परीक्षा में तनाव नहीं लो,उत्सव मनाओ ये हार जीत की चीज नहीं -मोदी

नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में छात्रों, अध्‍यापकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा पे चर्चा के तहत दूसरी बार बातचीत की। बातचीत का दौर करीब 90 मिनट तक चला। इस कार्यक्रम में देश भर से आए छात्रों, और विदेशों में रहने वाले भारतीय छात्रों ने भी हिस्‍सा लिया।
बातचीत के लिए माहौल तैयार करते हुए उन्‍होंने परीक्षा पे चर्चा को लघु भारत का रूप बताया। उन्‍होंने कहा कि यह भारत के भविष्‍य का प्रतीक है। उन्‍होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि अभिभावक और अध्‍यापक दोनों ही इस कार्यक्रम का हिस्‍सा हैं।
एक अध्‍यापक ने प्रधानमंत्री से प्रश्‍न किया कि अध्‍यापकों को उन अभिभावकों को क्‍या कहना चाहिए, जो अपने बच्‍चों की परीक्षाओं को लेकर तनाव में रहते हैं और बेवजह उम्‍मीदें लगा बैठते हैं। यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने भी इसी प्रकार का एक प्रश्‍न पूछा। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि वे किसी को भी यह सलाह नहीं देंगे कि वह परीक्षा से किसी प्रकार प्रभावित न हो, परीक्षा का सार समझना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने उपस्थित जन समूह से सवाल किया कि क्‍या परीक्षा जीवन की कोई परीक्षा है, अथवा वह किसी विशेष ग्रेड जैसे दसवीं अथवा बारहवीं कक्षा की परीक्षा है। उन्‍होंने कहा, जब एक बार इस संदर्भ को समझ लिया जाएगा, तो तनाव कम हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अभिभावकों को कभी भी अपने बच्‍चों से अपने अधूरे सपनों को पूरा करने की उम्‍मीद नहीं करनी चाहिए। हर बच्‍चे की अपनी क्षमता और शक्ति होती है और हर बच्‍चे के सकारात्‍मक पहलू को समझना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपेक्षाएं रखना आवश्‍यक है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि हम निराशा और दु:ख के माहौल में नहीं रह सकते। अभिभावकों के तनाव, और अभिभावकों के दबाव को लेकर अनेक सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्‍चे का प्रदर्शन अभिभावकों के लिए परिचय कार्ड नहीं हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि यदि यह प्रयोजन बन जाएगा, तो अपेक्षाएं बेमतलब हो जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में उम्‍मीदें बढ़ा दीं। उन्‍होंने कहा कि उनका मानना है कि 1.25 अरब भारतीयों की 1.25 अरब अपेक्षाएं होनी चाहिए। इन अपेक्षाओं को अभिव्‍यक्‍त किया जाना चाहिए और इन्‍हें पूरा करने के लिए हमें अपनी क्षमता को मिलकर बढ़ाना चाहिए।

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