देश की यह उभरती फुटबॉलर मुंबई में फुटपाथ पर रह रही

मुंबई,देश में खेल और खिलाड़ियों को जहां प्रौत्साहन देने की बाते चल रही हैं। इसके बाद भी कई खिलाड़ी आज भी बदहाली में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। वहीं हाल में दिल्ली में मिशन-11 मिलियन प्रोग्राम का हिस्सा बनने पर सम्मानित 16 साल की फुटबॉलर मैरी प्रकाश नायडु मुंबई में अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर रह रही हैं। इसके बावजूद मैरी का सपना देश के लिए खेलना है। वह फुटबॉल को बेहद पसंद करती हैं और देश के लिए फुटबॉल खेलना चाहती हैं। मिशन-11 मिलियन स्कूलों में फुटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान था। मैरी को इसी अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्मानित किया था। मैरी ने कहा, ‘मैं भारत के लिए खेलना चाहती हूं। मैं इस खेल को काफी पसंद करती हूं लेकिन पिछले 2 साल से इसे लेकर ज्यादा गंभीर हुई हूं।’ किंग्स सर्कल स्टेशन के पास भारतीय इंद्रा नगर के फुटपाथ पर बनी एक झोपड़ी में मैरी अपने परिवार के साथ रहती है। मैरी के 5 सदस्सों के परिवार के अलावा यहां 67 और परिवार पिछले 8 साल से रहते हैं। सभी को पुनर्वास का इंतजार है। जब भी यहां तोड़फोड़ होती है तो मैरी अपनी यूनिफॉर्म, किताबें और मेडल्स खो देती हैं। मैरी ने कहा, ‘मैं यहां पैदा हुई थी। इससे पहले हमारे पास एक घर था जो 2010 में ढहा दिया गया। उसके बाद से हम लोग ऐसे ही रह रहे हैं।’
मैरी धारावी के स्कूल में पढ़ती हैं। उनके स्कूल छत्रपति शिवाजी विद्यालय की प्रिंसिपल वीना राजेंद्र दोनवलकर ने कहा, ‘पता नहीं ऐसा क्यों होता है, समझ नहीं आता कि बीएमसी को किताबें इतनी पसंद क्यों हैं। हमने इस साल मैरी को यूनिफॉर्म के 3 सेट दिए गए थे लेकिन तोड़फोड़ के दौरान सभी उठा लिए गए। किताबें भी गुम हो गईं। इसलिए हमने एक सेट उसके लिए स्कूल में ही रख दिया है।’ दिल्ली में मैरी को पीएम मोदी से सम्मान मिलने के बाद स्कूल ने उसे 25 हजार रुपये का इनाम भी दिया था। इसके अलावा स्थानीय कांग्रेस नेता कचरु यादव ने एक एनजीओ के साथ आयोजित एक कार्यक्रम में 25 हजार रुपये का चेक भी मैरी को सौंपा। युनाइटेड नाम की यह एनजीओ मैरी को फुटबॉल कोचिंग दिला रही है। वह मुंबई डिस्ट्रिक्ट फुटबॉल असोसिएशन के लिए खेलती हैं। इससे पहले भी समय-समय पर कई खिलाड़ियों की बदहाली के मामले सामने आते रहे हैं पर लगता है खेल विभाग इसपर मौन साधे रहता है। अगर ऐसा नहीं होता तो लगातार ऐसे मामले एक के बाद एक सामने नहीं आते।

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