नई दिल्ली, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि कुमार ने कहा कि देश में धन की लागत काफी ऊंची है क्योंकि लोन लेकर उसे समय पर नहीं लौटाने की घटनाएं हाल में बढ़ी हैं यानी लोन चुकाने में नाकामी की दर भी ऊंची है, इसकी वजह से लोन पर ब्याज दरें ज्यादा हुईं हैं। उन्होंने कहा कि लोन सस्ता करने के लिए बैंकों को जमा खातों पर ब्याज कम करना होगा और बैंक जमा राशि पर एक सीमा से आगे जाकर ब्याज दरें कम नहीं कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि देश में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अभाव में कई ऐसे वरिष्ठ नागरिक हैं, जो कि जमा पूंजी से मिलने वाले ब्याज पर ही निर्भर हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से रेपो रेट कम किए जाने के बाद भी बैंकों की ओर से लोन पर ब्याज दरें ज्यादा नहीं घटाने पर कुमार ने कहा कि जब रेपो रेट कम की जाती है तो हर कोई बैंकों में ब्याज दर घटाने की बात करने लगता है. लेकिन जब रेपो रेट ऊपर जाती है, तब कोई भी ब्याज दरें बढ़ाने पर कोई बात नहीं करता। हाल ही में फिक्की की 92वीं वार्षिक आम बैठक में रजनीश कुमार ने कहा कि 5-6 साल पहले जब रेपो रेट बढ़ रही थी, तब बैंकों की तरफ से कर्ज लेने वालों के लिए ब्याज दर में उतनी वृद्धि नहीं की गई थी। उन्होंने कहा 2013 में रेपो रेट 10 प्रतिशत के आसपास थी, तब से लेकर रिजर्व बैंक की रेपो रेट और बैंकों की ब्याज दर पूरी तरह से एक दूसरे के साथ चल रहे हैं।
लोन लेकर वापस नहीं करने से ब्याज दरें हुईं ज्यादा
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