नैनीताल,उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि गंगा और यमुना सफाई को लेकर सेमिनार और बैठक करने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए ठोक कदम उठाया जाना जरूरी है। हाईकोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि जो परिस्थितियां आज हैं, उन्हें नहीं सुधारा गया तो सरस्वती की तरह गंगा और यमुना का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा। हाई कोर्ट ने कहा कि सरस्वती नदी पहले से ही खत्म हो चुकी है। अब अगर प्रयास नहीं किए गए तो भविष्य में हमारी आने वाली हमारी पीढ़ी सिर्फ फिल्मों और दस्तावेजों में ही नदियां देख सकेगी।
बुधवार को डिविजनल बेंच के जस्टिस वीके बिष्ट और लोकपाल सिंह ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को निर्देश दिए की दोनों नदियों की धर्मनिष्ठा को बनाए रखते हुए सफाई करवाएं। कोर्ट ने कहा कि सरकार को गंगा और यमुना में फेंके जा रहे कूड़े, बहाए जा रहे सीवेज और नदियों में जा रहे औद्योगिक कचरे को तत्काल रोकना चाहिए। बेंच ने यह भी कहा कि सरकार कोर्ट को भी सुझाव दे कि दोनों नदियों की सफाई को लेकर क्या कदम उठाए जाने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि दोनों नदियां न सिर्फ हमें पीने के लिए पानी देती हैं बल्कि देश की कृषि क्रांति में भी इनका बहुत बड़ा योगदान है। उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस को दिल्ली के अजय गौतम ने पत्र लिखा था। अजय ने कहा कि उनके पत्र को गंभीरता से लिया गया और इस संज्ञान में लेकर राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के यह निर्देश अब दोनों पवित्र नदियों की सफाई को लेकर सरकारें गंभीर होंगी।