पलवली गांव में पुलिस के साए में लौटे हत्या के आरोपियों के परिजन,गांव में नहीं जला चूल्हा

फरीदाबाद,पलवली गांव में एक ही रात में पांच लोगों की सामूहिक हत्या के करीब तीन माह बाद भारी पुलिस बल के साए में आरोपी पक्ष की 10-12 महिलाएं गांव में लौटीं। उन्हें देखकर शाम को गांव के कई घरों में चूल्हा ही नहीं जलाया गया। फिर भी गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। ग्रामीणों ने पलवली गांव में सर्व समाज की पंचायत कर आरोपियों के परिजनों की घर वापसी का विरोध जताया था और प्रशासन तथा समाज से मांग की थी कि जब तक मामले का फैसला नहीं आ जाता है तब तक उन्हें गांव में न आने दें। इस मामले को लेकर गांव में कई बार पंचायत हो चुकी है और समाज आरोपियों के परिवार का बहिष्कार किया है। इस दौरान मौके पर मौजूद डीसीपी ने लोगों को शांति बनाए रखने के साथ किसी तरह की कोई शरारत नहीं करने की चेतावनी दी है। पलवली में 17 सितंबर 2017 की शाम सरपंच पति वीरेंद्र उर्फ बिल्लू के बेटे मिरिंडा और चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रहे बिजेंद्र के समर्थक कन्हैया के बीच झगड़ा हो गया था। चुनावी रंजिशें ताजा हो गईं और दोनों पक्ष आमने सामने आ गए थे। कुछ देर में बिल्लू परिवार की ओर से राइफल बंदूक आदि लेकर लोग आ गए। बिल्लू पक्ष की ओर से की गई गोलीबारी में श्रीचंद, राजेंद्र, ईश्वर, नवीन और देवेंद्र की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस सामूहिक हत्याकांड में पलवली की तत्कालीन सरपंच दयावती, उनके पति पूर्व सरपंच बिल्लू, गुरुग्राम पुलिस में तैनात एएसआई धर्मेंद्र समेत 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और इस मामले में अदालत में चार्जशीट भी दाखिल हो गई है। इसमें अब अगली तारीख 2 जनवरी 2018 लगी है। आरोपी पक्ष की महिलाओं को पुलिस के पहरे में गांव में पहुंचाया गया है। शांति बनाये रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात है।

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