नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्राचार के माध्यम से तकनीकी शिक्षा नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी विषयों के कोर्स संचालित करने पर रोक लगा दी। दरअसल, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने तकनीकी शिक्षा के लिए पत्राचार पाठ्यक्रम संचालित किए जाने को अनुमति दे दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। दो साल पहले, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ‘कंप्यूटर साइंस’ की दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त डिग्री को नियमित कक्षाओं के प्राप्त डिग्री के बराबर नहीं माना जा सकता है।
यह फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पत्राचार से पढ़ने के कारण स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज कम या नहीं होता है। इस मसले पर अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निष्कर्षों की पुष्टि की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाई कोर्ट के फैसले को अलग रखा, जिसने पत्राचार के जरिए टेक्निकल एजुकेशन की अनुमति दी थी। गौरतलब है कि दो साल पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि पत्राचार माध्यम से हासिल की गई ‘कंप्यूटर साइंस’ की डिग्री उस स्टूडेंट्स के समान नहीं मानी जा सकती है जिसने नियमित रूप से क्लास करके डिग्री पायी हो।