आतंकी समूहों को समर्थन देना जारी रखा तो पाक के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता हैं अमेरिका : मैटिस

वॉशिंगटन,पाकिस्तान को लेकर अमेरिका का रुख खासतौर पर डोनाल्ड ट्रंप सरकार का रुख बहुत ही सख्त नजर आ रहा है। पहले भी पाक को चेतावनी दे चुके अमेरिका ने एक बार फिर पाक को चेताया है। गुरुवार को रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अपने तौर तरीके नहीं बदलता है और आतंकी समूहों को समर्थन देना जारी रखता है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उसके खिलाफ हर जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं। मैटिस ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर वह अपनी धरती पर आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसे वैश्विक स्तर पर ‘राजनयिक रूप से अलग-थलग’ किया जा सकता है और उससे गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीना जा सकता है। इसके साथ ही दक्षिण एशिया एवं अफगानिस्तान पर कांग्रेस के समक्ष बहस में मैटिस ने सदन की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया,यदि हमारे सर्वोत्तम प्रयास भी नाकाम साबित होते हैं तो ट्रंप सरकार कोई भी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं।वहीं सदन में मौजूद कांग्रेस सदस्यों ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने मैटिस से इस बाबत कई सवाल भी पूछे। मैटिस ने कहा कि यदि पाकिस्तान क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में काम नहीं करता है तो अमेरिका के पास कई शक्तिशाली विकल्प मौजूद हैं ।
उन्होंने कहा,इस वक्त मैं यह सोचना चाहता हूं कि हम अपने प्रयास में सफल होने वाले है। आतंक के खिलाफ बढ़ते सामंजस्य के चलते वह खुद को राजनयिक स्तर पर अलग-थलग पाएगा। मैटिस ने दूसरे पक्ष का ध्यान दिलाते हुए कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ आने में पाकिस्तान को बहुत फायदा है और हमें इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। लेकिन अगर वह किसी अन्य दिशा में जाना चाहते हैं तो इसका दंड भी उतना ही अधिक है। कांग्रेस सदस्य रिक लार्सन ने पूछा कि पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले कदमों में क्या गैर नाटो का दर्जा छीनने की भी एक संभावना है, इस पर मैटिस ने कहा,निश्चित ही। पाकिस्तान पर मैटिस के कड़े बयान ऐसे समय आए हैं जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के प्रयासों के तहत अमेरिकी दौरे पर हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा की थी जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त नीति अपनाई थी।

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