एमपी में किसानों का एक जून से फिर आंदोलन का एलान

भोपाल,विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार जहां सभी तबकों को मनाने में लगी है, तो वहीं किसान नाराज चल रहे हैं। एक से दस जून के बीच मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन करने जा रहे हैं। लेकिन जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पुलिस और सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। दरअसल, इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर मध्य प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी किया है। इस आंदोलन ने पुलिस और इंटेलिजेंस की नींद इसलिए भी उड़ा रखी है, क्योंकि आंदोलन इस बार एक जून से चरणबद्ध होगा और वह भी मध्य प्रदेश के चारों कोनों में। पुलिस को अब तक पश्चिम मध्यप्रदेश के एक दर्जन जिलों को लेकर चिंता ज्यादा थी, लेकिन इस बार किसान नेता मध्य क्षेत्र में सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि किसान एक जून से अपने उत्पाद शहर में लाकर नहीं बेचेंगे। इससे किस जिले से कौन सा उत्पाद नहीं पहुंचने पर कौन सा संकट पैदा होगा, इसका पता लगाने का काम एजेंसियों ने शुरू कर दिया है। इसके पहले हुआ किसान आंदोलन मंदसौर, नीमच, इंदौर, धार, उज्जैन, देवास, आगर-मालवा, रतलाम जिले में ही संवेदनशील था। लेकिन किसान नेताओं की सक्रियता इन जिलों के साथ ही भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, में भी अब बढ़ गई है। इसके अलावा होशंगाबाद, हरदा और सबसे ज्यादा संवेदनशील नरसिंहपुर जिला माना जा रहा है। रिपोर्ट में राजनीतिक दलों के भी सक्रिय होने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि इस आंदोलन से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नेता सीधे तौर पर जुड़ने वाले हैं। उधर, भारतीय किसान यूनियन द्वारा एक से 10 जून तक ग्राम बंद हड़ताल को सफल बनाने के लिए ग्रामों में सभाएं की जा रही हैं। किसानों से अपील की जा रही है कि वे हड़ताल के दौरान फल, फूल, सब्जी व अनाज को अपने घरों से बाहर न ले जाएं और न ही वे शहरों से खरीदी करें और न गांवों में बिक्री करें। गौरतलब है कि पिछले साल मंदसौर से किसान आंदोलन की चिंगारी उठी थी। फसल के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे थे, जिसमें पुलिस ने गोलियां चला दी थीं। इस हादसे में छह किसानों की मौत भी हो गई थी। अब आने वाले छह जून को उन शहीद किसानों की बरसी है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर आ रहे हैं। वे एक शासकीय महाविद्यालय के मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। यह जनसभा किसानों की शहादत के एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *