नई दिल्ली,राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि विद्यार्थियों में अंतर्निहित क्षमता के संयोजन की प्राथमिक जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है; एक योग्य अध्यापक ही एक व्यक्तित्व-निर्माता, एक समाज-निर्माता और एक राष्ट्र-निर्माता होता है। राष्ट्रपति आज (5 सितंबर, 2021 को) शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान देश भर के 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने छात्रों को एक सुनहरे भविष्य की कल्पना करने तथा उनके सपनों को पूरा करने में योग्यता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें और सक्षम बनाएं। उन्होंने कहा, “अध्यापकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने छात्रों के अंदर पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करें। संवेदनशील शिक्षक अपने व्यवहार, आचरण और शिक्षण से ही छात्रों के भविष्य को आकार दे सकते हैं।” श्री कोविंद ने कहा, शिक्षकों को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि प्रत्येक छात्र की क्षमताएं, प्रतिभाएं, मनोविज्ञान, सामाजिक पृष्ठभूमि और वातावरण अलग-अलग होता है। इसलिए हरेक बच्चे के सर्वांगीण विकास पर उसकी विशेष आवश्यकताओं, रुचियों और क्षमताओं के अनुसार ही ध्यान दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है और हमें विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा प्रदान करनी है, जो ज्ञान पर आधारित न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में सहायक हो। श्री कोविंद ने कहा, “हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जिससे छात्र संवैधानिक मूल्यों और मौलिक कर्तव्यों के लिए प्रतिबद्धता विकसित करें, वे स्वयं में देशभक्ति की भावना को मजबूत करें और बदलते वैश्विक परिदृश्य में अपनी भूमिका को समझ सकें।