न्यूयॉर्क,डोनल्ड ट्रंप सरकार एच-1 बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट को खत्म करने की योजना बना रही है। यानी यदि पति के पास एच-1 बी वीजा है, तो पत्नी को भी काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह अगर पत्नी के पास वीजा होने पर पति को वर्क परमिट नहीं मिलेगा। माना जा रहा है कि इस कदम से हजारों भारतीयों पर असर पड़ेगा। बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान जीवनसाथी को कार्य परमिट देने के इस फैसले को खत्म करने से 70 हजार से ज्यादा एच-4 वीजाधारक प्रभावित होंगे, जिनके पास वर्क परमिट है। एच-4 वीजा एच -1 बी वीजाधारक के जीवन साथी को जारी किया जाता है। इनमें से बड़ी संख्या में भारतीय स्किल्ड पेशेवर हैं। उन्हें ये वर्क या वर्क परमिट ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में जारी विशेष आदेश के जरिए मिला था। इस प्रावधान का सबसे अधिक फायदा भारतीय-अमेरिकियों को मिला था। एक लाख से अधिक एच-4 वीजा धारकों को इस नियम का लाभ मिल चुका है। ओबामा प्रशासन के 2015 के नियम के अनुसार एच -1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को कार्य परमिट की अनुमति दी थी, अन्यथा वे कोई नौकरी नहीं कर सकते। वहीं इसका दूसरा रास्ता यह है कि एच-1 बी वीजाधारक स्थानीय निवासी का दर्जा हासिल करें। इस प्रक्रिया में एक दशक या ज्यादा का समय लगता है। ऐसे में ओबामा प्रशासन के इस नियम से उन एच-1 बी वीजाधारकों को फायदा हुआ था, जिनके जीवनसाथी भी अमेरिका में नौकरी करना चाहते हैं। ट्रंप प्रशासन इस प्रावधान को समाप्त करने की योजना बना रहा है। इन गर्मियों में इस बारे में औपचारिक घोषणा हो सकती है। एच-1 बी वीजा ऐसे विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए जारी किया जाता है, जो किसी ‘खास’ काम में कुशल होते हैं। इसके लिए आम तौर उच्च शिक्षा की जरूरत होती है। कंपनी को नौकरी करने वाले की तरफ से एच-1 बी वीज़ा के लिए इमिग्रेशन विभाग में आवेदन करना होता है। यह व्यवस्था 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने शुरू की थी। पिछले साल अमेरिका ने एच-1 बी वीज़ा के लिए दो लाख से अधिक आवेदन प्राप्त किए थे।