तृतीय श्रेणी दैनिक वेतनभोगी अब 62 वर्ष और अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक 65 वर्ष तक दे सकेंगे सेवा

भोपाल, मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तृतीय श्रेणी दैनिक वेतन भोगियों/स्थायी कर्मियों की सेवा में कार्य करने की अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष और अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर कार्यरत शिक्षकों की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम तथा अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण करने संबंधी निर्णय भी लिया है।
अब प्रदेश में खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों के अन्तर्गत न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 33 वर्ष होगी। महिला आवेदकों (अनारक्षित वर्ग) तथा आरक्षित वर्ग के पुरूष/महिला आवेदकों और शासकीय/निगम/मण्डल/स्वशासी संस्था के कर्मचारियों तथा नगर सैनिकों के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले वर्दीधारी राजपत्रित/अराजपत्रित/कार्यपालिक पदों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयुसीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी। इसी प्रकार, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के वर्दीधारी पदों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट के साथ 38 वर्ष होगी।
मंत्रि-परिषद ने शिशु मंदिर, ग्वालियर सोसायटी को एएमआई शिशु मंदिर ग्वालियर के संचालन के लिए ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में स्थित भूमि कुल रकबा 13700 वर्ग मीटर आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। साथ ही, श्री सत्य साईं मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर ट्रस्ट को बच्चों के हृदय रोग संबंधित अस्पताल खोलने के लिए ग्राम बांगइदा तहसील मल्हारगंज जिला इन्दौर में 2.2 हेक्टेयर भूमि आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, गुना जिले की कृषक सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नारायणपुरा (राघोगढ़) को गन्ना उत्पादक कृषकों और कर्मचारियों के लम्बित भुगतान के लिए 13.81 करोड़ रूपये ऋण के रूप में उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
अतिथि विद्वानों को पुन: कार्य पर रखने के लिए होगी नीति निर्धारित
मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि अतिथि विद्वानों को वर्तमान में रिक्त और भविष्य में स्वीकृत होने वाले पदों के विरूद्ध पुन: कार्य पर रखने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नीति निर्धारित की जाए। वर्ष 2022 तक की चयन प्रक्रियाओं में अतिथि विद्वानों को वरीयता अंक और आयु सीमा में छूट के लिए मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 में आवश्यक संशोधन किये जाएंगे।

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