सतना/भोपाल, परसमनिया में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ 51 दिनों में फैसला सुनाते हुए दोषी को मृत्युदंड की सजा दी। महेन्द्र सिंह गौड़ नाम के शख्स ने 30 जून और 1 जुलाई की रात को 4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। दुष्कर्म जंगल में किया गया था। उसके बाद से ही दुष्कर्म पीड़िता का इलाज दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में चल रहा है। नागौद कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा का एलान किया।
आरोपी मासूम बच्ची को परसमनिया स्थित उसके घर से उठा कर ले गया था। आरोपी दुष्कर्म के बाद बच्ची को मरा हुआ समझकर जंगल मे फेंककर भाग गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपों को गिरफ्तार कर लिया था। जानकारी के मुताबिक प्रथम अपर सत्र न्यायालय नागौद ने बुधवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। मामले में अंतिम बहस मंगलवार को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर महेंद्र सिंह गोड़ के ऊपर मासूम के साथ बलात्कार का आरोप प्रमाणित पाया और फांसी की सजा सुना दी। कोर्ट ने आइपीसी 363, 376 (1)क(ख) के तहत मृत्युदंड, आइपीसी 376 (7) (ख) के तहत मृत्युदंड और आइपीसी 363 के तहत 7 साल सश्रम कारावास व 5 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। जानकारी के अनुसार सतना जिले के उचेहरा थाना अंतर्गत परसमनिया में 1 जुलाई की रात चार साल की मासूम को घर से अगवा कर दुष्कर्म की घटना हुई थी। पुलिस ने गांव के शिक्षक महेंद्र सिंह गोड़ निवासी पन्ना टोला को जांच के बाद आरोपी बनाया था और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 34 दिन की विवेचना के बाद पुलिस ने मामला कोर्ट में पेश किया। जिसका फैसला बुधवार सुबह आया। पुलिस ने 34 दिन तक सतत विवेचना की और 3 अगस्त को कोर्ट में विचारण के लिए मामले को रखा। कोर्ट ने 47 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया। गौरतलब है कि वारदात के बाद से ही पीडि़ता की हालत अब भी खराब है। उसका इलाज एम्स अस्पताल दिल्ली में चल रहा है।