अल्पेश ठाकोर का कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा,पर विधायक बने रहेंगे

अहमदाबाद, ना, ना करते करते आखिर विधायक अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस से आज इस्तीफा दे दिया है. हांलाकि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद शाम को अल्पेश ठाकोर ने पत्रकार परिषद में कहा कि पार्टी में उनकी और ठाकोर सेना के युवाओं की अवगणना और अपमान किया जा रहा था. जिसकी वजह से आज भारी मन से कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा को इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने न तो विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है और न ही वह किसी पार्टी को जॉइन करने जा रहे हैं. मेरा समर्थक किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं होगा. अल्पेश ठाकोर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस रुपयों की खातिर टिकट व्यापार करती है. पिछले काफी समय से प्रदेश हाईकमांड और प्रभारी मेरा सम्मान नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दामन तब थामा था जब गुजरात में जूझ रही थी| यदि मुझे पद या सत्ता की लालसा होती तो काफी समय पहले मैं भाजपा में शामिल हो सकता था. ठाकोर सेना का आदेश है कि जहां अपमान और अवगणना की जाती है वहां मुझे रहना नहीं चाहिए.
गुजरात विधानसभा के 2017 के चुनाव से पहले राजीव गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन करने वाले अल्पेश ठाकोर ने लोकसभा चुनाव से ऐन मौके पर कांग्रेस को अलविदा कर दिया है. हांलाकि उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. जिससे फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता कि उनका अगला कदम क्या होगा. पहले भी इस्तीफा देकर वापस कांग्रेस में लौट गए थे. हांलाकि अल्पेश ठाकोर के इस्तीफे से गुजरात की 7 लोकसभा सीटों पर समीकरण बदल सकते हैं. जिसमें उत्तरी गुजरात के पाटण, बनासकांठा और मेहसाणा लोकसभा सीटें शामिल हैं

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