कम्प्यूटर खरीदी घोटाले में 18 साल बाद,पूर्व सांसद और तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार का मामला दर्ज

भिंड, भिण्ड जिले में 18 साल पहले स्कूलों में कम्प्यूटर खरीदी घोटाले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा पूर्व सांसद, तत्कालीन कलेक्टर सहित चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2000-01 में कम्प्यूटर साक्षारता प्रोजेक्ट के तहत सांसद निधी से भिण्ड के 23 स्कूलों का कम्प्यूटर ट्रेनिंग के लिए चयन हुआ था, इनके लिए कम्प्यूटर खरीदे जाने और उनके रखरखाव का प्रस्ताव दिया गया था, स्कूलो में कम्प्यूटर लगाने और उनके मैटिनेंस के लिए ग्वालियर और रीवा की तीन कम्पनियों को आदेश दिए गये और एक करोण साल लाख 92 हजार रुपये के 115 कम्प्यूटरों व उपकरणों की खरीदी की गई, उस समय कलेक्टर मुक्ततेश वाष्णेंय थे और सांसद निधी डा. रामलखन सिंह की थी।
बाद में कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियों द्वारा कम्प्यूटर व उनके उपकरण नहीं खरीदे जाने पर मामला अदालत में पहुंच गया, जिसपर कोर्ट ने तत्कलीन कलेक्टर को मामले की जांच के आदेश दिए, जांच के समय मुक्तेश वार्ष्णेय के स्थान पर अन्य कलेक्टर की पदस्थापना हो चुकी थी, और उन्होंने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी, जिसके आधार पर ईओडब्ल्यू को मामले में प्रकरणदर्ज करने के आदेश हुए थे, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने पूर्व सांसद रामलखन सिंह पूर्व आईएएस अधिकारी वार्ष्णेय सहित दो कम्प्यूटर कम्पनियों के अधिकारी अभय तिवारी और जगदीश सिंह सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आगे की छानबीन शुरु कर दी है।

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