जिला अस्पताल में हड़कंप,डीवी वार्ड से स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर भागी महिला

छिंदवाड़ा, जिला अस्पताल में सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला डीवी वार्ड से अपने मरीज को स्टेचर समेत लेकर भाग निकली। मामले का पता चलते ही हरकत में आए अस्पताल प्रबंधन ने महिला और मरीज को ढूंढने के लिए चारों तरफ अपने कर्मचारी और एम्बुलेंस भी भेजी। मशक्कत के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद 8:30 बजे महिला को अस्पताल कर्मियों ने नागपुर मार्ग पर ईएलसी के पास ढूंढ निकाला और स्ट्रेचर सहित मरीज को वापस अस्पताल लाया गया। तब जाकर अस्पताल कर्मियों के जान में जान आई। यहां मरीज को दोबारा सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया लेकिन कार्रवाई के डर से महिला मरीज समेत दोबारा भाग निकली। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वहीं अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए है। घटना के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे डीवीडी वार्ड में डय़ूटी पर तैनात वार्ड प्रभारी नर्स ने आरएमओ डॉ. सुशील दुबे से मामले की शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल अमरवाड़ा निवासी मरीज दीपक पिता मंशाराम (22) को तेज बुखार और हाथ पैर में दर्द के चलते जिला अस्पतला के डीवीडी वार्ड में 26 अगस्त की रात भर्ती कराया गया था। दो दिन तक यहां उपचार के बाद मंगलवार 28 अगस्त की सुबह मरीज की अटेंडर महिला ने उसे वॉशरूम ले जाने कहकर वार्ड से बाहर निकली और उसे ले भागी थी। महिला का कहना था कि दो दिन से भर्ती रहने के बाद भी उसे आराम नहीं लग रहा था और दीपक चल भी नहीं पा रहा था इसके कारण उसने स्ट्रेचर से ही उसे ले जाना उचित समझा।
वार्ड से निकला पैदल, कहां से मिला स्ट्रेचर?
मंगलवार सुबह 7 बजे अस्पताल कर्मियों को चकमा देकर डीवीडी वार्ड से भागने वाले मरीज दीपक सरेयाम अपने परिजन के साथ वार्ड से पैदल ही निकला था। अस्पताल कैम्पस में लावारिश हालत में पड़ा स्ट्रेचर लेकर परिजन दीपक को उसमें बिठाकर भागे थे। मामले में अस्पताल की सुरक्षा व्यस्था पर सवाल खड़े हो गए है। जिस समय दीपक को लेकर महिला परिजन वार्ड से निकले उस समय सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड भी मौके पर मौजूद नहीं था। इसके कारण परिजन का हौंसला बुलंद हो गया और उसने अनजाने में ही अस्पताल से निकलने का इतना बड़ा कदम उठाया।
वार्ड प्रभारी ने कराई शिकायत
डीवीडी वार्ड से बिना बताए मरीज को स्ट्रेचर सहित ले जाने के मामले में वार्ड प्रभारी नर्स और डय़ूटी पर आई नर्सों ने मामले की शिकायत जिला अस्पताल के आरएमओ सुशील दुबे से की है। अपनी शिकायत वार्ड प्रभारी का कहना था कि उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। वे अकेली रहती है ऐसे में यदि कोईमरीज उनसे हुज्जत भी कर ले तो वे अकेली क्या कर सकती है। वार्ड प्रभारी नर्स का कहना था कि इस वार्ड में कभी भी 90 मरीज तक रहते हैं और उसके पीछे केवल एक ही नर्स को इन्हीं मरीजों को देखना पड़ता है। जबकि नियमानुसार 5 मरीज को एक नर्स कोअटेंड करना होता है। शिकायत पर आरएमओ डॉ. दुबे ने वार्ड प्रभारी नर्स को स्टाफ बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
गंदगी के कारण सुलभ काम्पलेक्स जाते हैं मरीज
जिला अस्पताल के वार्डों में बने शौचालय में गंदगी से अटे पड़े हैं इसके कारण वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन अपने मरीजों को अस्पताल कैम्पस में ही बने सुलभ शौचालय में ले जाते हैं। मंगलवार को महिला ने दीपक को सुलभ शौचालय ले जाने के बहाने वार्ड से नीचे उतारा और उसे स्ट्रेचर समेत ले भागी। जिस समय महिला मरीज को लेकर जा रही थी उस समय महिला पर किसी भी अस्पताल कर्मी की नजर नहीं पड़ी। राह चलते लोगों ने महिला को स्ट्रेचर समेत नागपुर मार्ग पर जाते देखा तब इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी थी। इसके बाद हरकत में आए प्रबंधन ने स्ट्रेचर सहित अस्पताल में वापस लाया। इतनी बड़ी घटना के बाद भी अस्पताल के शौचालयों में सफाई के लिए लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।
तीन दिन डीवीडी वार्ड में रहती है मरीजों की भरमार
जिला अस्पताल के डीवीडी वार्ड में सप्ताह में दो दिन मंगलवार, शुक्रवार और मांह के पांचवे रविवार को यहां वार्ड में मरीजों की भरमार होती है। चूंकि अस्पताल का यह वार्ड अन्य वार्डों की तुलना में काफी साफ-सुथरा रहता है और अस्पताल का हर चिकित्सक अपने मरीज को इसी वार्ड में भर्ती कराना चाहता है। रविवार की रात भी ऐसा ही मामला सामने आने पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ने दीपक को अटेंड किया और उसे डीवीडी वार्ड में भर्ती करा दिया। यहां मरीजों की भरमार होने के बाद भी वार्ड में डय़ूटी के लिए केवल एक ही नर्स तैनात थी जिसको सभी मरीजों का देखभाल करना होता है। सोमवार की रात अकेली डय़ूटी पर तैनात नर्स ने दीपक को इंजेक्शन लगाया और उपचार दिया था तो दीपक दर्द के मारे तड़प रहा था। डय़ूटी नर्स का कहना है कि इतने सारे मरीज को उसे अकेले ही अटेंड करना पड़ता है ऐसे में यदि कोई मरीज भाग जाए तो उसमें उनका क्या दोष। वार्ड प्रभारी नर्स ने प्रबंधन से स्टॉफ बढ़ाने के लिए कई बार कहा लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
इनका कहना है
मरीज की हालत बिगड़ने पर सोमवार की रात साढ़े 11 बजे दीपक नामक मरीज को डीवीडी वार्ड में भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह मरीज को फ्रेश कराने के बहाने परिजन स्ट्रेचर समेत नागपुर मार्ग स्थित इएलसी तक ले गए थे। खबर मिलने पर एम्बुलेंस और अन्य कर्मचारियों के माध्यम से उसकी तलाश की गई जो ईएलसी में मिल गई थी। इसके बाद दोबारा मरीज को अस्पताल भर्ती कराया गया है। इस मामले में किसकी लापरवाही है इसकी जांच की जा रही है।
डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल

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