शिमला, हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान कराने वाले सरकारी कर्मचारियों को दूरदराज में स्थित कुछ मतदान केंद्र तक पहुंचने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। नौ नवंबर को मतदान कराने वाले दल को ऊबड़-खाबड़ रास्तों और घने जंगलों से ही नहीं गुजरना होगा, भयानक सर्दी भी उनके लिए एक बड़ी समस्या साबित हो सकती है। उदाहरण के लिए कांगड़ा जिले के बारा भागल मतदान केंद्र को लिया जा सकता है, जो सड़क संपर्क से नहीं जुड़ा है। राज्य के संभवत: सबसे दूर स्थित इस मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 75 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। स्थानीय परिस्थिति से अभ्यस्त लोगों को यहां तक पहुंचने में दो दिन का समय लगता है। मतदान दल यह दूरी कम से कम तीन दनों में पूरी कर पाएगा। इस कठिनाई को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान दल को चापर से भेजे जाने की योजना बनाई गई है।
मौसम अच्छा नहीं रहा तो मतदान दल को चापर से भेजा जाना भी संभव नहीं होगा। यदि यहां मतदान के दिन बर्फ गिरनी शुरू हो गई, तो मतदान दल के पास पदयात्रा का ही विकल्प बचेगा। इसी तरह लाहौल स्पीति के कुछ मतदान केंद्र, मुख्य सड़क से बहुत ऊंचाई पर हैं। ऊंचाई पर लंबी चढ़ाई के बाद ही वहां पहुंचा जा सकता है। इस तरह से यह चुनाव मतदान दल के लिए भी एक चुनौती की तरह है। निर्वाचन आयोग ने सर्दी के मौसम को देखते हुए ही हिमाचल प्रदेश में गुजरात से पहले चुनाव कराने का निर्णय लिया था। लेकिन क्रमश: बढ़ रही सर्दी ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं।