नई दिल्ली,जस्टिस एसएन ढींगरा कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हरियाणा की तत्कालीन भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को फायदा पहुंचाने के लिए गुड़गांव में एक सेक्टर का प्लान बदला था। कमिशन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा में जमीन के सौदे में एक रुपया के खर्च बिना अनुचित रूप से 50.5 करोड़ रुपये कमाने का दोषी पाया है।
कमिशन ने कहा कि गुड़गांव के सेक्टर 82ए और 83 के बीच की रोड को कुछ जमीन मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए बदला गया था। इससे सबसे अधिक फायदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को हुआ, जिसकी 50 फीसदी जमीन रिहायशी इलाके में स्थित रोड पर थी। रोड पर एक मोड़ दिया गया था और इसे स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की जमीन के बाहर से ले जाया गया था, जिससे कंपनी की पूरी जमीन व्यावसायिक भूक्षेत्र में आ गई थी। हालांकि, एक अमेरिकी कंपनी ने इस रोड को बदलने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद हुड्डा सरकार ने चार अक्टूबर 2008 को सेक्टर 82 और 83 से जुड़ा दूसरा बदलाव किया था। इसमें दोनों सेक्टर के बीच की रोड को वास्तविक स्थिति में दोबारा बदल दिया गया था, लेकिन इसके साथ ही कुछ अन्य बदलाव भी किए गए थे।
कमिशन ने कहा कि सेक्टर 81 और 82 को बांटने वाली रोड की स्थिति और व्यावसायिक भूक्षेत्र और एनपीआर के पास रिहायशी क्षेत्र को अलग करने वाली रिहायशी जोन रोड को भी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को फायदा पहुंचाने के लिए बदला गया था। कमिशन ने सेक्टर 83 के वास्तविक और बदले गए प्लान की कॉपी भी पेश की है। इसका कहना है कि रोड पर मोड़ देकर स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की 1.35 एकड़ जमीन को व्यावसायिक प्रक्षेत्र में लाया गया था। कमिशन ने कहा है कि अलग-अलग सेक्टरों के प्लान में लगभग सभी बदलाव डायरेक्टर टाउन कंट्री प्लानिंग (डीटीसीपी) या मुख्यमंत्री के निर्देश पर किए गए थे। इस बारे में लिखित निर्देश न होने के कारण निचले स्तर के कर्मचारियों को ऐसे बदलाव करने की भी छूट मिल गई थी, जिनसे उनके चहेते लोगों को फायदा हो सकता था। इस मामले में एक शिकायतकर्ता ने कहा था कि प्लान बदलना अधिकारियों के लिए सोने की खान की तरह था। प्लान में बदलाव कुछ बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे। कमिशन का मानना है कि प्रत्येक बिल्डर ने प्लान में बदलाव करने के लिए कीमत भी चुकाई थी।