जबलपुर से दक्षिण भारत के लिए शुरू हो सकेगी सीधी ट्रेन, नैनपुर-बालाघाट ब्रॉडगेज लाइन का काम पूरा

भोपाल, प्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन से अब दक्षिण भारत के लिए सीधी ट्रेन चलेगी। यह रेलखंड खुलने से दक्षिण भारत जाने वाली ट्रेनों के लिए लगभग 300 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। जबलपुर जोन से लगे दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे के हिस्से में नैनपुर-बालाघाट ब्रॉडगेज लाइन का काम अब पूरा हो गया है। वर्तमान में यहां इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अंतिम चरण में चल रहा है। इसके बाद जबलपुर से दक्षिण भारत के लिए सीधी ट्रेन चलने का रास्ता साफ हो जाएगा। बताया जा रहा है कि वर्तमान में जबलपुर-इटारसी-भुसावल मार्ग से जाने वाली कुछ ट्रेनों को भी इसी मार्ग से रेलवे चला सकता है। जिससे समय के साथ-साथ किराए में भी कमी आएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेल नागपुर मंडल अंतर्गत गोंदिया से जबलपुर ब्राडगेज परियोजना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एके राय ने लामता-नैनपुर, भंडार कुंड-भोमालगोड़ी के बीच रेल ट्रैक और विद्युतीकरण का बीते दिनों सफल परीक्षण भी किया था। इसके बाद बचे हुए इलेक्ट्रिफिकेशन के काम की जिम्मेदारी उन्होंने जोन के अधिकारियों को देते हुए अगले निर्देश का इंतजार करने कहा। यानी जल्द से जल्द जबलपुर-गोंदिया ट्रेन चालू होने का रास्ता साफ हो गया है। जबलपुर-नागपुर आमान परिवर्तन कार्य के अंतर्गत गोंदिया से समनापुर (करीब 58 किलोमीटर) तथा जबलपुर से नैनपुर (करीब 121 किलोमीटर) तक गेज परिवर्तन का काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही इस रेलखंड पर बचा हआ नैनपुर-लामटा और लामटा से सामनापुर सेक्शन में से नैनपुर-लामटा (करीब 34 किलोमीटर) का भी काम हाल ही में किया गया। इसमें पाद्रीगंज व नगरवाड़ा आदि स्टेशनों का आमान परिवर्तन के काम का निरीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त ने किया था। इसी रेलखंड में नैनपुर-लामटा खंड का विद्युतीकरण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। इसमें नागपुर-छिंदवाड़ा तथा नागपुर-जबलपुर आमान परिवर्तन कार्य भी शामिल है। अब केवल रेल बोर्ड से अनुमति मिलने का इंतजार है, जिसके बाद दक्षिण भारत के लिए सीधी ट्रेन चलाई जा सकती है। वर्तमान में जबलपुर से नैनपुर के लिए पूरी तरह रेल ट्रैक खाली है। यहां केवल मालगाड़ियां ही दौड़ रही हैं। कोरोनाकाल में अनलॉक शुरू होने से देश भर में ट्रेन परिचालन जारी है, लेकिन इस रूट पर एक भी यात्री ट्रेन चालू नहीं होने से सबसे ज्यादा मजदूर, नौकरी पेशा वर्ग के लोगों को परेशानी हो रही है। रेलवे इस रूट पर कोई भी ट्रेन सीधे दक्षिण भारत के लिए चलाता है तो लगभग 300 किलोमीटर का फासला कम हो जाएगा। इसका यात्रियों को सीधा फायदा मिलेगा। ट्रेन को 300 किलोमीटर का फासला कम तय करना होगा, जिससे यात्रियों का पांच से छह घंटे का समय भी बचेगा। अभी जबलपुर से नागपुर जाने में नौ से 10 घंटे का समय लगता है। वर्तमान में एक्सप्रेस ट्रेन का लगभग 300 किलोमीटर का शयनयान श्रेणी का किराया लगभग 250 रुपये के आसपास आता है। अगर दक्षिण भारत के लिए ट्रेन शुरू हो तो 700 से 800 रुपये वाली टिकट में 250 रुपये तक की कमी आ जाएगी।

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