नई दिल्ली,सीबीआई ने एयरसेल मैक्सिस मामले में फंसे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कार्ति ने इस साल मई, जून और जुलाई में विदेश यात्रा के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष एजेंसी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने में सक्षम हैं, इसलिए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की जरूरत है। उन्होंने अपनी विदेश यात्रा के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की है। मेहता ने पीठ से कहा कि कार्ति ने 13 मई से 18 मई के बीच और जून व जुलाई के दूसरे सप्ताह में विदेश यात्राएं की और सबूतों से छेड़छाड़ की।
इससे पूर्व कार्ति चिदंबरम ने इस मामले में सीबीआई की ओर से जारी सम्मन को गैर कानूनी एवं दुभार्वनापूर्ण करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सीबीआई को अभिवेदन देकर कार्ति ने कहा कि उन्होंने एजेंसी के सम्मन को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। उन्होंने जांच एजेंसी से कहा कि पूछताछ के लिए पेश होने के लिए उन्हें जो सम्मन जारी किए गए हैं, वे गैरकानूनी हैं, बदनीयती से जारी किए गए हैं और इसके पीछे इरादा उनको तथा उनके परिवार को परेशान करने का है। कार्ति ने अपने वकील अरूण नटराजन के मार्फत जांच दल को अभिवेदन देकर कहा है कि सीबीआई उनकी पेशी के लिए दबाव न बनाए। अभिवेदन में कहा गया है कि उनके मुवक्किल ने उन्हें सम्मन जारी करने के सीबीआई के कृत्य को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट अर्जी लगायी है।
कार्ती ने विदेश यात्रा के दौरान सबूतों से की छेड़छाड़ : सीबीआई
