मुंबई, महाराष्ट्र में पतंजलि की दवा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के अन्न व औषधि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि पतंजलि की दवा कोरोनिल कोरोना का खात्मा करने के लिए नहीं है। इसे कोई मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में यदि पतंजलि की दवा प्रदेश में बिक्री के लिए आती है तो उस पर औषधि व जादूटोना उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून 1954 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
अन्न व औषधि विभाग प्रशासन (एफडीए) मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि पतंजलि की ओर से बाजार में लाई गई कोरोनिल दवा से कोरोना संक्रमण की बीमारी ठीक नहीं होती है। राज्य सरकार के गृह विभाग की मदद से औषधि व जादूटोना उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून 1954 के अनुसार कार्रवाई होगी। पंतजलि की दवा कोरोनिल से कोरोना की बीमारी ठीक होती है, ऐसा भ्रम जनता में फैलाकर गुमराह किया जा रहा है। इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होता है। इससे कोरोना की बीमारी ठीक नहीं होती है। उल्लेखनीय है कि इस दवा की बाजार में कोरोना की दवा के नाम से लांचिंग की गई थी। केंद्र सरकार के आयुष विभाग ने इसके बेचने आदि पर रोक लगा दी थी। जांच में सामने आया कि पतंजलि को सर्दी-जुकाम की दवा बनाने का लाइसेंस दिया गया था।