मुजफ्फरपुर,बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपियों के 20 बैंक खातों को सीज कर दिया है। दूसरी ओर सीबीआई ने मामले से जुड़े तीन लोगों के साथ-साथ घटना के समय असिस्टेंट डायरेक्टर (शेल्टर होम के जांच इनचार्ज) समाज कल्याण विभाग, को भी हिरासत में ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले में सीबीआई की जांच की निगरानी करने का निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को चार हफ्तों के अंदर मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है, इसके साथ ही न्यायालय ने मीडिया को मामले की रिपोर्टिंग करते वक्त सावधानी बरतने के लिए कहा है।
न्यायमूर्ति मदन.बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पटना हाई कोर्ट के मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को निष्प्रभावी बना दिया। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं हो सकता लेकिन मीडिया को रिपोर्टिंग के दौरान सावधान रहना चाहिए। इससे पहले पटना हाई कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी दोहराया कि मीडिया पीड़िताओं की तस्वीर को न तो प्रकाशित कर सकता है और न ही टेलिकास्ट कर सकता है, यहां तक कि धुंधले रूप (ब्लर) में भी नहीं। मीडिया से इस तरह की घटनाओं को सनसनीखेज नहीं बनाने का आग्रह है। पीड़िताओं का साक्षात्कार नहीं लिया जा सकता और किसी भी प्रकार से उनकी पहचान उजागर नहीं की जा सकती। र्ट ने कहा कि यहां तक कि उनके परिजनों की पहचान को भी उजागर नहीं करना चाहिए।