निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 52 % मतदान

लखनऊ, उप्र में तीन चरणों में हो रहे स्थानीय निकाय चुनावांे के तहत रविवार को दूसरे चरण में छिटपुट षिकायतों के बीच मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इस दौरान मतदाता सूची से नाम न होने और ईवीएम की गड़बड़ी की षिकायतें भी दर्ज की गयी। स्थिति यह थी कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कलराज मिश्र और पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण मताधिकार का प्रयोग किये नहीं कर सके। वहीं इन्हीं षिकायतों को लेकर विरोध और हिंसा की छिटपुट घटनाओं भी हुई। इसी उठापटक के बीच दूसरे चरण में 25 जिलों में करीब 52 फीसदी मतदान हुआ जो वर्ष 2012 की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि दूसरे चरण में प्रदेश के 25 जिलों में छह नगर निगमों, 51 नगर पालिका परिषदों तथा 132 नगर पंचायतों के लिये मतदान हुआ। इस दौरान औसतन 51 से 53 प्रतिशत वोट पड़े। वर्ष 2012 में यह आंकड़ा 43.67 प्रतिशत था। उन्होंने दावा किया कि मतदान के दौरान पूरे प्रदेश में कोई हादसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में गोली चलने की झूठी खबर फैली। वहीं अलीगढ़ में दो पक्षों में झगड़ा हुआ लेकिन मतदान पर कोई असर नहीं पड़ा। पुलिस ने स्थिति को फौरन नियंत्रण में ले लिया। इसके अलावा भदोही और वाराणसी में कुछ लोगों ने वोट डालने के लिये फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल की कोशिश की लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मैनपुरी में गोलीबारी की खबर आयी। वहां के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि गोली चली है या पटाखा जलाया गया है। श्री अग्रवाल ने नगर निगम क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत में कोई खास सुधार नहीं होने पर चिंता जाहिर करते कहा कि मतदाता सूची और अन्य बातों को लेकर सबसे ज्यादा शोर लखनऊ में मचता है। फिर भी वर्ष 2012 में यहां 34. 3 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो इस बार घटकर 34.2 प्रतिशत रह गया। ऐसे ही इलाहाबाद में 2012 में 27.2 प्रतिशत वोट पड़े थे, जो इस बार 30-32 प्रतिशत के आसपास है। अलीगढ़ में 42 फीसद था, जो इस बार 47 प्रतिशत है। वाराणसी में जरूर सुधार हुआ है। वर्ष 2012 में वहां 34.9 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो आज बढ़कर 44 प्रतिशत हो गया।
इस बीच, इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी को लेकर आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी की शिकायतों के बीच राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि एम1 मशीन तो पुरानी है लेकिन कुछ जगहों पर एम2 मशीन भी बदलनी पडीं है। आखिरकार ये मशीनें हैं, जहां भी गडबड़ी होती है, उसे बदल दिया जाता है। हालांकि इससे मतदाता के जहन पर जरूर असर पड़ता है। मगर यह एक लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया का एक अंग है। कहीं भी ईवीएम को बदलने में 20 से 30 मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगा। उन्होंने उर्दू भाषा में मतदाता सूची प्रकाशित किये जाने की मांग पूरी करने में लाचारी जाहिर करते हुए कहा कि यह मुद्दा पहले भी उठा है लेकिन उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नगर पालिका अधिनियम के नियम संख्या पांच में लिखा है कि मतदाता सूची केवल देवनागरी लिपि में ही बनेगी। आयोग वही करेगा जो कानून में लिखा है। इसमें कोई बदलाव तो सरकार ही करेगी। यह हमारी विवशता है। इसमें हम कुछ कर नहीं सकते।
दूसरे चरण में 25 जिलों मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, इटावा, ललितपुर, बांदा, इलाहाबाद, लखनऊ, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सन्तकबीरनगर, देवरिया, बलिया, वाराणसी एवं भदोही में मतदान सम्पन्न हुआ। इस दौरान छिटपुट हिंसा की घटना फर्रुखाबाद नगर पालिका चुनाव में हुई। इस दौरान भाजपा नेता प्रान्शू दत्त द्विवेदी को निशाना बनाकर चलायी गयी गोली उसके वाहन चालक विजय मिश्रा के हाथ में लगी जिसे तत्काल एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव द्विवेदी ने बताया कि वह अपने घर के पास नाला मछरट्टा पर खड़े थे। इसी बीच कुछ सपा समर्थकों ने उन्हें निशाना बनाते हुए गोलियां चलायीं, मगर वह बच गये और गोली उनके वाहन चालक को लग गयी। उधर, शाहजहांपुर में चुनाव के दौरान पुलिस का भाजपाइयों से झगड़ा हुआ। यह विवाद रोटी गोदाम में स्कूल मतदान केंद्र के बाहर हुआ। इस चरण में छह महापौर पद के लिए 42 महिलाओं समेत 83 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। जबकि पार्षद पदों के लिए 4,344 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 51 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद के लिए 638 उमीदवार मैदान में हैं।

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