कोरोना वैक्‍सीन का इंतजार नहीं बल्कि अपनी तैयारियों को पुख्ता करिये-WHO

जिनेवा, वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि देशों को कोरोना वैक्‍सीन का इंतजार नहीं करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के वेस्‍टर्न पैसिफिक रीजनल डायरेक्‍टर ताकेशी कसई के अनुसार, देशों को कोविड-19के प्रति अपने कामों को बेहतर करने पर ध्‍यान देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि वैक्‍सीन पर ज्‍यादा निर्भर न रहें क्‍योंकि शुरुआत में ज्‍यादा डिमांड के चलते उसकी पर्याप्‍त सप्‍लाई नहीं हो पाएगी। ताकेशी ने कहा,जब तक सारे देश प्रोटेक्‍ट नहीं होते, कोई देश सेफ नहीं है। हमें अपने कामों को बेहतर करने पर ध्‍यान देना चाहिए, सिर्फ वैक्‍सीन से उम्‍मीद मत लगाइए।” केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन ने बैठक के बाद कहा है कि एक्‍सपर्ट ग्रुप लगातार इस बारे में चर्चा कर रहा है। उन्‍होंने कहा, “एक तरफ वैज्ञानिक कोविड-19 वैक्‍सीन तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं तो हम भी फाइनल प्रॉडक्‍ट हासिल करने में लगे हैं। ताकि हमारे लोगों के लिए टीके की उपलब्‍धता सुनिश्चित हो सके। एक्‍सपर्ट ग्रुप लगातार वैक्‍सीन निर्माताओं के साथ मिलकर प्रॉडक्‍शन, प्राइसिंग और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पर चर्चा कर रहा है।”
मॉस्‍को में भारतीय दूतावास लगातार रूसी स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों के संपर्क में है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिस गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट,जिसने रुसी कोरोना वैक्‍सीन बनाई है, उससे दूतावास के अधिकारी बात कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ही वैक्‍सीन के इस्‍तेमाल को हरी झंडी दी गई है। भारतीय दूतावास वैक्‍सीन की सेफ्टी और प्रभाव के डेटा का इंतजार कर रहा है। वेस्‍टर्न कंट्रीज वैक्‍सीन पर शक जाहिर कर चुके हैं वहीं रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन ने वैक्‍सीन के पूरी तरह सेफ होने का दावा किया है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इसी हफ्ते से यूनविर्सिटी ऑफ ऑक्‍सफर्ड-अस्‍त्राजेनेका की बनाई वैक्‍सीन का ट्रायल शुरू करेगा। ‘कोविशील्‍ड’ नाम की इस वैक्‍सीन के लिए एसआईआइ और अस्‍त्राजेनेका के बीच डील हुई है। देशभर के 10 सेंटर्स पर वैक्‍सीन का फेज 2 और 3 ट्रायल होगा।एसआईआइ वैक्‍सीन की एक बिलियन डोज तैयार करने की सहमति भी दे चुका है। भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर जो वैक्‍सीन तैयार की है, उसके फेज 1 ट्रायल के नतीजे आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन सेफ है। किसी भी वॉलंटियर में वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट्स नहीं दिखे। अगले स्‍टेप में वैक्‍सीन के प्रभाव को आंका जाएगा। पहले फेज में 12 जगहों पर 375 वॉलंटियर्स पर ट्रायल हुआ था।

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