सोना,चांदी, रत्नों के कारोबारियों को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में लाया गया

भोपाल, सोना-चांदी जैसी कीमती धातु और रत्नों के कारोबारी भी अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में आ गए हैं। किसी भी ग्राहक को 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद बिक्री या लेन-देन करने की जानकारी संबंधित विभागों को देनी होगी। भले ही लेन-देन एक से अधिक बार में किया गया हो। ऐसा लेनदेन पकड़ में आने पर संबंधित व्यापारियों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।
रियल एस्टेट यानी अचल संपत्ति के डीलर्स पर भी एक्ट लागू कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कीमती धातु, रत्नों के व्यापारियों और रियल एस्टेट डीलरों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के प्रावधान लागू कर दिए हैं। इस अधिसूचना के जरिए सरकार ने सीधे तौर पर गलत तरीके से धान कमाकर उसे बाजार के जरिए सफेद करने वालों पर निशाना साधा है।
तीन साल पहले ही लागू करना चाहती थी सरकार
अक्टूबर 2017 में सरकार ने एक्ट के प्रावधान को इन व्यापारियों पर लागू करने की कोशिश की थी। हालांकि तब गुजरात चुनाव के कारण तब आदेश को वापस ले लिया गया था। अब इसे लागू कर दिया गया है। अगर ये व्यापारी नकद में लेन-देन करते हैं और वह 10 लाख रुपये से ज्यादा है, भले ही वह एक से अधिक अलग-अलग बिलों या किस्तों में किया गया है। यदि धन लगाने वाला व्यक्ति एक ही है तो ऐसे लेन-देन को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में रखा जाएगा। व्यापारियों को ऐसे लेन-देन की जानकारी तय नियमों पर संबंधित विभागों को देनी होगी। अगर व्यापारी जानकारी नहीं देता है और मामला में पकड़ में आता है, तो संबंधित ज्वेलर्स या बुलियन कारोबारी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में कार्रवाई हो सकेगी।
इसलिए करना पड़ा नया प्रविधान
माना जाता है कि अवैध तरीके से कमाया गया धन आमतौर पर कीमती धातुओं या रियल एस्टेट में ही लगाया जाता है। इसलिए सरकार ने ऐसे रियल एस्टेट डीलरों को भी इस आदेश में शामिल किया है, जिनका वार्षिक टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है।
अब तक यह होता था
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन (टीपीए) के अध्यक्ष सीए मनोज गुप्ता के अनुसार इससे पहले तक ऐसे लेनदेन को अघोषित आय मानकर आयकर और जीएसटी के प्रावधानों में पेनल्टी वसूली जैसी कार्रवाई होती थी। इसके बाद संबंधित व्यक्ति दायित्वों से मुक्त हो जाता था।
अब ये होगा असर
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में आने का असर ये होगा कि ऐसे मामलों में प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियां जांच में शामिल होंगी। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कानून तोडऩे वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने से लेकर जेल और संपत्ति राजसात करने के प्रावधान भी लागू हो जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *