MP में नई शराब नीति LS चुनाव बाद, 3 माह के लिए शराब के ठेके 15 % वृद्धि के साथ बढ़ेंगे

भोपाल, मध्य प्रदेश सरकार 3 माह के लिए लेखानुदान लेकर आ रही है। फरवरी से मार्च माह में शराब के ठेके नीलाम होते थे। लेकिन इस बार सरकार, 3 माह के लिए 15 फ़ीसदी वृद्धि के साथ शराब ठेकों का नवीनीकरण करने की योजना को मंजूरी दी है। जो ठेकेदार 15 फ़ीसदी अधिक राशि देकर ठेका चलाना चाहेंगे। उन्हें ठेका चलाने की अनुमति होगी। 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति घोषित होना थी। किंतु लोकसभा चुनाव और लेखानुदान के कारण सरकार ने 3 माह के लिए इसे स्थगित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार जो ठेकेदार 15 फ़ीसदी वृद्धि के साथ ठेका आगे नहीं चलाना चाहेंगे। उन दुकानों की नीलामी 3 माह के लिए की जाएगी। सूत्रों के अनुसार कुछ बड़े शराब ठेकेदार सरकार के 15 फ़ीसदी रेट बढ़ाने से असहमत हैं, जिसके लिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं सूत्रों की माने तो अगले 3 माह के लिए 10 फ़ीसदी वृद्धि के साथ 3 माह के लिए ठेकों का नवीनीकरण करने पर सरकार ठेकेदारों के दबाव पर सहमत हो सकती है।
डिस्टलर लगा रहे सरकार के चक्कर
मध्यप्रदेश में 8 डिस्टलर हैं। मध्य प्रदेश के बाहर से अभी मौलासिस का आयात नहीं होता है। पर्यावरण की दृष्टि से ग्रेन से मोलासेस डिस्टलर के द्वारा मध्य प्रदेश के अंदर ही बनाया जाता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नई सरकार ने मोलासेस बाहर से लाने की अनुमति देने की जा रही थी। इस खबर को सुनते ही डिस्टलर सरकार के पास चक्कर लगा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में शुगर मिल से मोलासिस बड़ी मात्रा में निकलता है। उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में इसकी कीमत बहुत कम है। वहीं मध्य प्रदेश में मोलासेस के आयात में प्रतिबंध होने से खाद्यान्न से यहां पर मोलासेस बनाया जाता है। जिसकी लागत काफी ज्यादा होती है। मोलासेस बाहर से आने की अनुमति यदि सरकार दे देती है तो डिस्टलर की मोनोपोली खत्म होगी। डिस्टलर को शराब की कीमत भी कम करनी पड़ेगी। जिसके कारण प्रदेश के सभी डिस्टलर मिलकर सरकार से मोलसेस नीति में परिवर्तन नहीं करने को लेकर दबाव बना रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए चंदा देने की भी पेशकश डिस्टलरों द्वारा की गई है।
प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव के अनुसार मार्च 2020 तक के लिए डिस्टलर के साथ सरकार का अनुबंध है। मध्यप्रदेश शासन नीति में अभी कोई परिवर्तन कर भी नहीं सकता है। उन्होंने यह भी कहा की पर्यावरण की दृष्टि से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जो नियम लागू किए हैं। उसके कारण प्रदेश के बाहर से मोलासिस लापाना डिस्टलर के लिए संभव नहीं है। शासन ने कोई रोक नहीं लगाई है। उन्होंने कहा की डिस्टलर के लिए नीति में मार्च 2020 में ही परिवर्तन संभव होगा। सरकार ने अभी तक आबकारी नीति और शराब ठेके को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, जिसके कारण शराब विक्रेता और डिस्टलर अनिर्णय की स्थिति में है।

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