देश में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 12 लाख के पार हुई, पांच राज्यों में संक्रमण की रफ्तार अधिक

नई दिल्ली, सोमवार को देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 804 लोगों की मौत हुई और मृतकों की संख्या बढ़कर 38,969 हो गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में सोमवार तक 18,52,156 संक्रमित मिल चुके थे जिनमें से 12 लाख 29 हजार 171 ठीक हो चुके हैं। सोमवार को देश में 41,801 लोग ठीक भी हुए। फिलहाल देश में 5,83,579 सक्रिय मामले हैं।
देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस प्रकार इन पांच राज्यों में सोमवार को 31,592 कोरोना संक्रमित मिले हैं जो कि देश में मिले 47,313 संक्रमित का 66.77% से अधिक है। यदि इसमें उन राज्यों को जोड़ा जाए जहां एक हजार से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं तो यह संख्या 40,143 हो जाती है। इस प्रकार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल,से ही 84.84% से अधिक मरीज मिल रहे हैं। इसमें असम की संख्या शामिल नहीं है, जो देर रात तक अपडेट बहिन हुई थी।
इन राज्यों में भी महानगरीय क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण अत्यधिक फैला हुआ है। कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में यह इजाफा कोरोनावायरस टेस्ट की बढ़ती संख्या के कारण हुआ है। जब से प्रतिदिन 5 लाख से ऊपर टेस्ट किए जा रहे हैं संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़कर 50,000 से अधिक आ रही है। आने वाले दिनों में जब टेस्ट की संख्या 10 लाख से अधिक हो जाएगी तो देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या पता लग सकेगी।
अच्छी खबर यह है कि लगभग 12.29 लाख के करीब मरीजों को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल गई है। लेकिन चिंताजनक तथ्य यह है कि देश में 5 लाख 83 हजार से ऊपर पॉजिटिव मरीज हैं। यदि इनमें से एक लाख के करीब गंभीर रूप से पीड़ित हो जाते हैं, तो हमारे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित होगा। इस वक्त देश में कुल 0.22% मरीज ही वेंटिलेटर पर हैं। इसे देखते हुए सरकार ने वेंटिलेटर के निर्यात की अनुमति भी प्रदान कर दी है। कोरोना की रिकवरी जिस तरीके से भारत में हो रही है उसे देखते हुए सरकार संक्रमण के फैलाव को लेकर जितनी चिंतित नहीं है उससे ज्यादा चिंता मरीजों के आईसीयू में पहुंचने को लेकर है। लगभग 80% मरीज बिना किसी गंभीर संक्रमण के 15 दिन के उपचार में ठीक हो रहे हैं। बहुत से ऐसे भी हैं जिन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है और वे 15 दिन के भीतर घर में ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन जिन लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है, अथवा जो ऑक्सीजन के बिना नहीं रह पाते उन्हें खास उपचार की जरूरत है। ऐसे रोगियों को महंगे इंजेक्शन और महंगी दवाएं भी लग रही हैं। सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गंभीर मरीजों के लिए कोरोना का इलाज सस्ता करने की भी है।
बहरहाल देश के परिदृश्य पर नजर डालें तो सोमवार को महाराष्ट्र में 8,968, आंध्रप्रदेश में 7,822, तमिलनाडु में 5609, कर्नाटक में 4752, उत्तरप्रदेश में 4441, बिहार में 2297, गुजरात में 1009, राजस्थान में 1145, ओडिशा में 1384 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। बाकी राज्यों में संख्या 1000 से कम है। कुछ राज्यों में संख्या दहाई के अंक में है। कोरोना का संक्रमण छोटे राज्यों में फैलने से अनेक राज्यों ने अब लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उधर केंद्र अनलॉक के तीसरे चरण की तैयारी में है। दोनों स्थितियों में कोरोना का फैलाव किस तरह रोका जाएगा यह देखना दिलचस्प होगा।

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