कमलनाथ ने दिया संकेत दिग्विजय भोपाल से लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव

भोपाल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्‍मीदवार हो सकते है। इससे पहले मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने उनसे भोपाल या इंदौर जैसी मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। इस घोषणा के साथ ही एक तरह से दिग्विजय सिंह ने मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने की कमलनाथ की चुनौती कबूल कर ली है। कमलनाथ के इस आग्रह पर प्रतिक्रिया देते दिग्विजय सिंह ने कहा था, मैं लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’ दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी उन्‍हें जहां से चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं मैं वहां चुनाव लड़ने का तैयार हूं। फिर भी उन्‍होंने संकेत दिया था कि यदि उन्‍हें राजगढ़ लोकसभा सीट से टिकट दिया जाए जहां से वह कई बार चुनकर आए हैं तो वह तैयार हैं। राजगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत ही राघौगढ़ विधानसभा सीट आती है जो उनका मजबूत गढ़ माना जाता है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से स्थानीय कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाए जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता लामबंद हो रहे हैं। होली की मेल-मुलाकात के बहाने बुधवार को कई बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निवास पर जमा हुए और सभी ने स्थानीय व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने पर जोर दिया। वर्तमान में बीजेपी के आलोक संजर भोपाल से सांसद हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दी जानकारी
दिग्विजय भोपाल सीट से उम्मीदद्वारा हो सकते है। इस बात की जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दी है। कमलनाथ ने कहा कि पार्टी रविवार को चुनाव समिति उनके नाम का एलान करेगी। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा, ”दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के भोपाल सीट से चुनाव लड़ने वाले है। रविवार को कांग्रेस चुनाव समिति दिग्विजय सिंह के नाम का एलान करेगी। बता दें कि भोपाल से कांग्रेस साल 1989 के बाद से चुनाव नहीं जीती है। इसके पूर्व कमलनाथ ने कहा था कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से आग्रह किया है कि यदि वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो कांग्रेस के लिए प्रदेश में कुछ कठिन सीटों में से एक पर वह चुनाव लड़ें। कमलनाथ ने कहा था,’मैंने दिग्वियज सिंह से आग्रह किया है कि यदि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वह किसी कठिन सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ें। बिना नाम लिए भोपाल और इंदौर जैसी लोकसभा सीटों की बात करते हुए उन्होंने कहा,प्रदेश में 2-3 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां से हम 30-35 सालों से जीते नहीं हैं।

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