पुलिस ग्राउंड पर आयोजित मुख्यमंत्री कप स्पर्धा में हंगामा, खिलाड़ियों को नहीं मिला खाना

छिंदवाड़ा, खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा पुलिस ग्राउंड पर आयोजित मुख्यमंत्री कप स्पर्धा में समापन से कुछ देर पहले शनिवार को खासा हंगामा खड़ा हो गया। कारण था खिलाड़ियों को भोजन न मिलना। इसको लेकर जब एक कोच ने आवाज उठाई तो खेल एवं युवक कल्याण अधिकारी उन पर ही बरस पड़ी। मामला कुछ यूं था कि खेल स्पर्धाओं के बाद खिलाड़ियों को भोजन दिया जाना था जिसकी जवाबदारी खेल एवं युवक कल्याण अधिकारी की थी। जब भोजन का समय आया तो वहां भोजन की जगह खाली बर्तनों के सामने खिलाड़ियों को प्लेट पकड़ाकर खड़ा करवा दिया गया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब भोजन की व्यवस्था नहीं हुई तो एक टीम के कोच ने आवाज उठाई। इस पर वहां मौजूद जिम्मेदार खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी सुनीता यादव उक्त कोच पर भड़क गईं और खरी-खोटी सुना दी। उस कोच की गलती इतनी थी कि वह खिलाड़ियों को भूखा खड़ा नहीं देख सका। सुनीता यादव ने सार्वजनिक रूप से उस कोच की शिकायत करने की धमकी भी दे डाली। आश्चर्य की बात है कि जब तक हंगामा नहीं हुआ तब तक खेल अधिकारी बेफिक्र ग्राउंड पर घूमती रहीं। उन्होने भोजन के तय समय से पहले तक व्यवस्थाओं का जायजा लेने की जहमत तक नहीं उठाई।
मीडिया पर निकाला गुस्सा
भोजन के साथ मैदान पर पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। खिलाड़ी पानी के लिए भी भटकते रहे। इस दौरान कुछ मीडियाकर्मी वहां पहुंच गए और उन्होने पानी की खाली केन की फोटो खींची तो सुनीता यादव उन पर भड़क गईं। उनका कहना था कि वे फोटो न खींचें। जब अव्यवस्थाओं से संबंधित सवाल पूछे गए तो वे नेताओं को फोन लगाने लगीं। कुल मिलाकर उन्हेने जवाब देने के बजाय मामले को दबाने के कई प्रयास कर लिए।
जवाब तो मुझे देना है, मैनेज कर लूंगी
खबर छापने से कुछ नहीं होता, जवाब तो मुझे देना है। मैं मैनेज कर लूंगी। यह जवाब था जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी सुनीता यादव का। वे अव्यवस्थाओं से संबंधित सवाल पर मीडिया से रूबरू थीं। वे क्या और किसे मैनेज करने की बात कर रहीं थीं ये स्पष्ट नहीं किया। उल्टे भड़काऊ अंदाज में ही जवाब दे रहीं थीं। यहां तक कि उन्होने सबके साममने उस कोच के बारे में पतासाजी शुरू कर दी जिसने खिलाड़ियों के लिए आवाज उठाई थी।

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