नई दिल्ली,कांग्रेस के कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश को नामंजूर करते हुए प्रस्ताव पेश किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति के सम्मुख अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की, मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति व एक स्वर से इसे खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को आह्वान किया कि प्रतिकूल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व व मार्गदर्शन की आवश्यकता है। कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ों, गरीबों, शोषितों व वंचितों की समस्याओं के लिए आगे बढ़कर जूझने का आग्रह किया। प्रस्ताव में कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति उन चुनौतियों, विफलताओं और कमियों को स्वीकार करती है, जिनकी वजह से ऐसा जनादेश आया। कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी के हर स्तर पर संपूर्ण आत्मचिंतन के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन एवं विस्तृत पुर्नसंरचना करें। इसके लिए योजना जल्द से जल्द लागू की जाए। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारा अदम्य साहस, हमारी संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत है। कांग्रेस पार्टी नफरत और विभाजन की ताकतों से लोहा लेने के लिए सदैव कटिबद्ध है। मनमोहन ने राहुल को समझाया, लगी रहती है हार-जीत कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि चुनावी हार मेरे लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात है, इसलिए मैं इस्तीफा दूंगा।
राहुल गांधी को प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मनाने की कोशिश की वह इस्तीफे की पेशकश न करें, इसके जवाब में राहुल ने कहा कि मैं इस हार के लिए जिम्मेदार हूं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को समझाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि आप इस्तीफे की बात न करें। उन्होंने कहा कि हार-जीत तो लगी रहती है, लेकिन पार्टी के नेतृत्व के लिए आपके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यही नहीं राहुल गांधी कोसमझाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी भी हार गए थे, लेकिन एक बार फिर से पार्टी ने वापसी की।
राहुल के ऑफिस की टीम पर सवाल
सूत्रों के अनुसार कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी की टीम को लेकर भी सवाल उठाए गए। सीनियर नेताओं ने कहा कि यदि आप नए लोगों को रखना चाहते हैं तो रखें, लेकिन अपनी टीम में सियासी लोगों को रखिए। कहा गया कि राहुल गांधी के दफ्तर के लोग फैसले लेते हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक समझ नहीं है।
कमलनाथ रहे गायब
कार्यसमिति की मीटिंग में सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, महासचिव गुलाम नबी आजाद, कैप्टन अमरिंदर सिंह, एम सिद्धारमैया, अशोक गहलोत, शीला दीक्षित समेत तमाम नेता मौजूद थे। हालांकि इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ मौजूद नहीं रहे। उनके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूद रहे। पुदुचेरी के सीएम नारायणसामी भी मौजूद थे। नतीजों वाले दिन भी राहुल गांधी ने देशभर में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि इसकी शत-प्रतिशत जिम्मेदारी मेरी है। इस बीच, मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम राहुल के बचाव में सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल को इस्तीफा नहीं देना चाहिए। पार्टी में भले ही अभी खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन अंदरखाने यह राय चल रही है कि मोदी के खिलाफ ज्यादा हमले करने का नुकसान हुआ। खासतौर पर ‘चौकीदार चोर है’ जैसे नकारात्मक प्रचार ने पार्टी को चोट पहुंचाई।