जबलपुर,धनुष तोप में मेड इन जर्मनी के नाम पर चीनी कल-पुर्जे की आपूर्ति मामले में सीबीआई जांच के घेरे में आए जीसीएफ में जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खटुआ (45) की मौत का रहस्य अभी भी बरकरार है। हालाकि एसआईटी और पुलिस को मामले से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं। जूनियर मैनेजर एससी खटुआ की हत्या के बाद धनुष तोप कलपुर्जे घोटाले में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर एसआईटी व सीबीआई ने अपनी जांच और तेज कर दी है, जिसके चलते पुलिस को घटनास्थल से कुछ ऐसे कागजात मिले है, जिसमें सीबीआई को भेजे गए मेल सहित अन्य जानकारी मिली है।
कलपुर्जे घोटाले में तीन अधिकारियों सहित 32 लोगों से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की थी, वहीं इस मामले में ही जूनियर वर्क्स मैनेजर एससी खटुआ को सीबीआई की टीम ने दिल्लीr तलब किया था, लेकिन खटुआ दिल्ली पहुंचते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई। घटना के करीब 17 दिन बाद उनका शव पहाड़ी पर मिला। जिसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
ये है मामला
जूनियर वर्क्स मैनेजर की लाश मंगलवार को जीसीएफ न्यू कॉलोनी में एमइएस बोरिंग के पास पत्थरों की खाई में मिली। खटुआ 19 दिनों से लापता थे। लाश तीन-4 दिन पुरानी बतायी जा रही है। वहीं सिर धड़ से अलग होना भी बताया जा रहा है। परिजन ने खटुआ की हत्या की आशंका जताते हुए इसे बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है। टीआई संजय सिंह ने बताया कि जीसीएफ क्वार्टर निवासी मौसमी खटुआ ने 17 जनवरी को पति एससी खटुआ की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी।
धनुष तोप प्रकरण में जुड़ा है खटुआ का नाम
जीसीएफ ने धनुष तोप के लिए दिल्ली की सिद्ध सेल्स को छह वायर रेस रॉलर बेयरिंग (डब्ल्यूूआरआरबी) की आपूर्ति का ठेका 53.07 लाख रुपए में दिया था। सिद्ध सेल्स ने सीआरबी-मेड इन जर्मनी लिखकर चीनी बेयिरंग की सप्लाई कर दी, बेयरिंग को साइनो यूनाइटेड इंडस्ट्रीज (लूयांग) लिमिटेड, हेनान चीन ने बनाया था। इसी प्रकरण में सीबीआई की जांच चल रही है। टेंडर खरीदी प्रक्रिया के हिस्सा रहे एससी खटुआ के घर पर 10 जनवरी को सीबीआई ने दबिश भी दी थी।