फरीदाबाद,पलवली गांव में एक ही रात में 5 लोगों की सामूहिक हत्या के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) ने सभी 28 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। 1208 पन्ने की इस चार्जशीट में पलवली गांव की सरपंच के पति वीरेंद्र उर्फ बिल्लू सहित नरेंद्र, धर्मेंद्र, लीलू व सुभाष को मुख्य आरोपी बनाया है, जबकि बाकी सभी को उनका साथ देने में बताया है। इस मामले में एसआईटी 11 लोगों को राहत देने की तैयारी में थी, मगर पीड़ित परिवार सहित ग्रामीणों ने पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरैशी से मुलाकात कर किसी को भी राहत देने पर धरने प्रदर्शन व सड़क जाम की चेतावनी दी थी। गत 17 सितंबर 2017 की शाम पलवली गांव की सरपंच दयावती के पति वीरेंद्र उर्फ बिल्लू के बेटे मिरिंडा और चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रहे बिजेंद्र के समर्थक कन्हैया के बीच झगड़ा हो गया था। चुनावी रंजिशें ताजा हो गईं और दोनों पक्ष एक आमने सामने आ गए थे। कुछ देर में बिल्लू परिवार की ओर से राइफल बंदूक आदि लेकर लोग आ गए है। बिल्लू पक्ष की ओर से की गई गोलीबारी में श्रीचंद, राजेंद्र, ईश्वर, नवीन और देवेंद्र की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस सामूहिक हत्याकांड में पलवली की तत्कालीन सरपंच दयावती, उनके पति पूर्व सरपंच बिल्लू, गुरुग्राम पुलिस में तैनात एएसआई धर्मेंद्र समेत 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज तथा वारदात में इस्तेमाल हथियारों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था। सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ सहित वारदात में शामिल आरोपियों की फोटो को बड़ा व साफ करके मंगवाया जाएगा। सीसीटीवी रिपोर्ट से मौके पर मौजूद लोगों की सही स्थिति के बारे में पता चल सकेगा। वहीं हथियारों की रिपोर्ट से पता चलेगा कि किस-किस हथियार से गोलियां चली हैं और उसे किसने चलाया है। अदालत में आरोप सिद्ध करने में यह दोनों रिपोर्ट अहम रहेंगी। सूत्रों के अनुसार दोनों रिपोर्ट आने के बाद पता चल जाएगा कि हत्याकांड में किस की क्या भूमिका रही। वहीं हथियारों की रिपोर्ट से पता चलेगा कि कितने हथियारों से गोली चलाई गई, जिसके बाद शेष आरोपियों को जमानत मिल सकती है।