 3.93 प्रतिशत, डकैती में 20.37 प्रतिशत और महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों में 12.96 प्रतिशत की कमी आयी है। बलात्कार के मामलों में भी कमी आयी है। कुल मिलाकर आईपीसी अपराधों में अभूतपूर्व कमी आयी है।
ड्रग्स माफिया मुक्ति अभियान
मंत्री बाला बच्चन ने बताया कि प्रदेश में ड्रग्स के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है। बीते एक वर्ष में स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों और बस्तियों में 5698 नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किये गये, जबकि वर्ष 2018 में सिर्फ 430 नशामुक्ति कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। बीते एक वर्ष में 5 लाख 7 हजार 469 युवाओं तक पहुँचकर उन्हें नशे के खिलाफ प्रेरित किया गया है।
आधुनिक थाने-अधिक बल
बच्चन ने बताया कि मध्यप्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए नवीन चौकी और थाने खोलने तथा पुराने थानों का उन्नयन करने के कुल 57 प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। थानों में 1031 पुलिस बल प्रदान किया जाएगा। इतना ही नहीं, महिला पुलिसकर्मियों एवं महिला फरियादियों के लिये प्रदेश के 676 थानों में पृथक से शौचालय एवं प्रसाधन कक्ष निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। इसमें से 225 महिला प्रसाधन कक्षों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, 314 का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा 137 का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
खुलेंगी नई जेल
मंत्री श्री बच्चन ने बताया कि प्रदेश के 10 जिलों में नई जेल बनाना प्रस्तावित है। प्रस्ताव में केन्द्रीय जेल इंदौर, जिला जेल बैतूल, रतलाम, राजगढ़, मुरैना, मंदसौर तथा सब जेल गाडरवारा, सब जेल कुक्षी, सब जेल मैहर और खुली जेल रीवा शामिल है। प्रदेश में कार्यरत 125 जेलों में से 29 जेलों में महिला टॉयलेट की व्यवस्था उपलब्ध है। शेष जेलों में टॉयलेट की व्यवस्था के लिये शीघ्र प्रावधान किया जा रहा है। विगत एक वर्ष में मध्यप्रदेश की 37 जेलों में ई-प्रिजन कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें बंदियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। बंदियों को मिलने वाली राशि प्रति बंदी प्रतिदिन 45 रूपये से बढ़ाकर 48 रूपये करने का फैसला भी लिया गया है।

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