नई दिल्ली, प्याज की कीमत इसी प्रकार लगातार बढ़ती गई तो दशहरा पर्व के बाद प्याज 100 रुपए किलो पहुंच सकता है, क्योंकि प्याज की नई फसल आने में अभी करीब महीने भर का वक्त है और पुराना स्टॉक खत्म होने के कगार पर है। यही वजह है कि देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव, नासिक में प्याज की थोक कीमत 7800 रुपए प्रति क्विंटल के पार चली गई। यह प्याज यदि दिल्ली आएगा तो उसके ऊपर प्रति किलो 5-6 रुपए का भाड़ा। मतलब जब यहां होलसेलर के पास ही प्याज 84 रुपए किलो की दर से आएगा तो रिटेल में तो इसकी कीमत 100 के पार पहुंचना तय है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में हाल ही में प्याज का औसत नीलामी मूल्य 7100 रुपए प्रति क्विंटल रहा। वहां सबसे खराब क्वालिटी का प्याज 1901 रुपए प्रति क्विंटल बिका तो उत्तम क्वालिटी का प्याज 7812 रुपये प्रति क्विंटल की दर से नीलाम हुआ। इन कीमतों पर बीते मंगलवार को कुल 7000 टन प्याज नीलाम हुए। यह दाम पिछले 10 महीने का उच्चतम स्तर है।
पिछले साल प्याज की यह कीमत दिसंबर में हुई थी। प्याज के कारोबारी बताते हैं कि नासिक से दिल्ली तक प्याज यदि ट्रक से लाया जाए तो प्रति किलो पांच से छह रुपए का खर्च आता है। यदि नासिक से कोई प्याज 78 रुपए किलो चला तो यहां आते- आते उसकी कीमत ही 84 रुपए हो जाएगी। फिर यहां होलसेलर उसे कुछ मुनाफा रख कर बेचेगा। कुछ प्याज रास्ते में ही सड़ेंगे। कुल मिला कर यदि रिटेलर को वह प्याज 90 रुपढ किलो मिला तो खुदरा बाजार में इसकी कीमत 100 रुपए प्रति किलो से ऊपर जाना तय है। इस साल मानसून के बाद भी होने वाली बेमौसम की बारिश ने प्याज की फसल को बिगाड़ कर रख दिया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र में खरीफ मौसम में होने वाली प्याज की फसल अब तक बाजार में आ जाती, लेकिन देरी से बुवाई होने की वजह से यह अगले महीने के मध्य तक बाजार में आएगी। यही स्थिति मध्य प्रदेश में भी है। वहां तो 15 दिन की और देरी हो सकती है। प्याज की नई फसल के लिए दिसंबर तक का इंतजार करना पड़ सकता है।