माकपा का राज्य सम्मेलन शुरू,सीताराम येचुरी बोले सवाल देश की नीतियां बताने का नहीं बदलने का है

सबलगढ़,आज देश की बदत्तर स्थिति पर चर्चा करने का नहीं, बल्कि देश की बदहाली को बदलने का है। बदलने के लिए नीतियों को बदलना होगा और यह बदलाव की वैकल्पिक नीतियां केवल वामपंथ के पास है। यह बात मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने माकपा के 15वें राज्य सम्मेलन के अवसर पर आयोजित विशाल आमसभा को संबोधित करते हुए कही।
येचुरी ने कहा कि तीन साल पहले देश की जनता से अच्छे दिन के वादे करते हुए कहा गया था कि देश में दो करोड़ नौकरियां हर साल मिलेंगी। किसानों को उसकी फसल का दाम मिलेगा मगर नोटबंदी और जीएसटी के बाद लाखों मजदूरों का रोजगार चैपट हुआ। पूंजीपतियों को 11 लाख करोड़ की माफी दी गई, जबकि किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उसकी कर्जमाफी करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं।
येचुरी ने कहा कि आज कृषि की बदहाली और रोजगार के संकट को दूर करने वाली वैकल्पिक नीतियां केवल वामपंथ के पास है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के खिलाफ जनता में जो गुस्सा है उस गुस्से को भटकाने के लिए जाति और धर्म के नाम पर एक भाई को दूसरे भाई से लड़वाया जा रहा है। इसलिए साम्प्रदायिक दंगे करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की एकता को बचा कर ही बेहतर भारत का निर्माण कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि माकपा देश भर में इन्हीं वैकल्पिक नीतियों के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होंने इसके लिए मध्यप्रदेश में भी संघर्ष करने का आह्वान किया।

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