नई दिल्ली, बजट सत्र में संसद में इन दिनों पक्ष और विपक्ष की ओर से जमकर एक दूसरे पर बयानबाजी हो रही है। कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत हेगड़े के द्वारा महात्मा गांधी के सत्याग्रह को ड्रामा कहने पर विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावार है। मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गांधी को गाली देने वालों को ‘रावण की औलाद’ बताया। कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा राम के पुजारी का ये अपमान कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर बीजेपी पूरी तरह से बैकफुट पर है और आलाकमान ने अनंत हेगड़े से तुरंत माफी मांगने को कहा था। बता दें कि सांसद अनंत हेगड़े ने गांधी के सत्याग्रह को ड्रामा कह डाला था। सांसद हेगड़े ने पूरे स्वतंत्रता आंदोलन को अंग्रेजों की सहमति और समर्थन के साथ किया गया। उन्होंने कहा,इनमें से किसी भी तथाकथित नेता को पुलिस ने नहीं पीटा। इनका स्वतंत्रता आंदोलन एक बड़ा ड्रामा था। इसका मंचन अंग्रेजों की मंजूरी के साथ किया गया। यह वास्तविक लड़ाई नहीं थी। उनके बयान से आलाकमान नाराज है, और सूत्रों के हवाले से खबर है कि उन्हें कड़ी फटकार लगाकर बयान पर बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा गया। पार्टी की ओर से साफ कहा गया कि इस तरह के बयान को स्वीकार नही हैं।
उधर,आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में निर्भया गैंगरेप के दोषियों को तत्काल फांसी पर लटकाने की मांग की। संजय सिंह ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि वह निर्भया गैंगरेप के दोषियों को मिली फांसी की सजा को तत्काल अंजाम तक पहुंचाने में हस्तक्षेप करें। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दोषियों की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में खारिज कर दिया। जेल प्रशासन को दोषियों को सूचित करने की प्रक्रिया को पूरा करने में एक साल से अधिक का समय लगा। यह देरी राज्य सरकार की वजह से हुई है। इससे पहले विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ नारे लगाए।