नागपुर,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन (2 अक्टूबर) पर उनकी कर्मभूमि सेवाग्राम में कार्यक्रम आयोजन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। कांग्रेस को जहां 2 अक्टूबर को आश्रम के अंदर बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई है, वहीं बीजेपी उसी दिन आश्रम के ठीक सामने सभागृह में दुनिया का सबसे बड़ा चरखा स्थापित करने जा रही है।
इस दिन आश्रम में केवल प्रार्थना सभा आयोजित करने की अनुमति दी गई है जिसमें राज्य के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हो रहे है। महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी सरकार के कार्यक्रम की योजना बहुत पहले बना ली गई थी और कांग्रेस का बैठक आयोजित करने का अनुरोध अंतिम समय पर आया है। इसके बारे में वर्धा के डीएम शैलेश नावल ने कहा, हम सबसे बड़ा चरखा बना रहे हैं जिस वर्धा में स्थापित किया जाएगा। इस जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के स्टूडेंट बना रहे हैं और यह दिल्ली एयरपोर्ट पर लगे चरखे से बड़ा होगा जो इस समय सबसे बड़ा चरखा है। उधर, राज्य कांग्रेस के प्रमुख अशोक चव्हाण और यूथ कांग्रेस के प्रमुख सत्यजीत तांबे सेवाग्राम परिसर को बुक करने के लिए गए हैं। तांबे ने कहा,सेवाग्राम ट्रस्ट ने फैसला किया है कि किसी भी राजनीतिक दल को अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए हमने आश्रम के ठीक पास में अपना कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। यह प्रतिकात्मक है। हम सेवाग्राम ट्रस्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हम शांति मार्च निकलाकर और राहुल गांधी एक बैठक को संबोधित करने वाले है। इसबीच मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वह अपने कार्यक्रम को बहुत छोटा रखने वाले हैं ताकि यह बीजेपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई में न तब्दील हो जाए। उन्होंने कहा, हमारा कार्यक्रम आश्रम के बाहर होगा। पहले हमारे द्वारा बड़े कार्यक्रम की योजना बनाई थी जिसमें कम से कम 20 हजार लोग शामिल हो सकें, लेकिन चूंकि राहुल गांधी आ रहे हैं, इसलिए हम अपने कार्यक्रम को छोटा रखने का फैसला किया हे। ताकि गांधी जी के सेवाग्राम में बीजेपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई न हो जाए। उधर,आश्रम के राजनीतिक दलों को अनुमति नहीं देने पर कुछ गांधावादियों ने विरोध जताया है। उन्होंने बुधवार को इस फैसले की निंदा भी की। गांधीवादी विजय दीवान ने कहा कि यदि गांधीजी का वर्धा आश्रम कांग्रेस के लिए उपलब्ध नहीं है तो हम विनोबा भावे का आश्रम उपलब्ध कराएंगे। कांग्रेस के पास आश्रम से एक सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगने का हक है।’