कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, कृषि कानूनों पर 5 अप्रैल को शीर्ष कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली, केंद्र सरकार की 3 कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई तीन सदस्यों की कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में शीर्ष कोर्ट को सौंप दी है। इस मामले में अब 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कमेटी ने केंद्र सरकार की तीनों कृषि कानूनों की समीक्षा की है। इसके लिए कमेटी ने 85 किसान संगठनों से मिलकर हर एक पहलू पर चर्चा की। रिपोर्ट को लेकर कृषि मामलों के एक्सपट्र्स की भी राय ली गई है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने तीन कृषि कानून संसद से पास कराए थे। 22 से 24 सितंबर के बीच राष्ट्रपति ने इन कानूनों पर मुहर लगा दी थी। किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। कुछ वकीलों ने भी इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
12 जनवरी को बनाई गई थी कमेटी
देशभर में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को 3 सदस्यों की इस कमेटी का गठन किया था। कमेटी में अनिल धनवत, अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल हैं। केंद्र सरकार की ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कमेटी बनाने के फैसले का स्वागत किया था। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा समेत प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों ने इसका विरोध करते हुए इसे सरकार के पक्ष में बताया था। किसानों का आंदोलन आज भी जारी है।
मई में किसान संगठनों का संसद मार्च
दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन मई महीने में संसद मार्च करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि किसान मई महीने में पैदल संसद की ओर शांतिपूर्वक कूच करेंगे। हालांकि, अभी इसकी तारीख नहीं तय की गई है, लेकिन संभावना है कि 1 मई को मजदूर दिवस के दिन यह मार्च हो सकती है।

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