बिहार के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू तक दौड़ेगी ट्रैन

काठमांडू, आनेवाले सालों में भारत और नेपाल के बीच ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। दोनों देशों ने रणनीतिक महत्व के रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग को विकसित करने के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रेलमार्ग बिहार के रक्सौल शहर को नेपाल की राजधानी काठमांडू से जोड़ेगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की मौजूदगी में भारत सरकार और नेपाल सरकार के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता रक्सौल (भारत) और काठमांडू (नेपाल) के बीच ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के आरंभिक इंजीनियरिंग एवं यातायात सर्वेक्षण के लिए किया गया है। इससे पहले एक बैठक में दोनों नेताओं ने आर्थिक और व्यापार संबंधों को और मजबूत बनाने समेत द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा भी की।
दोनों नेताओं की इस साल यह तीसरी बैठक थी। इससे पहले ओली की अप्रैल में भारत यात्रा के दौरान मोदी से मुलाकात हुई थी। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की मई में नेपाल यात्रा के दौरान दोनों नेता मिले थे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार बैठक के बाद मोदी ने कहा, ‘‘विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। इसमें भारत-नेपाल संबंधों से जुड़ी विभिन्न पहलू शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने आर्थिक, व्यापार तथा सांस्कृतिक संबंधों को आगे और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की। हमारे देशों के बीच संपर्क मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई।’’
रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा और थोक में सामान की आवाजाही सरल हो सकेगी। इस रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण कार्य भारत की कंपनी कोंकण रेल कार्पोशन करेगा।

बिम्सटेक सम्मेलन सफल- सदस्य देशों ने आतंक के खिलाफ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई
काठमांडू,चौथा दो दिवसीय बिम्सटेक सम्मेलन शुक्रवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में संपन्न हो गया और सातों सदस्य देशों ने बहुप्रतीक्षित काठमांडू घोषणा को अंगीकार किया जिसमें आतंकवाद से लड़ने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। इसके अलावा बिम्सटेक की अध्यक्षता श्रीलंका को दी गई है। बिम्सटेक की अध्यक्षता अब श्रीलंका को दी गई है और निवर्तमान अध्यक्ष तथा नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस बात पर जोर दिया है कि इस संगठन को अब और ‘परिणामोन्मुखी निकाय’ के रूप में बदला जाना चाहिए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने ट्वीट कर कहा इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने, समृद्धि और सतत विकास की अवधारणा और सामूहिक सोच अर्थपूर्ण ढंग से चौथे बिम्सटेक सम्मेलन घोषणापत्र में दर्शाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल इस सम्मेलन की शुरूआत में कहा था कि बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच केवल राजनयिक संबंध ही नहीं हैं बल्कि ये संस्कृति तथा सभ्यता के अटूट बंधनों से बंधे हैं और इसी परंपरा पर आगे बढ़ते हुए उन्हें एक-दूसरे के प्रयासों का पूरक बनना होगा क्योंकि परस्पर जुड़ी दुनिया में कोई भी देश अकेले विकास, शांति और समृद्धि हासिल नहीं कर सकता। पीएम मोदी ने कहा था कि संपर्क को व्यापक दायरे में देखा जाना चाहिए और इसमें व्यापार, आर्थिक, यातायात और डिजिटल संपर्क के साथ-साथ, लोगों के बीच संपर्क सभी का ध्येय होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा था कि बिम्सटेक तटीय नौवहन समझौते और बिम्सटेक मोटर यान समझौते को अमली जामा पहनाये जाने की जरूरत है।

 

 

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