प्रतापगढ़, राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक गरीब आदिवासी मां को बेटे की लाश के साथ मुर्दाघर में कर्मचारी की लापरवाही से सारी रात गुजरना पड़ गयी जबकि पिता बाहर बैठा रहा।
बच्चे की मौत बीती रात हो गई थी, जिसके बाद मां ने बालक के शव को अकेला छोडऩे से मना कर दिया था। इस पर अस्पताल के कर्मचारी ने मां को मुर्दाघर में बंद किया और बाहर से ताला लगाकर चला गया।
पीपलखूंट थाना क्षेत्र के हरो गांव में रहने वाले रमेश मीणा का 10 वर्षीय बेटा छोटू शनिवार दोपहर को गांव में खेल रहा था। इसी दौरान वह पेड़ चढ़ गया और गिरकर गंभीर घायल हो गया। परिजन उसे दोपहर प्रतापगढ़ जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां उपचार के दौरान रविवार रात 2:30 बजे उसकी मौत हो गई।
मां ने किया शव को अकेला छोडऩे से इंकार
चिकित्सकों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। शव को लेकर रमेश मीणा और उसकी पत्नी रकमी मुर्दाघर चले गए। शव को मुर्दाघर में रखने के बाद मृतक की मां ने बालक के शव को अकेला छोडऩे से इनकार कर दिया। इस पर कर्मचारी गेट पर ताला लगाकर चला गया।
प्रशासन ने सुबह निकाला बाहर
सुबह अस्पताल प्रशासन को इस घटना का पता चलने पर बंद मां को बाहर निकाला। सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए मना कर दिया और अपने बेटे का शव लेकर गांव रवाना हो गए।
कर्मचारी की लापरवाही, जांच के आदेश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राधेश्याम कच्छावा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारी से घटनाक्रम की जानकारी और स्पष्टीकरण मांगा है। कर्मचारी की लापरवाही मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में एक समिति का भी गठन किया गया है, जो शीघ्र ही जांच रिपोर्ट सौंपेगी।