स्वास्थ्य सेवाओं में भारत 21 पायदान लुढ़क कर 108 वें नंबर पर

नई दिल्ली,जहां एक ओर शेयर बाजार लंबी लंबी छलांग लगाकर आसमान की ओर बढ़ रहा है । वही वैश्विक इकानामी फोरम में भारत 21 पायदान नीचे आकर 144 देशों की सूची में 108 में स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत इस सूची में 87 नंबर पर था।
महिला पुरुष में आर्थिक और राजनीतिक असमानता बढ़ना इसकी प्रमुख वजह मानी गई है। उल्लेखनीय है कि फोरम 4 मानदंडों पर रैंकिंग करता है। इनमें से 2 में भारत की हालत खराब हुई है। शेष दो में मात्र एक एक अंक का सुधार देखने को मिला है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत 141 वें स्थान पर है। 144 देशों की सूची में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत का स्थान 141 वां है। चीन आश्चर्यजनक रूप से सबसे नीचे हैं। भारत में 5 साल से कम की 1 लाख बच्चियों में से 595 बच्चियां जन्म लेने के साथ ही मर जाती हैं। वही 587 महिलाओं की मौत संक्रामक रोगों के कारण हो जाती है।
महिला प्रतिनिधि
भारत में प्रतिनधित्व के मामले में भारत का स्थान 118 वां है। महिला मंत्री बनने के मामले में 76 वें स्थान पर हैं। उल्लेखनीय है कि 1966 में पहली बार भारत की महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बनी थी। टॉप 20 में आने के लिए भारत में महिलाओं की नई पीढ़ी को नेतृत्व क्षमता में आगे लाना होगा।
-66 फ़ीसदी महिलाओं को नहीं मिलते काम के पैसे
भारत में आर्थिक संपन्नता को लेकर महिलाओं की सूची में भारत 139 वें स्थान में है। भारत की महिलाएं रोजाना औसतन 537 मिनट अर्थात लगभग 9 घंटे काम करते हैं। वहीं पुरुष 442 मिनट काम करते हैं । महिलाओं और पुरुषों को काम के बदले 66 फ़ीसदी महिलाओं को काम करने के पैसे ही भारत में नहीं मिलते हैं। भारत में महिलाओं की औसतन वेतन 5400 और पुरुषों का वेतन 8100 रुपये है।
उच्च शिक्षा में केवल 6.7 फीसदी महिलाएं
112 रैंकिंग में भारत का स्थान है । प्राथमिक शिक्षा में भर्ती के मामले में भारत नंबर वन में है। 40 फ़ीसदी व्यस्क महिलाओं और 62 फ़ीसदी पुरुषों के पास प्राथमिक शिक्षा है। सेकेंडरी शिक्षा में महिलाओं का औसत 19.4 और उच्च शिक्षा में मात्र 6.7 हैं।
वैश्विक रिपोर्ट में भारत में असमानता बढ़ती जा रही है। जेंडर अंतर 11 साल में पहली बार बढ़ा है। इस अंतर को खत्म करने के लिए 83 साल लगने का अनुमान लगाया गया है। महिलाओं की लीडरशिप और शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाएं अभी भी भारत में काफी पिछडी हुई है।

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