भोपाल,प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 43 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। फिर भी सरकार वर्ष 2011 के बाद से पात्रता परीक्षा नहीं करा सकी है। बेरोजगारों की संख्या बढ़ने से सरकार पर भी नौकरी के लिए दबाव बन रहा है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग हर साल परीक्षा कराने की कोशिशों में जुट गया है। संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा हर साल कराने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। इस परीक्षा की जिम्मेदारी मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल को सौंपी जा सकती है। मंडल ने जिम्मेदारी लेने से पहले व्यवस्थाएं बनाने के लिए समय मांगा है। इसे लेकर स्कूल शिक्षामंत्री विजय शाह और मंडल के अध्यक्ष एसआर मोहंती के बीच पहले दौर की बैठक हो चुकी है।
सूत्र बताते हैं कि जैसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) टीचर एलिजिबिलटी टेस्ट (सीटीईटी) लेता है, ठीक वैसी ही व्यवस्था मंडल बनाएगा। हालांकि इसके नियम मंडल की परीक्षा को लेकर सहमति मिलने के बाद ही बनाए जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल होने के लिए 3 या 5 साल का मौका दिया जा सकता है। यदि इस अवधि में भर्ती नहीं निकलती है, तो उसकी पात्रता समाप्त हो जाएगी और उसे फिर से परीक्षा देनी होगी। इस निर्णय से जहां हर साल बेरोजगार शिक्षक बनने की पात्रता हासिल कर सकेंगे। वहीं मंडल का आर्थिक फायदा भी होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि शुरू के दो से तीन साल पात्रता परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में होगी, तो आगे हर साल 50 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।