तारे बनाने वाली ब्रह्मांडीय धूल का पता चला इससे अब खुलेगा सितारों की उत्पत्ति का रहस्य

वाशिंगटन,आमतौर पर ब्रह्माण्ड और तारों के अध्ययन के लिए खगोलविद तारे, ग्रहों, गैलेक्सी आदि पिंडों का अध्ययन करते हैं, लेकिन इस बार तारों की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए उन्हें नया जरिया मिला है। ताजा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ऐसे ब्रह्माण्डीय धूल खोजी है जो तारों की उत्पत्ति के संघटकों की जानकारी रखते हैं। इससे गैलेक्सी और ब्रह्माण्ड के हर तारे के निर्माण प्रक्रिया के बारे में पता चल सकता है। हाल ही में एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि कैसे नासा के हबल टेलीस्कोप ने उन तत्वों की मात्रा की तस्वीर ली है, जो तारों के निर्माण के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन गैस और धूल के अपारदर्शी लेकिन गहरी गांठों को ‘बोग ग्लेब्यूल्स’ कहा जाता है। ये एनजीसी 281 के पास नेबुला उत्सर्जन और तारा निर्माण क्षेत्र के केंद्र में प्रकाश अवशोषित करते हैं।
इन ग्लोब्यूल्स को खगोलव बार्ट बोक का नाम दिया है, जिन्होंने इनके अस्तित्व का प्रस्ताव दिया था, जो छोटे क्षेत्र वाले जटिल आकृति बन जाते हैं और जहां गैस और धूल की मात्रा बहुत ही सघन हो जाती है। ये छोटे क्षेत्र गुरुत्व से एक दूसरे से बंध जाते हैं और आसपास गैस और धूल जमा करने लगते हैं। अगर ये छोटे क्षेत्र पर्याप्त मात्रा में भार जमा कर लेते हैं तो उनके केंद्र में तारे का निर्माण होने की क्षमता आ जाती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा ही होगा, क्योंकि सभी बोक ग्लोब्युल्स तारे नहीं बनाते हैं।
ग्लोब्यूल्स के पास चमकीले नीले तारे हैं, जो तारा समूह आईसी 1590 के सदस्य हैं। आईसी-1590 तारा समूह कुछ सौ तारों से बना है। यह बहुत ही गर्म और भारी तारों का समूह है जहां बहुत तेज तारकीय पवनें बह रही हैं। ये तारे प्रकाश और पराबैंगनी प्रकाश उत्सर्जित कर रहा है, जो एनजीसी 281 की हाइड्रोजन गैस को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। यह गैस आयनीकरण प्रक्रिया के जरिए बहुत अधिक गर्म हो जाती है और गुलाबी रंग की दिखाई देती है। यह एनजीसी 281 के बोग ग्लोब्यूल्स तारा समूह आईसी 1590 के केंद्र के पास स्थित है।
हबल के अवलोकन दर्शाते हैं कि धूल के बादलों की बिखरी हुई संरचना ऐसी लगती है जैसे कि उन्हें बाहर से फाड़कर अलग अलग कर दिया गया है। ये टुकड़े बहुत ही सुंदर दृश्य बनाते हैं, लेकिन वास्तव में ये बहुत ही कठोर और प्रचंड माहौल के हैं जो पास के भारी तारों की वजह से बने हैं। एनजीसी 281 के बोग ग्लोब्यूल्स अलग ही नजर आते हैं। ये नेबुला उत्सर्जन की चमकीली गुलाबी गैसे के बीच में हिस्से के तौर पर दिख रहे हैं। तेज प्रकाश में धूल की गांठें अपारदर्शी दिख रही हैं जबकि ग्लोब्यूल् पारदर्शी हैं और उसने पीछे के तारों का प्रकाश आ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *