सोनू सूद के मुंबई-लखनऊ के ठिकानों पर आयकर छापे में पता चली 20 करोड़ की कर चोरी

नई दिल्ली,आयकर विभाग को सोनू सूद के मुंबई-लखनऊ के ठिकानों पर आयकर छापे में 20 करोड़ की कर चोरी का पता चला है। यह कर चोरी अभिनेता के विभिन्‍न परिसरों और बुनियादी सुविधाओं के विकास में लगे उद्योगों के लखनऊ स्थित समूह की विभिन्न संपत्तियों में छापेमारी के दौरान पता हुई है। गौरतलब है आयकर विभाग ने मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरूग्राम में फैले कुल 28 परिसरों की तलाशी ली थी।
विभाग ने छापे के बाद आज बताया कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक दस्‍तावेज मिले हैं। अभिनेता द्वारा अपनाई जाने वाली मुख्य कार्यप्रणाली में बिना हिसाब-किताब की आय को फर्जी असुरक्षित ऋणों के रूप में दिखाया जाता था। अब तक की जांच में ऐसी बीस प्रविष्टियों का पता चला है, जिनके प्रदाताओं ने जांच करने पर इन्हें फर्जी आवास प्रविष्टियां देने की शपथ ली हुई है। उन्होंने नकद के बदले चेक जारी करना स्वीकार किया है। ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं, जहां पेशेवर आय को कर चोरी के उद्देश्य से खातों की पुस्तकों में ऋण के रूप में दर्शाया गया है। यह भी पता चला है कि इन फर्जी ऋणों का इस्तेमाल निवेश करने और संपत्ति हासिल करने के लिए किया गया है। अब तक कुल 20 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है।
21 जुलाई 2020 को बनाये गए चैरिटी फाउंडेशन के जरिये इस वर्ष पहली अप्रैल से अब तक 18 करोड़ 94 लाख रूपये का चंदा इकठ्ठा किया गया, जिसमें से करीब एक करोड़ 90 लाख रूपये विभिन्‍न राहत कार्यों में खर्च किये गए और 17 करोड़ रूपये बैंक खाते में अब भी शेष हैं। चैरिटी फाउंडेशन ने विदेशी मुद्रा नियमन कानून का उल्‍लंघन करके विदेशी दानदाताओं से भी 2 करोड़ 10 लाख रूपये प्राप्‍त किए हैं।
लखनऊ में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर समूह के विभिन्न परिसरों में एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें इस अभिनेता ने एक संयुक्त उद्यम अचल संपत्ति परियोजना में पर्याप्त धन का निवेश किया है, जिसके परिणामस्वरूप कर चोरी और लेखा पुस्तकों में अनियमितताओं से संबंधित आपत्तिजनक साक्ष्यों का पता चला है।
तलाशी के दौरान जानकारी मिली है कि यह समूह सब्कान्ट्रैक्टिंग खर्चों की फर्जी बिलिंग और धन की हेराफेरी में शामिल है। अब तक मिले ऐसे फर्जी अनुबंधों के साक्ष्य 65 करोड़ रुपये से अधिक के हैं। बेहिसाब नकद खर्च, कबाड़ की बेहिसाब बिक्री और डिजिटल डेटा से बेहिसाब नकद लेनदेन के दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप/कंपनी ने जयपुर स्थित एक इंफ्रास्ट्रक्चर समूह के साथ 175 करोड़ रुपये का संदिग्ध सर्कुलर लेनदेन किया है। कर चोरी की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे की जांच की जा रही है। तलाशी के दौरान 1.8 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है और 11 लॉकरों को निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है। तलाशी अभियान और आगे की जांच अभी भी जारी है।

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