केंद्र सरकार ट्रांसजेंडर्स को अब सुरक्षाबलों और लड़ाकू दस्तों में करना चाह रही शरीक

नई दिल्ली,केंद्र सरकार सुरक्षाबलों और लड़ाकू दस्तों में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करना चाहती है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सीएपीएफ को पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय इन्हें सुरक्षाबलों में शामिल किए जाने को अनुमति दिए जाने पर विचार चल रहा है।
मंत्रालय के अनुसार, सरकार उन्हें यूपीएससी की वार्षिक परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति मिल सकती है। पांच अर्धसैनिक और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से इसके पक्ष या विरुद्ध, समयबद्ध सुझाव भी मांगे हैं। ताकि यूपीएससी परीक्षा की अधिसूचना में ट्रांसजेंडर श्रेणी को शामिल किया जा सके।
सहायक कमांडेंट केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के पांच सीएपीएफएस में प्रवेश स्तर के अधिकारी रैंक होते हैं। सीएपीएफ के एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया कि बलों ने उन चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की है, जो अधिकारी रैंक में ट्रांसजेंडर के साथ आ सकते हैं।
सामाजिक न्याय मंत्री रतन लाल कटारिया ने 17 मार्च को लोकसभा में जानकारी दी थी कि ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए ट्रांसजेंडर पर्सन एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स)2019 को 10 जनवरी, 2020 से लागू किया गया है। अब सरकार इसी विषय पर सुझाव मांगकर इस समुदाय को मजबूती के साथ उभारना चाहती है।

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