भोपाल, कमलनाथ सरकार डीएसपी, सब इंस्पेटर, जेल कांस्टेबल सहित अन्य वर्दीधारी पदों की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। इनकी आयु सीमा एक बार फिर 28 साल करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव बनकर तैयार हो चुका है। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
यही वजह है कि मप्र लोक सेवा आयोग ने हाल ही में राज्य वन सेवा के पदों के लिए जारी विज्ञापन में वर्दीधारी पदों की आयु सीमा स्पष्ट नहीं है। एमपी पीएससी ने अपनेनोटीफिकेशन में लिखा है कि शासन द्वारा आयु सीमा का जो निर्धारण किया जाएगा, उसी आयु सीमा को मान्यकिया जाएगा।
2017 में हुआ था बदलाव
मप्र में डीएसपी सहित अन्य वर्दीधारीपदों के लिए आयु सीमा में बदलाव 5 जून 2017 मे ंकिया गया था। पहले डीएसपी सहित अन्य राजपत्रित और अराजपत्रित वर्दीधारी पदों के लिए आयु सीमा 21से 28 साल थी। इसको लेकर अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए प्रदेश के युवाओं ने इस आयु सीमा को बढ़ाने की मांग की थी। इसके चलते वर्ष 2017 में मप्र के अनारिक्षत पुरुष आवेदकों के लिए वर्दीधारी पदों कीआयु सीमा 28 साल से बढ़ाकर 33 साल कर दी गई थी। महिला उमीदवारों के लिए यह आयु सीमा 28 साल से बढ़ाकर 38 साल की गई थी। प्रदेश के बाहरके उमीदवारों के लिए आयु सीमा 28 साल ही रखी गईथी। कमलनाथ सरकार इस व्यवस्था को अपने वचन पत्र के मुताबिक ही अमल में ला रही है।
कोर्ट का हवाला देकर घटाई जा रही आयु सीमा
बढ़ी हुई आयु सीमा को कोर्ट के उस आदेश का हवाला देकर कम किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि मप्र के अलावा अन्य राज्यों के उमीदवारों के लिए भी आयु सीमा एक जैसी होना चाहिए। इस पर उमीदवारों का कहना है कि अगर आयुसीमा सभी के लिए एक जैसी की जानी है, तो मप्र के अलावा अन्य राज्यों के लिए भी आयु सीमा 33 सालकी जा सकती है।
इन राज्यों में 35-40 साल आयु सीमा
कई राज्यों में वर्दीधारी पदों के लिए आयु सीमा 35से 40 साल है। संघ लोक सेवा आयोग ने भी आईपीएस के लिए अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष की हुई है। उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड व झारखंड जैसे राज्यों में भीडीएसपी पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 से 40वर्ष निर्धारित है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले जारी किए अपने वचन पत्रमें वर्दीधारी पदों की आयु सीमा को 33 साल से बढ़ाकर35 साल करने की बात कही थी, लेकिन अब इस आयुसीमा को घटाने की तैयारी की जा रही है। सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है।